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Health News: बेकार है हेल्थ सप्लीमेंट्स पर पैसा फूंकना
Health News: यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स ने कहा है कि हृदय रोग और कैंसर को रोकने में हेल्थ सप्लीमेंट्स फायदेमंद हैं, इसका कोई सबूत नहीं है।
Health News: क्या विटामिन और तरह तरह के अन्य हेल्थ सप्लीमेंट्स हमें वाकई में कोई फायदा पहुंचाते हैं? शायद नहीं! वैज्ञानिकों ने फिर ये बात दोहराई है कि विटामिन की गोलियों और हेल्थ सप्लीमेंट्स का कोई फायदा होता भी है, इसका कोई सबूत नहीं मिला है।
दरअसल, वर्षों से वैज्ञानिक कह रहे हैं कि अधिकांश लोगों के लिए विटामिन की खुराक की सिफारिश करने के लिए बहुत अधिक सबूत नहीं हैं। ढेरों शोध बता चुके हैं कि अधिकांश गोलियां बेकार होती हैं और जरूरी नहीं कि वे हमें स्वस्थ बनाएं।
हृदय रोग और कैंसर को रोकने में हेल्थ सप्लीमेंट्स फायदेमंद है इसका कोई सबूत नहीं
दिक्कत ये है कि रिसर्च और जानकारियों के बावजूद लोगों तक ये संदेश नहीं पहुंच रहा है। सर्फ अमेरिका में ही आधे से अधिक वयस्क नियमित रूप से हेल्थ सप्लीमेंट्स लेते हैं, जिससे सालाना लगभग 50 अरब डॉलर के उद्योग को बढ़ावा मिलता है। बहरहाल, अब फिर एक बार शोधकर्ताओं ने जोरदार ढंग से हेल्थ सप्लीमेंट्स के बारे में अपनी राय दी है।
यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स (यूएसपीएसटीएफ) ने अब नई सिफारिशें जारी की हैं, जिसमें कहा गया है कि हृदय रोग और कैंसर को रोकने में हेल्थ सप्लीमेंट्स फायदेमंद हैं, इसका कोई सबूत नहीं है। बता दें कि अमेरिका में मृत्यु के दो प्रमुख कारण हृदय रोग और कैंसर हैं।
2014 के बाद से पहली बार यूएसपीएसटीएफ ने विटामिनों के बारे में नई सिफारिशें की हैं। ये सिफारिशें हेल्थ सप्लीमेंट्स के प्रभावों का आकलन करने वाले 84 अध्ययनों को ध्यान में रखते हुए की गईं हैं। इन अध्ययनों में लगभग 740,000 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था। यानी बहुत बड़ी स्टडी के बाद निष्कर्ष पर पहुंचा गया है।
रिसर्च में पाया कि विटामिन ई लेने का कोई फायदा नहीं
यूएसपीएसटीएफ अंतरिम मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी जॉन वोंग कहते हैं कि दुर्भाग्य से, मौजूदा सबूतों के आधार पर, टास्क फोर्स अधिकांश विटामिन और खनिजों के उपयोग के लिए या इसके खिलाफ सिफारिश नहीं कर सकता है और अधिक शोध की बात कर रहा है।
बहरहाल, टास्क फोर्स ने कुछ महत्वपूर्ण चेतावनी दी हैं। उसने कहा है कि उसकी सिफारिशें उन स्वस्थ वयस्कों पर लागू होती है जिनमें पोषक तत्वों की कमी नहीं है। तथा उनपर भी पर लागू नहीं होती हैं जो गर्भवती हैं या गर्भवती होने की कोशिश में हैं। जिन्हें फोलिक एसिड की खुराक लेने की सलाह दी जाती है।
इसके अलावा, यूएसपीएसटीएफ ने पाया कि आम तौर पर स्वस्थ, गैर-गर्भवती वयस्कों के लिए हेल्थ सप्लीमेंट्स के साफ सबूत नहीं हैं। खास कर दो उत्पादों का उल्लेख किया गया है - विटामिन ई और बीटा-कैरोटीन। इन दोनों को लेने की अनुशंसा नहीं की जाती है।
यूएसपीएसटीएफ के वाइस चेयरमैन माइकल बैरी कहते हैं - हमने पाया कि विटामिन ई लेने का कोई फायदा नहीं है और बीटा-कैरोटीन हानिकारक हो सकता है क्योंकि इससे पहले से ही जोखिम वाले लोगों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। नई सिफारिशें वही बताती हैं जो कई वैज्ञानिक हमें वर्षों से बता रहे हैं - इसका कोई सबूत नहीं है कि ये सप्लीमेंट्स हमारे लिए फायदेमंद हैं।
साथ ही ये भी चेतावनी है कि कंपनियां इन सप्लीमेंट्स में कोई छिपी हुई दवा सामग्री मिला सकती हैं जो हमारे लिए नुकसानदायक होती हैं।
कोई फायदा नहीं
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन में सामान्य आंतरिक चिकित्सा के प्रमुख चिकित्सक जेफरी लिंडर कहते हैं - टास्क फोर्स यह नहीं कह रहा है कि मल्टीविटामिन न लें'। लेकिन ये संदेश जरूर है कि यदि ये वास्तव में हमारे लिए अच्छे होते, तो अब तक हमें पता चल जाता।
सिद्धांत रूप में, विटामिन और खनिजों में एंटीऑक्सीडेंट और एन्टी इंफ्लामेटरी प्रभाव होते हैं। इनके इस्तेमाल से कार्डियोवैस्कुलर बीमारी और कैंसर का विकास कम होना चाहिए। फल और सब्जियां खाने से हृदय रोग और कैंसर का खतरा कम होता है। यह सोचना उचित है कि फलों और सब्जियों से प्रमुख विटामिन और खनिज निकाले जा सकते हैं, जिन्हें एक गोली में पैक किया जाता है। और लोग आराम से इन गोलियों को खाकर फायदा ले सकते हैं। लेकिन इन गोलियों का फायदा बीमारियां कम होने के रूप में सामने नहीं आ रहा है।
फल सब्जियों में मौजूद माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, जब गोली के रूप में पेश किए जाते हैं तो वे फायदा नहीं पहुंचाते हैं। ऐसा क्यों है, ये पता नहीं चल पाया है। ऐसा मां सकते हैं कि संभवतः फल सब्जी अपने भीतर मौजूद विभिन्न तत्वों के संग मिल कर फायदा पहुंचाते हैं। चूंकि इस मुद्दे पर अस्पष्टता है इस लिए हेल्थ सप्लीमेंट उद्योग लोगों की गलतफहमी का फायदा उठाता है। विटामिन गोलियों की शक्तियों के बारे में गलत धारणाओं को कायम रखने के लिए हर साल करोड़ों डॉलर खर्च करता है।
वैज्ञानिकों को चिंता है कि बात सिर्फ पैसे की नहीं है बल्कि लोगों का स्वास्थ्य भी खतरे में है, सिर्फ इसलिए कि हर बार जब रोगी का ध्यान गलत दिशा में जाता है तो इलाज का एक महत्वपूर्ण अवसर खो जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मरीज गोलियों पर पैसे बर्बाद कर रहे हैं जबकि हम सभी को स्वस्थ खाने और व्यायाम को फॉलो करना चाहिए। यही एक प्रमाणित चीज है और इसे छोड़ना नहीं चाहिए।