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Diabetes: डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक हैं ये आदतें, आज ही बदल डालें

Diabetes: सलिए बेहद जरुरी है कई समय रहते आप अपनी कुछ आदतों सुधार लें ताकि दवा काम करती रहे। गौरतलब है कि डाय‍बिटीज में सिर्फ संयमित खानपान (Balance Diet) ही नहीं, बल्कि संतुलित जीवनशैली (Lifestyle Affect Diabetes) का भी होना भी बेहद आवश्यक है।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 15 Aug 2022 8:24 PM IST
diabetes food
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diabetes food (image credit : social media)

Diabetes: डायबिटीज (Diabetes) को नियंत्रित करने के लिए दवा, इंसुलिन (Insulin) और ख़ास तौर पर लाइफस्टाइल बेहद महत्वपूर्ण है। बता दें कि शुगर के मरीज़ों के लिए सबसे बड़ा चैलेंज डायबिटीज को संतुलित रखना होता है। इसके लिए वे दवा या इन्सुलिन के इंजेक्शन तक का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मधुमेह को कण्ट्रोल में रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ आपकी लाइफस्टाइल होती है। जी हाँ , आपकी कुछ गलत आदतें आपको गहरी परेशानियों में डाल सकती हैं। कई बार आपकी गलत आदतों की वजह से कुछ दवाएं भी सही तरीके से काम नहीं कर पाती हैं। इसलिए बेहद जरुरी है कई समय रहते आप अपनी कुछ आदतों सुधार लें ताकि दवा काम करती रहे। गौरतलब है कि डाय‍बिटीज में सिर्फ संयमित खानपान (Balance Diet) ही नहीं, बल्कि संतुलित जीवनशैली (Lifestyle Affect Diabetes) का भी होना भी बेहद आवश्यक है। कई बार आपकी कुछ गलत आदतों के कारण किसी प्रकार की कोई दवा या जड़ी-बूटियां भी शुगर को कंट्रोल कर पाने में असक्षम होती हैं।

बता दें कि डायबिटीज एक रोग नहीं बल्कि एक लाइफ लॉन्ग जर्नी है। जिसमें आपको जीवनभर इससे जुडी दवायों के साथ जब शरीर में इंसुलिन सही मात्रा का ध्यान रखना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि जब शरीर में ब्‍लड में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है और शरीर इसे अवशोषित नहीं कर पाता है तो इससे शरीर के अन्‍य पार्ट जैसे किडनी, लिवर और हार्ट पर भी इसका बुरा असर पड़ने लगता है। ऐसे में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने वाले हार्मोन इंसुलिन (Insulin) की दवाएं लेनी पड़ती हैं और जब दवा से भी शुगर कंट्रोल नहीं होता तो इन्सुलिन के इंजेक्‍शन लेने पड़ते है।

तो आइये जानते हैं कि ऐसी वो कौन सी गल‍तियां या आदत है जिसके कारण शुगर के मरीज़ों में दवाएं तक काम नहीं करतीं हैं :

अत्यधिक वजन :

रिसर्च के अनुसार किसी भी व्यक्ति का वेट का अधिक होना, हाई कोलेस्‍ट्रॉल या जेनेटिक कारणों से ही टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के खतरे को बढ़ाता है. बता दें कि व्यक्ति में प्री-डायबिटीक (Prediabetes) के लक्षण दिखते ही अगर जीवनशैली, खानपान पर नियंत्रण रखा जाए तो डायबिटीज होने की संभावना को आसानी से टाला जा सकता है।

एक्‍सरसाइज ना करना:

अगर आप भी ऐसे लोगों में से हैं जो एक्सरसाइज करना पसंद नहीं करते तो आप गहरी परेशानियों में हैं। बता दें कि रोज़ाना एक्‍सरसाइज नहीं करने से आपकी दवाओं का असर कम होता जाएग। इससे बचने के लिए रोजाना कम से कम 40 से 45 मिनट के लिए मध्यम तीव्रता का वॉकिंग जरूर करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि ऐसा करने से ब्लड शुगर खुद ब खुद नियंत्रित होने लगेगा। इसके लिए आप अपनी पसंद को कोई भी एक्‍सरसाइज चूज कर सकते हैं, जैसे तेज चलना, लंबी पैदल यात्रा, साइकिल चलाना, रोलरब्लाडिंग, स्किपिंग, जॉगिंग, तैराकी, या कोई भी खेल इत्यादि।

लगातार वज़न का बढ़ना :

अगर आप अपने वेट पर कंट्रोल में नहीं आ रहा है जिससे शुगर की दवा का असर भी कम होता जाएगा। बता दें कि केवल मिठाईयां ही नहीं बल्कि व्यक्ति का बढ़ता वज़न भी डायबिटीज का प्रमुख कारण होता है।

खानपान की आदतें:

बता दें कि शुगर की दवा लेने के साथ खान पान का संतुलन रखना बेहद आवश्यक है। अगर आप मैदे, चीनी या हाई ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स वाले फूड का ज्‍यादा सेवन करते हैं तो आपकी शुगर की दवा बेअसर होने लग सकती है। इसलिए दवााओं के सही तरीके से काम करने के लिए फाइबर युक्त चीज़ों जैसे टमाटर, मिर्च, फल, पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, फूलगोभी, बीन्स, छोले और दाल, साबुत अनाज का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

अनहेल्दी फैट वाले भोजन

वसायुक्त खाद्य पदार्थों में कैलोरी की उच्च मात्रा होने के कारण इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए । बता दें कि वजन कम करने और प्रबंधित करने में मदद करने के लिए, आपके आहार में असंतृप्त वसा वाले विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ भी शामिल होने चाहिए, जिन्हें अच्छे वसा भी कहा जाता है। उल्लेखनीय है कि मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा दोनों हेल्दी कोलेस्ट्रॉल के स्तर और अच्छे हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं। ऐसे में जैतून, सूरजमुखी, कुसुम, बिनौला और कैनोला तेल, नट, बादाम, मूंगफली, अलसी और कद्दू के बीज, वसायुक्त मछली जैसे सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन, टूना और कोड का सेवन करना आपके लिए आवश्यक माना जाता है।

टेंशन या तनाव :

अगर आप तनाव में रहते हैं तो भी डायबिटीज की दवाएं बेहतर काम नहीं कर पाएंगीं।बता दें कि तनाव के कारण रक्तचाप बढ़ने के साथ हार्मोन असंतुलित भी हो सकता है जो ब्लड शुगर का लेवल बढ़ने का प्रमुख कारण माना जाता है। उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त तनाव आपके हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे को काफी बढ़ा सकती है। इससे बचने के लिए रात में आठ घंटे की नींद लेना , फिल्में देखन और संगीत सुनना व् स्टैंड-अप कॉमेडी देखन एवं अपने पसंदीदा लोगों के साथ टाइम बिताना आवश्यक है ताकि आप तनाव से बचे रहें।

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें)



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Preeti Mishra

Preeti Mishra

Content Writer (Health and Tourism)

प्रीति मिश्रा, मीडिया इंडस्ट्री में 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। हेल्थ, लाइफस्टाइल, और टूरिज्म के साथ-साथ बिज़नेस पर भी कई वर्षों तक लिखा है। मेरा सफ़र दूरदर्शन से शुरू होकर DLA और हिंदुस्तान होते हुए न्यूजट्रैक तक पंहुचा है। मैं न्यूज़ट्रैक में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्शन के साथ हेल्थ सेक्शन को लीड कर रही हैं।

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