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मौसम बदल रहा: अलर्ट हो जाएं, भूल से भी न करें ये काम वरना होगा नुकसान

Weather: मौसम बदलने पर अत्यंत सावधान हो जाना चाहिए। ठंडी चीजों को खाने-पीने से बचना चाहिए।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Shivani
Published on: 21 May 2021 1:01 AM GMT
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आंधी-पानी (सोशल मीडिया)

Weather: ताउते चक्रवाती तूफान के चलते उत्तर प्रदेश सहित देश के तमाम राज्यों में आंधी, बारिश की तेज और मध्यम बौछारों के चलते कोरोना की दूसरी लहर के तेज होने का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान के चलते दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में भारी बारिश हुई है। मई में मौसम के इस बदलाव ने कई सालों का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। आमतौर पर मई के महीने में काफी गरमी पड़ने लगती है। मौसम और तापमान में आए इस बदलाव का कोरोना वायरस पर क्या असर पड़ेगा। इस संबंध में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।

इस संबंध में डॉ. अमित सिह का कहना है कि वैसे तो इस बारे में फिलहाल कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि मौसम का कोरोना वायरस पर क्या प्रभाव पड़ता है। क्योंकि यह वायरस गर्म जलवायु वाले अफ्रीकी देशों में भी सक्रिय हुआ है तो रूस के अत्यंत ठंडे क्षेत्रों में भी इसकी सक्रियता दिखी है।

एसी-कूलर और फ्रीज का न करें इस्तेमाल

उन्होंने कहा कि मौसम के इस बदलाव को देखते हुए लोगों को अत्यंत सावधान हो जाना चाहिए। मास्क और छह गज की दूरी बनाकर रहना चाहिए। ठंडी चीजों को खाने पीने से बचना चाहिए और एसी कूलर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि मौसम के इस बदलाव से खांसी जुकाम जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। और इसका संक्रमण होने पर इम्युनिटी वीक होगी जिससे वायरस के संक्रमण का खतरा हो सकता है। इसलिए कोशिश यही करनी चाहिए कि खांसी जुकाम या बुखार का संक्रमण न हो पाए। दूसरे मास्क और छह गज की दूरी बनाकर रहने से कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना वैसे ही 70 फीसदी तक कम हो जाएगी। इसलिए डरने की जरूरत नहीं है।

मौसम बदलने से एयर पॉल्यूशन में कमी
डॉ. अमित सिंह ने कहा कि मौसम के इस बदलाव से एयर पॉल्यूशन में काफी कमी आयी है। हवा साफ हुई है जिससे सांस के रोगियों को आक्सीजन बेहतर मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि यदि लोग बाहर निकलने से बचेंगे। बाहर डबल मास्क लगाकर निकलेंगे और बाहरी लोगों से उचित दूरी बनाकर रखेंगे तो संक्रमित होने की संभावना नगण्य हो जाएगी।

मौसम का हाल

बता दें कि चक्रवाती तूफान के कमजोर होने के बाद दिल्ली और उत्तर भारत के कई राज्यों में इस तूफान का असर दिखने लगा है। इसके चलते बुधवार से ही दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में लगातार बारिश (Rainfall) हो रही है। उत्तर प्रदेश में गुरुवार को भी भारी बारिश जारी है। बारिश के साथ तेज हवाओं से ठंड का एहसास किया जा रहा है। जिसके बाद अब माना जा रहा है कि चक्रवाती तूफान के चलते मॉनसून (Monsoon) की एंट्री भारत में जल्दी हो सकती है।

जाहिर है कि पश्चिमी राज्यों में असर दिखाने के बाद चक्रवाती तूफान तौकते अब उत्तर भारत पहुंचते ही कमजोर पड़ चुका है, ऐसे में उत्तर भारत के राज्यों में मौसम ने करवट ली है और यहां पर बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका है। हालात ये रहे कि बुधवार सुबह शुरू हुई बारिश गुरुवार तक जारी रही। कई राज्यों में अभी भी बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते राज्यों में अधिकतम तापमान में कमी दर्ज की जा रही है।

ताउते तूफान का असर

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तो बीते दिन अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री दर्ज किया गया है, जो कि 1951 के बाद मई महीने में दिन में दर्ज किया गया सबसे कम अधिकतम तापमान है। वहीं, भारतीय मौसम विभाग का भी कहना है कि ताउते तूफान के चलते ही दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में मौसम का मिजाज बदला है। राजस्थान, यूपी, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड शुरू हुई बारिश की वजह पश्चिमी विक्षोभ और समुद्री तूफान तौकते का मेल खाना ही है।

इसके अलावा मौसम विभाग ने यह अनुमान जताया था कि तौकते के चलते इस साल मॉनसून पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इस साल भी केरल में एक जून तक मॉनसून की दस्तक हो सकती है। हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि 30 या 31 मई को भी मॉनसून के आने की संभावना है। विभाग के मुताबिक, अगर 31 मई तक मॉनसून केरल में आता है तो फिर महाराष्ट्र के कोकण क्षेत्र में 8 से 10 जून तक मॉनसून की दस्तक हो सकती है।

Shivani

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