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Restless Leg Syndrome: जाने क्या है रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम, इसके लक्षण और उपचार

Restless Leg Syndrome: दरअसल पैरों में दर्द होने का कारण अक्सर हम कैल्शियम की कमी समझते हैं हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है। पैर दर्द की समस्या को नॉर्मल समझ कर इग्नोर भी कर देते हैं।

Anupma Raj
Written By Anupma Raj
Published on: 7 Oct 2022 9:16 AM IST
Restless Legs Syndrome Treatment
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Restless Legs Syndrome (Image: Social Media)

Restless Leg Syndrome: दरअसल पैरों में दर्द होने का कारण अक्सर हम कैल्शियम की कमी समझते हैं हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है। कई बार पैर दर्द की समस्या को नॉर्मल समझ कर इग्नोर भी कर देते हैं। जिसका नतीजा बाद में गंभीर बीमारी बन जाती है। ऐसे में जब भी पैरों में दर्द हो इस बात पर भी ध्यान दे कि रात को सोते समय दर्द के साथ कहीं आपके पैरों में खिंचाव या कंपन तो महसूस नहीं होता? अगर ऐसे लक्षण नज़र आएं तो इसे नज़रअंदाज़ करने की गलती ना करे क्योंकि यह रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की समस्या हो सकती है। तो आइए जानते हैं क्या है रेस्टलेस लेग सिंड्रोम और इसके लक्षण और उपचार

क्या है रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (restless legs syndrome)

दरअसल रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम एक सामान्य अवस्था है जो आपके नर्वस सिस्टम (nervous system) पर असर करती है। जिसके कारण आप में पैर हिलाने की तीव्र इच्छा पैदा होती है। साथ ही यह आपके पाँव, पिंडली और जांघों में खराब अनुभव होने का कारण भी है जिसे आप अक्सर रेंगने जैसी सनसनी की तरह महसूस करते हैं। दरअसल इस समस्या में हमेशा ऐसा लगता है, जैसे पैरों पर कुछ रेंग रहा है और पैरों को थोड़ा हिलाने पर आराम मिलता है।

रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के लक्षण (restless legs syndrome Symptoms)

दर्द रहना

चिड़चिड़ापन होना

अवसाद की समस्या

प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना

जलन

बहुत धीमे और छोटे कदम लेना (जैसे रेंगना)

बिजली के झटके जैसे महसूस होना

खुजली होना

कराहना

झुनझुनी सा लगना

मांसपेशियों में खिंचाव होना

बेचैनी रहना

रेस्टलेस लेग सिंड्रोम उपचार (restless legs syndrome Treatment)

दरअसल रेस्टलेस लेग सिंड्रोम से छुटकारा पाने के लिए आप अपनी डाइट और अपनी लाइफस्टाइल में सुधार कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जि़यों, अंडा, चिकन और मिल्क प्रोडक्ट्स आदि को प्रमुखता से शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा एल्कोहॉल और सिगरेट से दूर रहना चाहिए। अगर आपकी उम्र चालीस साल अधिक है तो इस उम्र में इस समस्या से संबंधित लक्षण दिखाई दे, तो लापरवाही न करें बल्कि तुरंत डॉक्टर से मिलें। साथ ही अगर आपको हाई ब्लडप्रेशर या हृदय-रोग जैसी समस्याएं हों, तो ज्यादा सजग रहने की जरूरत होती है।




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Content Writer

My name is Anupma Raj. I am from Patna. I'm a content writer with more than 3 years of experience.

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