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Mouth and Neck Cancer: मुंह और गर्दन के कैंसर से बचाव के लिए तत्काल बंद करें तंबाकू और शराब का सेवन
Mouth and Neck Cancer: सिर और गर्दन के कैंसर के मामले महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज़्यादा देखने को मिलते हैं। आमतौर पर यह परेशानी 50 साल की उम्र के बाद ही शुरू होती है।
Mouth and Neck Cancer: मुंह और गर्दन के कैंसर (mouth and neck cancer) के मामलों में दुनिया भर में हो रही तेज़ी से बढ़ोतरी एक गहरी चिंता का कारण है। यह बीमारी होने का मुख्य कारण व्यक्ति की जीवनशैली का विभिन्न कार्सिनोजेन्स के संपर्क में आना होता है।
बता दें कि इस बीमारी की चपेट में लगभग 85 प्रतिशत ऐसे लोग आते है जो तम्बाकू(tobacco) एवं उसके पदार्थों का लगातार सेवन करते है। एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि गत बीस सालों में युवाओं और किशोरों में सिर और गर्दन के कैंसर के मामलों में 51 प्रतिशत की वृद्धि पायी गयी है।
तंबाकू और शराब का प्रयोग तत्काल बंद
भारत में इसके बढ़ते आंकड़े डराने वाले हैं। बता दें कि भारत में इस कैंसर के हर साल 12 लाख नए मामले समक्ष आते हैं। जो बेहद चिंताजनक हैं। बता दें कि शोधकर्ताओं के अनुसार तंबाकू और शराब (tobacco and alcohol consumption) का प्रयोग तत्काल बंद करने से मुंह और गर्दन के कैंसर को रोका जा सकता है।
गौरतलब है कि सिर और गर्दन का कैंसर की शुरुआत आमतौर पर स्क्वैमस कोशिकाओं जो सिर और गर्दन के अंदर नम और म्युकोसल सतह में पाई जाती है, जैसे मुंह, नाक और गले के अंदर की तरफ से होती है। सिर और गर्दन में मौजूद इस तरह के कैंसर को स्क्वैमस सैल कैंसर भी (Squamous cell cancer) कहते है। इस प्रकार के कैंसर सैलाइवरी ग्लैंड्स से भी शुरू हो सकते हैं जिसके कम मामले देखे जाते हैं।
बता दें कि सिर और गर्दन के कैंसर के मामले महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज़्यादा देखने को मिलते हैं। आमतौर पर यह परेशानी 50 साल की उम्र के बाद ही शुरू होती है। इस कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू और शराब का नियमित सेवन है।
विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर को ऐसे रोग के रूप में परिभाषित किया है जहाँ शरीर की कुछ कोशिकाएं अनियन्त्रित रूप से बढ़ना शुरू कर देती हैं। जो शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाती हैं। अगर यही कोशिकाएं असामान्य रूप से सिर और गर्दन में बढ़ने लगें तो इसे सिर और गर्दन का कैंसर कहा जाता है। इसके शुरुआती लक्षण होते है ,जो शरीर में आयी असमानता की स्तिथि को बताती है। जैसे : नाक से खून आना, जबड़े में दर्द और सूजन होना , इसके अलावा मुंह में गांठ या घाव का ठीक न होना भी इसके शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
खास बात यह है कि यदि इस रोग का इलाज सही समय और सही तरीकों से शुरू हो जाये तो इस रोग का इलाज भी संभाव है। सर्वप्रथम रोग की रोकथाम के लिए तम्बाकू और शराब का (tobacco and alcohol )सेवन छोड़ना महत्वपूर्ण है। बता दें कि तम्बाकू और शराब के लगातार सेवन से कैंसर का खतरा दोगुना बढ़ जाता है।"
याद रखें कि आमतौर पर मुंह के कैंसर (mouth cancer) में मुंह के अंदर असामान्य रूप से गांठ बन जाता है, जिनमें से कुछ घाव अमूमन तीन सप्ताह तक दिखाई नहीं देते। ये सभी मुंह के कैंसर की शुरुआत के पहचान होते हैं। इसके लक्षणों(symptoms) में मुंह में दर्द या असहजता होना और मुंह में सफेद या लाल धब्बे होना भी कैंसर की शुरुआती संकेत माने जाते हैं।
मुँह में मौजूद इन घावों को ल्युकोपेनिया या एरिथ्रोप्लाकिया कहा जाता हैं। जिसका मुख्य कारण तम्बाकू या शराब का सेवन करना होता है। इन घावों को रोकने के लिए तम्बाकू या शराब का सेवन तत्काल बंद कर ओरल हाइजीन का ध्यान रखने से मुंह के कैंसर से बचा(prevention) जा सकता है।