TRENDING TAGS :
Rnd Ke Tel Ke Fayde: झुर्रियों को दूर करने में कमाल का असर दिखाता है अरंडी का तेल
Rnd Ke Tel Ke Fayde aur Nuksan: इसके पौधे के बीजों में रिसिन नाम का ज़हरीला पदार्थ होता है। अरंडी की फलियों से निकाला यह तेल विभिन्न औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है।
Castor Oil Benefits and Side Effects: हमारे चारों ओर फैली हरियाली जिन्हें अक्सर हम जंगली पेड़ समझने की भूल कर बैठते हैं, जबकि इनमें हमारे शरीर के न जाने कितने असाध्य रोगों को ठीक करने शक्ति छिपी रहती है। इन्हीं में से एक जंगली पेड़ अरंडी का भी नाम शामिल है। अरंडी की पत्तियों से लेकर इसके बीज से निकले तेल का हमारी आयुर्वेद चिकित्सा में कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। अरंडी को अंग्रेजी में कैस्टर ऑयल कहा जाता है। अरंडी के तेल में 93þ रिसिनोलिक नामक वसा अम्ल होता है। जो त्वचा से संबंधित इलाज में बहुत फायदेमंद होता है।अरंडी के पौधे को आर्द्र और शुष्क जलवायु में लगाया जाता है। यह पौधा दक्षिण-पूर्वी भूमध्यसागरीय बेसिन, पूर्वी अफ़्रीका और भारत का मूल निवासी है। भारत में अरंडी की खेती गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, और राजस्थान के शुष्क इलाकों में की जाती है।
इसके पौधे के बीजों में रिसिन नाम का ज़हरीला पदार्थ होता है। अरंडी की फलियों से निकाला यह तेल विभिन्न औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। इसका रंग हल्का पीला होता है। इसकी खुशबू भी विशेष होती है। इसका उपयोग सौंदर्य लाभ और स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है, जैसे कि मांसपेशियों की समस्या, कब्ज, बालों की समस्याएं और जोड़ों के दर्द आदि में इसका उपयोग किया जाता रहा है। इसके साथ ही, यह त्वचा के देखभाल में भी उपयोगी है।
इसके नियमित उपयोग से स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। अरंडी के तेल का उपयोग प्राचीन काल से किया जा रहा है, जबकि आधुनिक चिकित्सा पद्वति में भी इसे प्राकृतिक उपचार के रूप में अधिक से अधिक लोग अपनाने लगे हैं।अरंडी के तेल के कई शानदार उपयोग हैं, जो इसे महत्वपूर्ण औषधि के तौर पर सिद्ध करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख उपयोगों का उल्लेख किया गया है-
कब्ज को दूर करने में (kabj door karne ke upay)
पेट से जुड़ी एक बहुत ही आम समस्या है कब्ज। अरंडी का तेल एक प्रभावी प्राकृतिक लैक्सेटिव है।
यह पेट साफ करने में मदद करता है और कब्ज को दूर करता है। यह अपनी खूबियों के चलते आंतों की गतिविधि को सुचारू रूप से काम करने में मददगार साबित होता है और पाचन तंत्र को बेहतर करता है।
शरीर में दर्द और सूजन को दूर करने में (Body Pain Ke Upay)
अरंडी में बड़ी मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
इसके तेल की मालिश मांसपेशियों की सूजन को भी कम करने में मददगार साबित होती है और दर्द में भी राहत मिलती है।
इम्यूनिटी को बढ़ाने में:
अरंडी के सही मात्रा में सेवन से शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद मिलती है।
शरीर के भीतर संक्रमण से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है।
त्वचा और बालों को स्वस्थ बनाने मेंः
अरंडी का तेल स्वास्थ्य के साथ ही साथ हमारी त्वचा के लिए फायदेमंद साबित होता है। यह हमारी त्वचा को नमी प्रदान करता है।
खासतौर से हमारे बालों की स्कैल्प में इसके इस्तेमाल से बाल स्वस्थ और मुलायम बनते है। यह बालों को घना, लम्बा और चमकदार बनाने में भी मदद करता है। साथी डैंड्रफ जैसी समस्या से निजात मिलती है।
झुर्रियों को कम करने में :
अरंडी के तेल में कहीं ऐसे जादुई गुण छुपे हुए हैं, जिसके लिए हम हजारों रुपए मार्केट में खर्च करते हैं। इनमें से एक है एंटी एजिंग प्रोडक्ट । वहीं अरंडी के तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बनाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।
अरंडी के तेल का इस तरह करें इस्तेमाल
कब्ज की समस्या में:
वर्तमान समय में कब्ज़ एक आम समस्या बन चुकी है। वहीं अरंडी का तेल इस समस्या के लिए एक प्रभावी उपाय साबित होता है। इसके सेवन से आंतों की गतिविधि बढ़ती है। यह बिना किसी जुलाब के प्राकृतिक रूप से पेट साफ करता है। कब्ज की समस्य में एक चम्मच अरंडी का तेल को गर्म दूध में मिलाकर सोने से पहले लेने से सुबह आसानी से पेट साफ हो जाता है। साथ ही इसका सेवन सलाद या अन्य व्यंजनों में मिलाकर भी किया जा सकता है।
मांसपेशियों को आराम देने मेंः
मांसपेशियों को आराम देने के लिए भी अरंडी का तेल काफी लाभकारी सिद्ध होता है। इसके लिए नहाने के गर्म पानी में कुछ बूँदें अरंडी के तेल की डालकर स्नान करें। यह शरीर के दर्द को कम करने में मदद करता है और मांसपेशियों को आराम देता है।
बालों और त्वचा को स्वस्थ करने में:
अरंडी के तेल का उपयोग करने के लिए, इसे सीधे त्वचा पर लगाया जा सकता है या इसे अन्य तेलों के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
बालों के लिएः
बालों में इसे लगाने के लिए, इसे सिर की त्वचा पर लगाकर कुछ घंटों के लिए छोड़ दें और फिर शैम्पू करें।
सही मात्रा में सेवन करें:
अरंडी के तेल की मात्रा पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। अधिक मात्रा लेने से दस्त बढ सकती है।इसलिए हमेशा सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें।वयस्कों को एक चम्मच और बच्चों को आधी चम्मच पर्याप्त होती है।अगर आप पहली बार इसका सेवन कर रहे हैं तो थोड़ी कम मात्रा से शुरू करें और धीरे-धीरे बढ़ाएं।इससे आपको इसके प्रभाव का सही अंदाजा लगेगा और आप इसे सही तरीके से उपयोग कर पाएंगे।
अरंडी के तेल के दुष्प्रभाव:
अरंडी के तेल के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक हैः
एलर्जीः
कुछ लोगों को अरंडी के तेल से एलर्जी हो सकती है, इसलिए पहले पैच टेस्ट करना आवश्यक है। वहीं यदि आप अन्य दवाएं ले रहे हैं, तो अरंडी का तेल लेने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लें।
गर्भावस्थाः
गर्भवती महिलाओं को अरंडी का तेल का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह गर्भपात का कारण बन सकता है।गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
पेट में दर्द की समस्या:
अधिक मात्रा में लेने से पेट में दर्द या ऐंठन हो सकती है।
एब्डोमिनल पैथोलॉजीः
पेट की किसी भी समस्या में इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। इसका अधिक सेवन शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन पैदा कर सकता है।