×

आखिर क्या है कम्यूनिटी स्प्रेड, जिसे ले कर देश में चल रहा विवाद

भारत में कोरोना वायरस का कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू हुआ है कि नहीं इस पर विवाद बना हुआ है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है लेकिन सरकार का कहना है कि ऐसी स्थिति अभी नहीं आई है।

Newstrack
Published on: 31 July 2020 12:16 PM GMT
आखिर क्या है कम्यूनिटी स्प्रेड, जिसे ले कर देश में चल रहा विवाद
X

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू हुआ है कि नहीं इस पर विवाद बना हुआ है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है लेकिन सरकार का कहना है कि ऐसी स्थिति अभी नहीं आई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि देश में कोरोना वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है। इसका मतलब है कि देश में आगे हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं। आईएमए का कहना है कि कोरोना अब घातक रफ्तार से बढ़ रहा है। वायरस अब ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहा है जो बहुत बुरा संकेत है। इससे पता चलता है कि देश में कोरोना का कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है।

ये भी पढ़ें:दिल्लीः 31 अगस्त तक अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान सेवाएं बहाल नहीं होंगी- DGCA

दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भारत अब भी सामुदायिक स्तर पर संक्रमण यानी कम्यूनिटी स्प्रेड के चरण में नहीं पहुंचा है। मंत्रालय का कहना है कि कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैला है। इसके पीछे ये तर्क दिया जा रहा है कि देश के केवल 49 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के 80 प्रतिशत मामले हैं। यदि 733 से अधिक जिलों वाले देश के 49 जिलों में 80 प्रतिशत मामले सामने आए हैं, तो सामुदायिक स्तर पर संक्रमण फैलने की बात करना सही नहीं है।

कम्यूनिटी स्प्रेड है क्या

किसी भी अज्ञात वायरल बीमारी के फैलने की 4 स्टेज होती हैं।

पहली स्टेज : इसमें बीमारी के स्रोत का पता होता है। यानी बीमारी कहां से शुरू हुई और किन लोगों तक ये बीमारी फैली है। आम तौर पर इन लोगों की कोई ट्रेवेल हिस्ट्री होती है। ऐसे लोगों को और उनके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस कर रोकथाम करने पर कम लोगों तक यह बीमारी फैलती है।

दूसरी स्टेज : इस स्टेज में ऐसे लोग संक्रमित होते हैं, जिनकी किसी संक्रमण वाले स्थान की ट्रेवेल हिस्ट्री होती है और फिर उनके कारण उनके परिवार, नजदीकी लोगों में भी ये संक्रमण फैलने लगता है। इस स्थिति में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की सबसे बड़ी भूमिका होती है और कंटेनमेंट जोन या लोकल लॉकडाउन जैसे कदम उठाए जाते हैं। इसे लोकल ट्रांसमिशन कहा जाता है।

तीसरी स्टेज : इस स्टेज में किसी एक जगह में अचानक एक साथ कई सारे लोगों में संक्रमण पाया जाता है। इसमें सिर्फ ट्रेवेल हिस्ट्री या संपर्क में आए लोग ही संक्रमित नहीं होते, बल्कि ऐसे लोगों में भी संक्रमण फैल जाता है, जो किसी के भी संपर्क में नहीं आए होते हैं। इस स्थिति में वायरस को ट्रेस करना यानी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग नहीं हो पाती। यही स्थिति कम्यूनिटी स्प्रेड है।

चौथी स्टेज : यह संक्रमण की सबसे आखिरी और सबसे खतरनाक स्टेज है। इस स्थिति में पहुंचकर ये बीमारी उस क्षेत्र में महामारी का रूप धारण कर लेती है और संक्रमण के मामलों में जबरदस्त उछाल आता है। साथ ही मरने वालों की संख्या भी एक साथ बढ़ने लगती है। इस स्टेज में बीमारी उस क्षेत्र या उस देश में पूरी तरह फैली हुई मानी जाती है।

ये भी पढ़ें:आत्मदाह के प्रयास को रोकने का दिशा निर्देश देते आईपीएस नवीन अरोड़ा, देखें तस्वीरें

कई बड़े देशों ने स्वीकारा

इटली, ब्राजील और अमेरिका जैसे देशों में सामुदायिक प्रसार को स्वीकारा गया है। वहीं भारत में 1।3 अरब से अधिक की जनसंख्या के संक्रमण के कम अनुपात का हवाला देकर यह दावा किया जाता है कि यहां सामुदायिक प्रसार नहीं हुआ है। दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्यों से कुछ विरोधी आवाजें कहती हैं कि सामुदायिक प्रसार शुरू हो चुका है। कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जेसी मधुस्वामी का दावा है कि राज्य सामुदायिक प्रसार की चपेट में है। वहीं, केरल में मुख्यमंत्री पी। विजयन ने कहा है कि तिरुवनंतपुरम में सामुदायिक प्रसार शुरू हो चुका है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री भी दिल्ली में कम्यूनिटी स्प्रेड की बात कह चुके हैं।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story