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Scrolling Phone Side Effects: पूरे दिन फोन करते रहते हैं स्क्रॉल? ब्रेन को बीमार बना सकती है ये आदत, अमेरिकी डॉक्टर ने बताए नुकसान
Scrolling Phone Side Effects: लगातार अधिक समय तक फोन के इस्तेमाल से ब्रेन पर बुरा असर पड़ता है। इससे फोकस में भी कमी आ जाती है।
Scrolling Phone Side Effects (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Scrolling Phone Negative Effects On Health: आज के युवा कई गलत आदतों को अपनाकर उसे अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना लेते हैं। उनमें से एक है फोन को पूरे दिन स्क्रॉल करते रहना। पूरे दिन फोन पर बने रहने से केवल आंखों को ही नुकसान नहीं होता है, बल्कि इससे आपकी मेंटल हेल्थ (Mental Health) भी प्रभावित होती है। यह दिमाग को थकाता है, जिससे आपके कॉग्नेटिव फंक्शन में बाधा आ सकती है। इस एडीक्शन की वजह से चीजों को अच्छे से समझने और फोकस करने की दिक्कत भी हो सकती है।
अक्सर लोगों का मानना होता है कि फोन को अधिक समय तक देखने से केवल आंखों को नुकसान पहुंचता है, लेकिन भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर सौरभ सेठी (Dr. Saurabh Sethi) ने उन नुकसानों को उजागर किया है, जो पूरे दिन फोन स्क्रॉल (Scrolling Phone All Day Side Effects) करने का कारण हो सकते हैं।
लगातार फोन स्क्रॉल करने के नुकसान (Effects Of Scrolling On Phone All Day)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
सौरभ सेठी, एक भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर हैं, जो इंस्टाग्राम पर हेल्थ से जुड़े टॉपिक पर वीडियो साझा कर लोगों को जागरुक करते रहते हैं। इस बीच उन्होंने अपने एक हालिया वीडियो में बताया है कि किस तरह पूरे दिन फोन स्क्रॉल करने से दिमाग (Brain) पर बुरा असर पड़ सकता है। आइए जानते हैं इन नुकसानों के बारे में।
1- इन कामों को करने में आती है समस्या
लगातार फोन का उपयोग करने से आपके ब्रेन में डोपामीन (Dopamine) भर जाता है, जिससे वह शीघ्र पुरस्कार पाने के लिए क्रेव करने लग जाता है। इससे पढ़ने या समस्या समाधान जैसे कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना कठिन हो सकता है, जो तत्काल संतुष्टि प्रदान नहीं करते हैं।
2- चितिंत और अकेलापन करने लगते हैं महसूस
इसके अलावा सोशल मीडिया (Social Media) जुड़ाव महसूस करने से संबंधित हार्मोन ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) को बाधित करता है। निकटता की भावनाओं को बढ़ावा देने के बजाय, दूसरों के जीवन की सही छवियों को स्क्रॉल करने से आप चिंतित (Stress) और अकेला (Lonely) महसूस कर सकते हैं।
3- होती है मानसिक थकान
स्क्रीन के अधिक इस्तेमाल करने से मानसिक थकान होती है। चूंकि निरंतर डोपामाइन रश आपके मस्तिष्क को रीसेट करने के लिए थका देता है। अधिक ध्यान केंद्रित करने और कम तनाव महसूस करने के लिए व्यायाम या दोस्तों के साथ समय बिताने जैसी ऑफलाइन एक्टिविटीज कर सकते हैं।
1 दिन में कितने घंटे मोबाइल चलाना चाहिए?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का कहना है कि अगर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को हेल्दी रूप से बड़ा होना है तो उनका स्क्रीन टाइम कम रखना चाहिए। वहीं, बात की जाए स्क्रीन टाइम की तो वह एज के मुताबिक कुछ इस तरह है। तीन से सात साल के बच्चों के लिए डेली 0.5-1 घंटा, 7-12 साल के बच्चों के लिए एक घंटा, 12-15 साल के बच्चों के लिए डेढ़ घंटे और 16+ के बच्चों को दो घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइमिंग नहीं रखने की सलाह दी जाती है।
नोट- यह खबर सामान्य जानकारी और लोगों को संभावित खतरे के प्रति जागरुक करने के लिए है। इसकी सत्यता, सटीकता या असर की जिम्मेदारी न्यूजट्रैक नहीं लेता है।