Multiple Myeloma In Hindi: मल्टीपल मायलोमा क्या है, जिससे पीड़ित थीं शारदा सिन्हा

Multiple Myeloma Kya Hota Hai: शारदा बीते कई सालों से एक बीमारी से जूझ रही थीं। इस बीमारी का नाम मल्टीपल मायलोमा (Multiple Myeloma) है, जो एक तरह का ब्लड कैंसर होता है।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 6 Nov 2024 3:54 AM GMT (Updated on: 6 Nov 2024 3:55 AM GMT)
Multiple Myeloma In Hindi: मल्टीपल मायलोमा क्या है, जिससे पीड़ित थीं शारदा सिन्हा
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शारदा सिन्हा (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Sharda Sinha Passes Away: 'बिहार की स्वर कोकिला' और पद्मश्री विजेता शारदा सिन्हा का निधन (Sharda Sinha Ka Nidhan) हो गया है। महापर्व छठ के लिए तमाम गीत गा चुकीं गायिका ने छठ पूजा के पहले दिन अंतिम सांसें लीं। इस खबर को सुनकर फैंस सदमे में हैं। शारदा बीते कई सालों से एक बीमारी से जूझ रही थीं। इस बीमारी का नाम मल्टीपल मायलोमा (Multiple Myeloma) है, जो एक तरह का ब्लड कैंसर (Blood Cancer) होता है। आइए जानें इस बीमारी के बारे में, इसके लक्षण क्या हैं, क्या इसका इलाज संभव है? आदि।

क्या होता है मल्टीपल मायलोमा (Multiple Myeloma Kya Hota Hai)

शारदा सिन्हा बीते 6 सालों से मल्टीपल मायलोमा नामक बीमारी से पीड़ित थीं। यह एक प्रकार का दुर्लभ ब्लड कैंसर (Blood Cancer) है, जो अस्थि मज्जा में प्लाज्मा कोशिकाओं में विकसित होता है। इस बीमारी में स्वस्थ प्लाज्मा कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं में बदल जाती हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। ये कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं।

ये घातक प्लाज्मा कोशिकाएं एम प्रोटीन नामक एक असामान्य एंटीबॉडी का उत्पादन करती हैं, जिसका उच्च स्तर मल्टीपल मायलोमा की एक विशिष्ट विशेषता है। इसमें रोगी की हड्डी, गुर्दे, लाल और सफेद रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स बनाने की क्षमता प्रभावित होती है।

मल्टीपल मायलोमा का कारण (Multiple Myeloma Causes In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

बात करें मल्टीपल मायलोमा होने की वजहों (Multiple Myeloma Hone Ke Karan In Hindi) की तो, यह कुछ आनुवंशिक उत्परिवर्तनों के कारण होता है, और ये उत्परिवर्तन हर इंसान में भिन्न होते हैं। हालांकि मल्टीपल मायलोमा को वंशानुगत बीमारी नहीं माना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो मायलोमा का कारण बनने वाले उत्परिवर्तन संभवतः लोगों की उम्र बढ़ने के साथ अनायास विकसित हो जाते हैं। इसके अलावा मोटापा, हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह और रुमेटीइड गठिया के चलते भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

मल्टीपल मायलोमा के लक्षण (Multiple Myeloma Symptoms In Hindi)

हर व्यक्ति में मल्टीपल मायलोमा के लक्षण (Multiple Myeloma Ke Lakshan) अलग-अलग होते हैं। अक्सर, बीमारी के प्रारंभिक चरण में, कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। कुछ लोगों में बिना किसी लक्षण के भी मल्टीपल मायलोमा होता है। इसके वैसे तो कई लक्षण होते हैं, लेकिन हड्डी का दर्द अक्सर पहला लक्षण बनकर उभरता है। इसके अन्य लक्षण इस तरह हैं-

1- थकान और कमजोरी महसूस करना

2- मतली और उल्टी

3- बाहों और पैरों में कमजोरी या सुन्नता होना

4- भूख न लगना

5- सामान्य से अधिक प्यास लगना

6- अस्पष्टीकृत वजन घटना

7- अस्पष्टीकृत बुखार

8- अधिक आसानी से चोट लगना या रक्तस्राव होना

9- भ्रमित या धुंधला महसूस होना।

क्या है मल्टीपल मायलोमा का इलाज (Multiple Myeloma Ka Ilaj)

मल्टीपल मायलोमा होने पर कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, स्टेम सेल ट्रांसप्लांट, इम्यूनोथेरेपी और कुछ अन्य थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए इस बीमारी के खतरे को कंट्रोल किया जा सकता है। वहीं, दर्द को कम करने के लिए पैरासिटामोल और ट्रामाडोल नाम की दवाएं रोगी दी जाती हैं। इसके अलावा इसमें हड्डियों को मजबूती देने वाली दवाओं के सेवन की भी सलाह दी जाती है।

कितने पर्सेंट लोग रहते हैं जिंदा

बता दें इस बीमारी से जूझ रहे रोगी कुछ सालों तक ही जिंदा रह पाते हैं। कुछ हेल्थ रिपोर्ट्स के मुताबिक, मल्टीपल मायलोमा में 40 से 50% लोगों का सर्वाइवल रेट केवल 5 साल तक ही होता है। जबकि 85 प्रतिशत लोगों की बस एक साल के अंदर ही मृत्यु हो जाती है। सही समय पर डायग्नोसिस होने पर 30 फीसदी लोग ही ऐसे होते हैं, जो 10 साल तक जी पाते हैं।

नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन सुझावों व उपायों पर अमल करने से पहले संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

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