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Monkeypox in Children: बच्चों पर मंकीपॉक्स का जोखिम, पेरेंट्स को पता होनी चाहिए ये बातें

Monkeypox in Children: भारत सहित पूरी दुनिया में तेजी से मंकीपॉक्स का संक्रमण बढ़ रहा है। ये संक्रमण सिर्फ व्यस्कों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी देखने को मिल रहा है।

Anupma Raj
Written By Anupma Raj
Published on: 2 Aug 2022 4:56 AM GMT (Updated on: 2 Aug 2022 7:11 AM GMT)
Monkey Pox Symptoms and Treatment
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Monkeypox (Image: Social Media)

Monkey Pox in Children: भारत सहित पूरी दुनिया में तेजी से मंकी पॉक्स का संक्रमण बढ़ रहा है। ये संक्रमण सिर्फ व्यस्कों में ही नहीं बल्कि बच्चों में भी देखने को मिल रहा है। इसलिए जरूरी है कि पेरेंट्स अपने बच्चों को लेकर इस महामारी से होने वाले जोखिम को लेकर सावधान रहें। दरअसल आने वाले दिनों में 8 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मंकीपॉक्स के गंभीर लक्षण होने का खतरा अधिक होता है।

हालांकि नवजात या बेहद छोटे बच्चे के लिए इसके बेहद खतरनाक होने की संभावना फिलहाल कम है। मंकी पॉक्स के लक्षणों में फुंसी जैसे दाने, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और पीठ दर्द, सूजी हुई लिम्फ नोड्स, ठंड लगना और थकावट शामिल हैं। इसके अलावा गले में खराश, नाक बंद या खांसी जैसे श्वसन संबंधी लक्षणों को भी देखा जा सकता हैं। ऐसे में माता पिता को कुछ बातों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि पेरेंट्स को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

दरअसल WHO ने मंकीपॉक्स को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। बच्चों को भी, किसी भी व्यक्ति की तरह, मंकीपॉक्स हो सकता है, लेकिन अभी उनके जोखिम में होने की संभावना बहुत कम है। हजारों मामलों में से सिर्फ दो बच्चों में मंकी पॉक्स की पुष्टि हुई है। जिसका मतलब यह है कि कम से कम अभी के लिए, माता-पिता को बच्चों के संक्रमित होने के बारे में ज्यादा चिंतित नहीं होना चाहिए। हालांकि इसको लेकर सावधान रहना बेहद जरूरी है। गले लगाने, कपड़ों या लिनेन जैसी वस्तुओं को छूने के माध्यम से भी मंकी पॉक्स हो सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य तरीके भी हैं, जैसे: यह बूंदों के माध्यम से फैल सकता है या दूषित कपड़े, बिस्तर, फर्नीचर और संभवतः अन्य साझा वस्तुओं के संपर्क में आने से फैल सकता है। हालांकि अधिकांश संक्रमण सक्रिय दाने वाले किसी व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से हो सकता है।

बता दे कि फिलहाल पूल और चेंजिंग रूम जैसे सार्वजनिक स्थानों पर संपर्क करने से बच्चों को मंकीपॉक्स नहीं होता है। दरअसल वायरस को फैलने के लिए अंतरंग, लंबे समय तक संपर्क की आवश्यकता होती है। जिसका मतलब ये हो सकता है कि बच्चों को स्कूल में वायरस मिलने की संभावना कम हैं। लेकिन अगर आपके बच्चे में ऐसे लक्षण नजर आ रहें हैं जिन पर आपको संदेह है कि वह मंकीपॉक्स हो सकता है या आपका बच्चा सीधे मंकीपॉक्स वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में आया है, तो इसकी जांच कराएं। इसके अलावा माता पिता को मंकीपॉक्स की जानकारी से भी अपडेट रहना चाहिए, क्योंकि स्थिति तेजी से बदल सकती है। इसलिए पेरेंट्स को बच्चों को नियमित रूप से हाथ धोने, मास्क पहनने और COVID-19 जैसी बीमारियों को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अन्य चीजों की आदत के लिए गाइड करना चाहिए। हालांकि मंकी पॉक्स को लेकर फिलहाल बच्चों में कोई खास मामले सामने नहीं आए हैं लेकिन फिर भी आने वाले दिनों में आंकड़े बदल भी सकते हैं। इसलिए अभी से ही सावधान रहने की जरूरी है। जिससे मंकी पॉक्स को फैलने से रोकने में मदद मिल सके।










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Sports Content Writer

My name is Anupma Raj. I am from Patna. I'm a content writer with more than 3 years of experience.

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