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Cancer Prevention in Women: कैंसर से बचने के लिए WHO का महिलाओं के लिए अलर्ट, लापरवाही पड़ेगी भारी
Cancer Prevention in Women: कैंसर विश्व स्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है, फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और यकृत कैंसर पुरुषों में कैंसर के सबसे आम प्रकार हैं, जबकि स्तन, महिलाओं में कोलोरेक्टल, फेफड़े, सर्वाइकल और थायरॉइड कैंसर सबसे आम हैं।
Cancer Prevention in Women: कैंसर रोगों का एक बड़ा समूह है जो शरीर के लगभग किसी भी अंग या ऊतक में शुरू हो सकता है जब असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं, शरीर के आस-पास के हिस्सों पर आक्रमण करने और/या अन्य अंगों में फैलने के लिए अपनी सामान्य सीमाओं से परे जाती हैं। बाद की प्रक्रिया को मेटास्टेसाइजिंग कहा जाता है और यह कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। नियोप्लाज्म और घातक ट्यूमर कैंसर के अन्य सामान्य नाम हैं।
कैंसर विश्व स्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है, फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और यकृत कैंसर पुरुषों में कैंसर के सबसे आम प्रकार हैं, जबकि स्तन, महिलाओं में कोलोरेक्टल, फेफड़े, सर्वाइकल और थायरॉइड कैंसर सबसे आम हैं।
व्यक्तियों, परिवारों, समुदायों और स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी शारीरिक, भावनात्मक और वित्तीय दबाव डालते हुए कैंसर का बोझ विश्व स्तर पर बढ़ता जा रहा है। निम्न और मध्यम आय वाले देशों में कई स्वास्थ्य प्रणालियाँ इस बोझ को प्रबंधित करने के लिए कम से कम तैयार हैं, और विश्व स्तर पर बड़ी संख्या में कैंसर रोगियों की समय पर गुणवत्ता निदान और उपचार तक पहुँच नहीं है। उन देशों में जहां स्वास्थ्य प्रणालियां मजबूत हैं, कई प्रकार के कैंसर की उत्तरजीविता दर में सुधार हो रहा है, जिसका श्रेय शीघ्र पहचान, गुणवत्तापूर्ण उपचार और उत्तरजीविता देखभाल को जाता है।लोग कैंसर होने की संभावना कैसे कम करते हैं? बहुत सलाह है। लेकिन कई बार, एक अध्ययन की सलाह दूसरे की सलाह के खिलाफ हो जाती है।
कैंसर की रोकथाम की जानकारी का विकास जारी है। हालाँकि, यह अच्छी तरह से स्वीकार किया जाता है कि जीवनशैली के विकल्प कैंसर होने की संभावना को प्रभावित करते हैं।
आमतौर पर महिलाओं को अपनी सेहत के अति प्रति सजग रहना चाजिये । आमतौर पर महिलायें अपनी सेहत को लेकर ज्यादा लापरवाह हो जाती हैं ऐसे में वे अपनी छोटी-छोटी बीमारियों को नज़र अंदाज कर देती हैं जो आगे चलकर एक बड़ी बीमारी में तब्दील हो जाती हैं। आंकड़ों के अनुसार महिलाओं में सबसे ज्यादा मामले ब्रेस्ट और गर्भाशय कैंसर के ही बढ़ रहे हैं। रिसर्च के अनुसार, साल 2015 से 2022 तक सभी प्रकार के कैंसर के आकड़ों में लगभग करीब 24.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जो काफी चिंताजनक है।
कैंसर की पहचान कर बचाई जा सकती है जान
आमतौर पर भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट यानी स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर,अंडाशय और मुंह के कैंसर के मामले ही अत्यधिक मिलते हैं। आपको ये जानकर ख़ुशी होगी कि अगर इन कैंसर की पहचान समय रहते हो जाए तो एक बड़ी संख्या में महिलाओं की जान बचाई जा सकती है। ऐसे में कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए ये बेहद जरुरी है कि महिलायें खुद को इस बड़ी समस्या के प्रति जागरूक रखें और अपनी छोटी से छोटी परेशानी को ज्यादा बढ़ने बिलकुल भी ना दें ।
क्या कहता है डब्ल्यूएचओ (WHO )
साल 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार आमतौर पर महिलाओं में मौजूद कैंसर का पता तीसरे या चौथी स्टेज में ही चल पाता है जिसके कारण मरीज के कैंसर से लड़ने और बचने की संभावना काफी कम रह जाती है। इस समस्या को बेहद गंभीरता से लेते हुए डब्ल्यूएचओ (WHO ) ने महिलाओं को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए अत्यधिक जागरूक रहने की सलाह दी है।
बिगड़ता लाइफस्टाइल इस बीमारी का है मुख्य कारण
जी हाँ , एक रिसर्च के मुताबिक़ आजकल की आधुनिक जिंदगी में आपकी खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल ही कैंसर जैसी बीमारी का मुख्य कारण है। हालाँकि कुछ मामलों में कुछ जेनेटिक कारण भी इसके होने के जिम्मेदार माने जाते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर परिवार में किसी को कैंसर की हिस्ट्री रही है तो उस परिवार की महिलाओं को कैंसर होने का खतरा औरों के मुकाबले ज्यादा बढ़ने लगता है। ऐसे में डब्ल्यूएचओ (WHO ) ने कैंसर से बचने के लिए कुछ जरुरी टिप्स सुझाए है जिन्हें अपनाकर इस जानलेवा बीमारी के प्रकोप से बचा जा सकता है।
डब्ल्यूएचओ (WHO ) के मुताबिक इन आदतों को अपने जीवन में उतारकर आप कैंसर से बच सकते हैं :
डब्ल्यूएचओ (WHO ) के अनुसार कैंसर से बचने के लिए सर्वप्रथम महिलाओं को अपनी आदतो में कुछ अच्छी चीजों और आदतों को शामिल कर बुरी और अन्हेल्थी आदतों को छोड़ देना चाहिए।
तो आइये जानतें कि किन आदतों को अपनाएँ और किनसे बनाये दूरी :
- बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग जरूर करायें
जब औरत माँ बनती है तो उसे अपने बच्चे को ज्यादा से ज्यादा स्तनपान कराना चाजिये। बता दें की ज्यादा समय तक बच्चों को दूध पिलानें से कैंसर के जोखिम कोकाफी हद तक कम किया जा सकता है इसलिए महिलाओं नवजात शिशु को कम से कम एक साल तक दूध जरूर पिलाना चाहिए।
- फिजिकल एक्टिविटी कैंसर के खतरे को कम करती है कम
रोजाना आपका फिजिकल एक्टिविटी भी करना कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है।ऐसा बिलकुल जरुरी नहीं है कि फिजिकल एक्टिविटी मेंआप सर्फ जिम जाकर ही वर्कआउट करें। आप तेज़ी से वॉक करके, सीढ़ियां चढ़कर भी अपनी बॉडी को एक्टिव रख सकती हैं।
- वजन को कम करें
अत्यधिक वजन हर गंभीर बिमारियों के होने का बड़ा कारण माना जाता हे। इसलिए या बेहद जरुरी है कि आप अपने वजन को संतुलित रखे । जिससे कैंसर की बीमारी का भी खतरा बड़ी हद तक कम हो जाता है।
- शराब का सेवन ना करें इसका अत्यधिक सेवन कैंसर का कारक भी बनता है ।
- तंबाकू या स्मोकिंग बिलकुल ना करें क्योंकि ये भी कैंसर को करते हैं आमंत्रित।
- इसके अलावा लंबे समय तक हार्मोन की दवाईयों का इस्तेमाल करने से भी खुद को बचाय।
- इतना ही नहीं रेडिएशन के संपर्क में ज्यादा रहना कैंसर का प्रमुख कारणमाना जाता है।