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Borderline Personality Disorder: क्या आप भी है बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी के शिकार, जानें इसके लक्षण और बचाव
Borderline Personality Disorder : आजकल की बदलती हुई लाइफ स्टाइल के कारण व्यक्ति कई बार स्ट्रेस में आ जाता है और इस वजह से उसके जीवन में इतनी ज्यादा बदलाव आ जाते हैं कि वह बीमारी का शिकार हो जाता है। चलिए आज हम आपको बॉर्डर लाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर जैसी गंभीर बीमारी के बारे में बताते हैं।
Borderline Personality Disorder : आजकल लोग तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं और इनमें से कुछ बीमारियां तो ऐसी है जिन्हें समझ पाना बहुत ही मुश्किल काम है। आज हम आपको एक ऐसी ही बॉर्डर लाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर मेंटल हेल्थ से जो भी समस्या के बारे में बताते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो पल-पल में व्यक्ति किस स्वभाव में बदलाव लेकर आती है। इस बीमारी की वजह से व्यक्ति के स्वभाव में पल-पल बदलाव आते हैं कभी उसे गुस्सा आता है कभी वह खुश हो जाता है और कभी उसे इनसिक्योरिटी फील होती है। धीरे-धीरे यह स्थिति गंभीर मानसिक बीमारी का रूप ले लेती है बढ़ती हुई उम्र के साथ लोगों के बीच यह समस्या देखने को मिलती है। जब कोई इस बीमारी से ग्रसित होता है तो उसके सोचने समझने और याद करने की शक्ति पर काफी असर पड़ता है। चलिए आज हम आपको इसके लक्षण और बचाव के तरीके के बारे में बताते हैं।
ये होते हैं लक्षण
जो लोग इस रोग से ग्रसित होते हैं उनके अंदर कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। इसमें से सबसे बड़ा लक्षण इन सिक्योरिटी है।
इस डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों का मूड बहुत तेजी से बदलता है। ये लोग पल भर में खुश हो जाते हैं तो पल भर में उदास भी हो जाते हैं।
उनकी इस हेल्थ कंडीशन की वजह से उन्हें पल-पल में गुस्सा आने लगता है।
यह एक ऐसी बीमारी है जिससे पीड़ित शख्स या तो बहुत ज्यादा प्यार में पड़ जाता है या फिर उसे बहुत अधिक नफरत होने लगती है।
ऐसे लोगों के मन में बार-बार आत्महत्या के ख्याल आते हैं और यह इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का सबसे बड़ा लक्षण है।
इससे पीड़ित लोग चिड़चिड़ापन के आदी हो जाते हैं पर बात बात पर गुस्सा करने लगते हैं।
यह लोग ऐसे होते हैं उसके रिश्तों को जल्दी तोड़ देते हैं और नए रिश्ते में भी जल्दी आ जाते हैं।
ये होते हैं कारण
इस बीमारी के कारण की बात करें तो हार्मोनल इंबैलेंस इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है।
जिन लोगों के परिवार में पहले से ही बीमारी थी उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर भी हो सकती है।
अगर कोई व्यक्ति बड़े हादसे का शिकार हुआ हो तो वह इस तरह की बीमारी का सामना कर सकता है। यह सीरियस फैमिली प्रॉब्लम की वजह से भी हो सकती है।
ऐसे करें बचाव
इस बीमारी से अगर आप बचना चाहते हैं तो आपको ज्यादा समय अकेले नहीं रहना चाहिए।
दोस्तों और परिवार के साथ अपनी फिलिंग्स को शेयर करना सीखें इससे आपको अकेला महसूस नहीं होगा।
अपनी पसंदीदा हॉबी में आपको वक्त गुजारना चाहिए।
दिमाग पर ज्यादा जोर देने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। आपको ऐसी चीज करनी चाहिए जिससे आपको खुशी मिलती हो।
इस बीमारी से बचने में वह समय भी आपके लिए मददगार हो सकता है जो आपने बहुत अच्छी तरीके से बिताया हो। जब आप अपने अच्छे समय को याद करेंगे तो अपने दिमाग पर काबू पा सकेंगे।
अगर बीमारी की वजह से परेशानी बढ़ती जा रही है तो आपको विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। शरीर में कोई परेशानी आ रही है या फिर दिमाग पर कोई स्ट्रेस है यह सब कुछ नेचुरल चीज हैं आपको डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।