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'डे' इन हिस्ट्री, 1 सितंबर: जर्मनी ने किया पोलैंड पर हमला, शुरू हुआ द्वितीय विश्व युद्ध

Aditya Mishra
Published on: 1 Sept 2018 1:23 PM IST
डे इन हिस्ट्री, 1 सितंबर: जर्मनी ने किया पोलैंड पर हमला, शुरू हुआ द्वितीय विश्व युद्ध
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लखनऊ: इतिहास एक दिन में नहीं बनता, लेकिन हर दिन इतिहास के बनने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। 1 सितम्बर के इतिहास के लिए भी यही मायने हैं। इस दिन इतिहास की कुछ बहुत महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं। जिसमें से एक घटना जर्मनी और पोलैंड से जुड़ी हुई है। आज ही के दिन जर्मनी ने पौलेण्ड पर हमला किया था और द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई थी। तो आईए जानते हैं, आज के दिन देश -विदेश में घटी कुछ अन्य प्रमुख घटनाओं के बारे में:-

लेखिका महाश्वेता देवी को मिला रेमन मैग्सेसे पुरस्कार

महाश्वेता देवी को 01 सितम्बर 1997 को रेमन मैग्सेस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। एशिया का नोबेल पुरस्कार कहा जाने वाला रेमने मैग्सेसे पुरस्कार महाश्वेता देवी साहित्य जगत में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया था। महाश्वेता देवी को भारतीय साहित्य जगत में छायावाद की एक महान लेखिका के तौर पर याद किया जाता है।

बता दे कि महाश्वेता देवी का जन्म 14 जनवरी सन् 1926 को ढाका ( बांग्लादेश) में हुआ था। उनके पिता मनीष घटक कवि और उपन्यासकार थे और मां धारित्री देवी की भी साहित्य में गहरी रुचि थी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा तो माता-पिता के पास रहकर हुई लेकिन साल 1936 में उन्हें उच्च शिक्षा के लिए शांतिनिकेतन भेजा गया।

महाश्वेता देवी ने यहां अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक की डिग्री हासिल की और कोलकाता विश्वविद्यालय में अंग्रेजी की प्रोफेसर के तौर पर नौकरी कर ली। हालांकि उन्होंने साल 1984 में नौकरी छोड़ दी और आगे लेखन करने का चुनाव किया। साल 1956 में प्रकाशित ‘झांसी की रानी’ उनकी पहली रचना है।

इसी से उन्होंने बता दिया था कि आने वाला वक्त उनके साहित्यिक रोशनी से जगमगाने वाला है। उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं में अग्निगर्भ, जंगल के दावेदार, हज़ार चौरासी की मां आदि हैं। लेखिका होने के साथ-साथ वे एक मानवाधिकार कार्यकर्ता भी थीं। उन्हें आदिवासियों के हक़ में खड़े होने के लिए भी जाना जाता है।

शुरू हुआ द्वितीय विश्वयुद्ध

01 सितंबर के दिन विश्व इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना हुई, जिसने आने वाले भविष्य में विध्वंश को जन्म दिया। इस घटना से आने वाले समय में विश्व की राजनैतिक, सामाजिक आयामों पर काफी फर्क पड़ा। इस दिन द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत हुई। इसकी शुरुआत जर्मनी के पोलैंड पर आक्रमण करने से हुई।

जर्मनी के पोलैंड पर आक्रमण किए जाने का कारण भी काफी दिलचस्प है। पहले विश्व युद्ध के बाद हुए तमाम नुकसान का जिम्मेदार जर्मनी को ठहराया गया था, इसलिए जर्मनी पर भारी जुर्माना लगा दिया गया। इस वजह से जर्मनी राजनैतिक और आर्थिक तौर पर काफी पीछे चला गया. 1933 में एडोल्फ हिटलर जर्मनी का शासक बना।

उसके मन में ये बात चल रही थी कि प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के साथ ज्यादती हुई है, इसलिए वो बदले की भावना में जल रहा था. पोलैंड प्रथम विश्व युद्ध के समय कोई राष्ट्र नहीं था. जर्मनी को इसका गठन बहुत खलता था।

बदले के उद्देश्य से जर्मनी ने 01 सितम्बर 1939 को पोलैंड पर हमला कर दिया। इस हमले की अगुवाई जर्मन सेनानायक वाल्थर ब्राखित्स ने की। इस हमले में एकसाथ टैंकों, भारी तोपों और मोटरगाड़ियों का उपयोग किया गया। इस हमले में जर्मनी की सेना के तीनों अंग भाग ले रहे थे। इस हमले को रोकने के लिए पेरिस और लंदन से जर्मनी के लिए चेतावनी जारी की गई।

लेकिन जर्मनी ने इनको दरकिनार कर हमला जारी रखा और आखिरकार उसने साईलिशिया पर कब्जा कर लिया।जर्मनी को थमता ना देख फ्रांस और ब्रिटेन ने 03 सितम्बर को उसके खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। बाद में पौलेण्ड पर सोवियत संघ ने भी हमला कर दिया और बस इसी के साथ दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो गई।

त्रिपुरा बना केंद्र शाषित प्रदेश

01 सितम्बर 1956 को त्रिपुरा एक केंद्र शाषित प्रदेश के तौर पर अस्तित्व में आया। राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के आधार पर त्रिपुरा को केंद्र शाषित प्रदेश बनाया गया था।इससे पहले 1949 तक त्रिपुरा में महाराजा वीरचंद्र केशर माणिक्य के उत्तराधिकारियों का शासन था।

कहा जाता है कि ययाति वंश के 39वें राजा त्रिपुरी के नाम पर इसका नाम त्रिपुरा पड़ा था। वैसे एक और तथ्य में ये कहा गया कि त्रिपुरा की स्थापना 14 वीं शताब्दी में माणिक्य नाम के इंडो-मंगोलियन आदिवासी मुखिया ने की थी। इसके बाद 1808 में ब्रिटेन ने इसपर अपना कब्जा जमा लिया। बाद में सन् 1972 में त्रिपुरा स्वतंत्र राज्य के तौर अस्तित्व में आया।

देश और दुनिया के इतिहास में 1 सितंबर कई कारणों से महत्वपूर्ण है, जिनमें से ये सभी प्रमुख हैं....

1511: पीसा काउंसिल खुला।

1807: अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति आरोन बर्र राजद्रोह के मामले में निर्दोष पाये गये।

1878: एम्मा एम नट्ट अमेरिका में पहली महिला टेलीफोन ऑपरेटर बनी।

1923: ग्रेट कैंटो भूकंप ने जापान के टोक्यो और योकोहामा में भयंकर तबाही मचायी।

1956: भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना हुई।

1972: मिस्र और लीबिया ने फेडरेशन बनाया।

1973: मशहूर धारावाहिक अभिनेता राम कपूर का जन्म हुआ।

2008: बाटा शू कंपनी के सीईओ रहे थॉमस जे बाटा का निधन।

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