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Health : रागी के छोटे-छोटे दानों में छिपा कई बीमारियों का इलाज
नई दिल्ली । रागी एक बहुत फायदेमंद मोटा अनाज है। रागी के छोटे-छोटे दानों में तमाम बीमारियों का इलाज छिपा रहता है। वजन कम करना हो, कब्ज की दिक्कत है, डायबिटीज हो, कैल्शियम की कमी हो, इन सबका बेहतरीन इलाज रागी है। 100 ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। रागी को नियमित खानपान में शामिल करना बॉडी रिलैक्सेशन के लिए भी फायदेमंद है। इसमें मौजूद तत्वों के चलते यह डिप्रेशन से निकलने में मदद करता है। गुस्से और इन्सोम्निया (अनिद्रा) से भी राहत दिलाता है। रागी से फायदे इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स की वजह से होते हैं। खासतौर पर ट्रिप्टोफैन और अमीनो एसिड नाम के एंटीऑक्सीडेंट्स रागी को बेहद स्पेशल अनाज बना देते हैं।
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रागी का सेवन त्वचा को जवां और चमकदार बना देता है। इसमें मौजूद मिथायोनिन और लाइसिन त्वचा की कसावट को बनाए रखने और झुर्रियों को रोकने में मदद करते हैं।
रागी पेट का भी भरपूर ख्याल रखता है। रागी को आहार का हिस्सा बनाने से ये पाचनतंत्र को ठीक रखता है। दरअसल रागी में मौजूद क्षारीय तत्व खाने को जल्दी पचाने में मदद करता है।
मौजूदा समय की बड़ी समस्याओं में से एक है हड्डियों से जुड़ी बीमारी। इसके लिए रागी बहुत फायदेमंद है। रागी में पाया जाने वाला फास्फोरस हड्डियों के विकास में सहायक होता है।
रागी का जरूरत से ज्यादा सेवन नुकसानदायक होता है। ज्यादा सेवन से शरीर में आक्जेलिक एसिड बढ़ता है। इसके अलावा गुर्दे की पथरी वालों को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
रागी के छिलकों को हटाकर ही सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसके छिलके को पचाने में दिक्कत होती है। इसके लिए रागी को पहले अच्छे से धो लें और उसके छिलके हटा दें।