TRENDING TAGS :
भारत में प्लान तैयार: ऐसे लगेगी लोगों को कोरोना वैक्सीन, पढ़ें पूरी खबर
सरकार ने कोरोना वैक्सीन प्रोग्राम के लिए 50 हजार करोड़ रुपये रखे हैं। हर व्यक्ति को वैक्सीन लगाने में 400 से 500 रुपये प्रति व्यक्ति का खर्चा आयेगा।
नई दिल्ली: भारत सरकार ने एक अरब 30 करोड़ लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुँचाने की की तैयारियां शुरू कर दी है। इस काम में अरबों रुपये खर्च होंगे, दसियों लाख स्वास्थ्य कर्मी और वालंटियर्स लगाये जायेंगे। वैक्सीन लोगों तक पहुंचाने के काम में निजी सेक्टर का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
सरकार ने कोरोना वैक्सीन प्रोग्राम के लिए 50 हजार करोड़ रुपये रखे हैं। हर व्यक्ति को वैक्सीन लगाने में 400 से 500 रुपये प्रति व्यक्ति का खर्चा आयेगा।
ये भी पढ़ें:केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वोकल फॉर लोकल के तहत लॉन्च किए खादी के जूते
वैक्सीन लोगों तक पहुंचाने के काम के लिए एक नेशनल एक्सपर्ट पैनल बनाया गया है। हाल में पैनल ने एक बैठक की जिसमें वैक्सीन की खुराक देने वाले लोगों को पहले एसएमएस करना, हर खुराक के बाद क्यूआर कोड सर्टिफिकेट जनरेट करना और वैक्सीनेशन के लिए चुनावों की तर्ज पर स्कूलों का इस्तेमाल करने जैसे उपायों पर चर्चा शामिल रही।
वैक्सीनेशन अभियान सिर्फ मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसमें चुनावी में मतदान बूथ की तर्ज पर स्कूलों को भी शामिल किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि जुलाई तक उसे 20-25 करोड़ लोगों को देने के लिए कोरोना वैक्सीन की 40-50 करोड़ खुराकें मिल जाएंगी। केंद्र ने राज्यों से उन लोगों के आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं, जिन्हें सबसे पहले खुराक दी जाएगी।
corona-testing (Photo by social media)
इंटेलिजेंस नेटवर्क
वैक्सीन के स्टॉक पर डिजिटली नजर रखने के लिए तैयार किए गए इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क पर एक नया फीचर जोड़ने का फैसला किया गया है। यह फीचर वैक्सीन की खुराक लेने वाले व्यक्ति को ट्रैक करेगा। वैक्सीनेशन अभियान कई चरणों में चलाया जाएगा और इसमें लोगों को एक से ज्यादा खुराक दी जाएगी। ऐसे में खुराक देने का दिन और समय निश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है। इससे उन लोगों को वैक्सीन लगने से पहले मैसेज मिल जाएगा कि उसे किस तारीख को कितने बजे और किस जगह पर वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इससे उसे भी समय से जानकारी मिल सकेगी और उसका डाटा भी स्टोर हो सकेगा।
मिलेगा डिजिटल सर्टिफिकेट
एक बार जब किसी को खुराक दे दी जाएगी, उसके बाद अगर उसमें कोई साइड-इफेक्ट नजर नहीं आते हैं तो यह प्लेटफॉर्म एक क्यूआर आधारित डिजिटल सर्टिफिकेट जनरेट करेगा। इसे डिजिलॉकर में रखने का भी विकल्प मिलेगा।
स्पेशल टीकाकरण प्रोग्राम
वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद इसे 'विशेष कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम' के तहत वितरित किया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार सीधे वैक्सीन खरीदेगी और आधिकारिक समूहों के जरिए प्राथमिक समूहों तक फ्री में पहुंचाएगी। वैक्सीन राज्यों और जिलों के नेटवर्क के आधार पर प्राथमिक समूहों तक पहुंचाई जाएगी। सरकार ने राज्यों को अपने स्तर पर वैक्सीन की खरीद करने से मना किया है। वैक्सीनेशन के लिए चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
आवश्यक सेवाओं और 50 से ज्यादा उम्र वाले पहले पाएंगे वैक्सीन
केंद्र ने राज्यों की मदद से करीब 30 करोड़ प्राथमिकता समूहों के लोगों की पहचान की प्रक्रिया शुरू की है। प्राथमिकता समूहों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें डॉक्टर, मेडिकल छात्र, नर्स और आशा कार्यकर्ता सहित एक करोड़ स्वास्थ्य पेशेवर, नगर निगमों के श्रमिकों, पुलिस और सशस्त्र बलों के कर्मियों सहित करीब दो करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता, 50 साल से ऊपर के लोग और अन्य बीमारियों से ग्रसित 50 वर्ष से कम आयु के लोग शामिल हैं।
corona-testing (Photo by social media)
भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया पांच तरह की कोरोना वैक्सीन की एक अरब डोज़ तैयार कर रहा है। कंपनी के सीईओ अदर पूनावाला ने कहा है कि अगले साल की शुरुआत से उनकी कंपनी वैक्सीन लांच कर देगी और उसके बाद से हर तिमाही पर कम से कम एक वैक्सीन लांच की जायेगी। सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीनों में कोवीशील्ड, कोवोवैक्स, कोवीवैक्स, कोवी वैक और एसआईई कोवैक्स शामिल हैं। इनमें कोवीशील्ड का डेवलपमेंट ऑक्सफ़ोर्ड-आस्ट्रा ज़ेनेका के सहयोग से किया जा रहा है। इस वैक्सीन का तीसरे फेज़ का ट्रायल भारत में चल रहा है। पूनावाला का कहना है कि कंपनी 2-3 करोड़ डोज़ पहले से ही बना रही है और महीने भर में प्रोडक्शन बढ़ा कर 7-8 करोड़ किया जा सकता है।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।