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Poonam Pandey Death: एक्ट्रेस पूनम पांडेय की जिस सर्वाइकल कैंसर से हुई मौत, जानिए कैसे होता है ये

Poonam Pandey Death: 32 साल की एक्ट्रेस-मॉडल पूनम पांडेय का सर्वाइकल कैंसर की वजह से निधन हो गया। आइये जानते हैं सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और बचाव क्या हैं।

Shweta Srivastava
Published on: 3 Feb 2024 4:39 PM IST
Poonam Pandey Death
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Poonam Pandey Death (Image Credit-Social Media)

Poonam Pandey Death: बॉलीवुड एक्ट्रेस-मॉडल पूनम पांडे की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो गई हैं। पूनम पांडे का गुरुवार रात निधन हो गया था। वो महज़ 32 साल की थीं। इसकी जानकारी उनके आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से किए गए एक पोस्ट के ज़रिये हुई जिसमे कहा गया कि उनकी मृत्यु सर्वाइकल कैंसर के कारण हुई। इस खबर को जिसने भी सुना वो शॉकड रह गया। आइये जानते हैं कि आखिर क्या होता है सर्वाइकल कैंसर इसके लक्षण और बचाव क्या हैं।

क्या है सर्वाइकल कैंसर जो बना पूनम पांडेय की मौत की वजह

32 साल की एक्ट्रेस-मॉडल पूनम पांडेय अपने बोल्ड लुक और बेबाक नज़रिये को लेकर काफी चर्चा में रहतीं थीं। लेकिन अचानक उनकी मौत की खबर ने सभी को हैरान कर दिया है। इसकी जानकारी उनके ऑफिशल इंस्टाग्राम अकाउंट से दी गयी। जिसमे कहा गया कि उनकी मौत की वजह सर्वाइकल कैंसर था। आपको बता दें ये महिलाओं को होता है जिसे बच्चेदानी का कैंसर भी कहा जाता है।

सर्वाइकल कैंसर या बच्चेदानी का कैंसर महिलाओं के सर्विक्स सेल्स यानी यूटरस के निचले हिस्से में होता है। आजकल दुनियाभर में इसके मामले काफी ज़्यादा बढ़ गए हैं। इसकी वजह है लोगों के बीच इसकी जानकारी का अभाव। वहीँ आपको बता दें कि 20 से ज़्यादा की उम्र की लड़कियों को इससे बचाव के लिए वैक्सीनेशन और रेगुलर जांच की डॉक्टर्स सलाह भी देते हैं। लेकिन अकसर महिलाओं को इसकी जानकारी नहीं होती जिसकी वजह से इसके मामले भारत और अन्य देशों में भी काफी ज़्यादा बढ़ गए हैं। आइये जानते हैं इसके लक्षण क्या हैं।

डॉक्टर्स की मानें तो सर्वाइकल कैंसर एक विशेष तरह के एचपीवी और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्‍शन की वजह से होता है। साथ ही एचपीवी की बात करें तो ये ह्यूमन पैपिलोमा वायरस का एक ग्रुप है जो अलग-अलग तरह के 14 से ज़्यादा वायरस होते हैं जो कैंसर पैदा कर देते हैं। इस वायरस के दो प्रकार सर्वाइकल कैंसर के लिए 70 फीसदी तक जिम्मेदार होते हैं। यूँ तो सर्वाइकल कैंसर के लक्षण ज़्यादा स्पष्ट नहीं हैं। यही कारण है कि इसे पहचानना आसान नहीं होता है। लेकिन इसके कुछ लक्षणों में वजन कम होना,वेजाइना से असामान्य ब्लीडिंग, पीठ के निचले हिस्से में दर्द लगातार बने रहना, वेजाइना से असामान्य रूप से लिक्विड बहना और मल त्याग करने में दिक्कत महसूस करना है। साथ ही इन सभी वजहों पर महिलाएं ज़्यादातर ध्यान नहीं देतीं हैं। जो आगे चलकर कैंसर का रूप ले लेता है।

सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है

सर्वाइकल कैंसर को अगर जल्दी पकड़ लिया जाए तो इसे रोका जा सकता है और इसका इलाज भी संभव है। एचपीवी टीकाकरण, नियमित सर्वाइकल कैंसर जांच और जरूरत पड़ने पर उचित उपचार से लगभग सभी सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है। एचपीवी टीकाकरण सर्वाइकल कैंसर को रोकने में मदद करने का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। इसके लिए आप डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

नोट- इस आर्टिकल में दी गयी जानकारी विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। न्यूज़ट्रैक इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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