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सर्दी में इन चीजों को करें डाइट में शामिल, जिससे शरीर को मिलती है गर्मी

suman
Published on: 25 Jan 2019 1:41 PM IST
सर्दी में इन चीजों को करें डाइट में शामिल, जिससे शरीर को मिलती है गर्मी
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जयपुर: दूध अनेक पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है, सर्दियों में यह लाभ पहुंचाता है। दूध में कई औषधीय चीजों को मिलाकर पीने से कई तकलीफों में आराम मिलता है। सर्दियों में तापमान में गिरावट और इन दिनों चलने वाली खुष्क व बर्फीली हवाएं अपने साथ लाती हैं कई तरह की बीमारियां। ध्यान न देने पर छोटा हो या बड़ा, हर किसी के लिए यह मौसम परेशानी का सबब बन जाता है। देखते-देखते लोग सर्दी-जुकाम, गले में खराश, बलगम, आंखों में जलन, वायरल, फ्लू आदि की चपेट में आ जाते हैं। इनसे बचने के लिए जरूरी है शरीर के तापमान को ठीक रखना। इसके लिए वुलन कपड़े पहनना ही काफी नहीं होता, अपनी डाइट में गर्म चीजें खाद्य पदार्थों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करने की जरूरत है। ऐसे खाद्य पदार्थ शरीर को अंदर से गर्मी प्रदान करते हैं और सर्दी से बचाव रखते हैं। गर्म तासीर वाले विभिन्न तरह के दूध इनमें से एक हैं, जो सदियों से चलन में हैं। रात को सोने से पहले या सुबह नाश्ते में गर्म तासीर वाले दूध का सेवन सर्दियों में न केवल शरीर के तापमान को दुरुस्त रखता है,

केसर वाला दूध सर्दियों में एक गिलास में केसर के 4-5 धागे डाल कर बनाया गया दूध पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होता है। केसर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और शरीर को मजबूती प्रदान करने में सहायक है। गर्म तासीर का केसर वाला दूध शरीर को गर्माहट प्रदान कर सर्दी के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। मौसमी संक्रमण से होने वाले सर्दी-जुकाम या फ्लू-बुखार में यह बहुत कारगर है। मैग्नीशियम, पोटैशियम जैसे मिनरल्स से भरपूर होने के कारण इस दूध से अस्थमा जैसी श्वास संबंधी बीमारियो में भी आराम मिलता है। यह फेफड़ों में हो रही जलन और सूजन को कम कर यह ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर करता है, जिससे अस्थमा अटैक का खतरा कम हो जाता है। ’

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सर्दियों में आथ्र्राइटिस, जोड़ों के दर्द की शिकायत आदि की स्थिति में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर केसर वाले दूध का सेवन करना फायदेमंद है। महिलाओं को माहवारी के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करने में भी यह बहुत मदद करता है। ’ केसर का दूध सर्दियों में आर्टरीज सिकुड़ने, हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को कम करने में भी सहायक है। इसमें मौजूद क्रोसेटिन और एथ्रोस्कैनरोसिस नामक कंपाउंड आर्टरीज में जमने वाले बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करने में मदद करते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है।

हल्दी का दूध गर्म तासीर वाली हल्दी अपने आप में नेचुरल एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर है। एक चुटकी या 2-3 ग्राम हल्दी गर्म दूध में मिलाकर पीने से दोगुना फायदा होता है। दूध शरीर को डिटॉक्सीफाई कर उसकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। हल्दी की तासीर गर्म होती है। हल्दी वाला दूध पेट से जुड़ी बीमारियों, पेट के कीड़ों से भी बचाता है। पेट में गैस बनने या कब्ज होने की समस्या में भी इसके सेवन से राहत मिलती है। अपच, कब्ज, पेट में जलन, दर्द या पाचन तंत्र में गड़बड़ी होने पर हल्दी के साथ दूध लेने से आराम मिलता है। ’

हल्दी में एक्टिव कंपाउंड करक्यूमिन होता है, जो एक स्ट्रॉन्ग एंटीऑक्सिडेंट का काम करता है। यह फ्री रेडिकल्स सेल्स से फाइट कर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को सुधारता है। सर्दी के मौसम में खांसी-जुकाम होने, नाक बंद होने, श्वसन संबंधी समस्याओं में यह बहुत लाभ पहुंचाता है। ’ एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी का दूध सर्दियों में आथ्र्राइटिस, जोड़ों या मसल्स के दर्द की समस्या में भी आराम पहुंचाता हैै। ’ सर्दियों में होने वाले खांसी-जुकाम में कफ की समस्या होने पर एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर हल्दी वाला दूध पीना फायदेमंद साबित होता है। इससे पुरानी खांसी की समस्या भी दूर होती है और फेफड़ों में जमा कफ भी निकल जाता है। दूध में थोड़ी-सी काली मिर्च और एक चम्मच शहद मिलाकर पीना अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, कफ और साइनस के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होता है। इसके सेवन से मानव शरीर में गर्मी का संचार होता है, जिससे सांस की तकलीफ में काफी आराम मिलता है। ’ एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर हल्दी वाला दूध त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा करता है। संक्रमण, खुजली जैसी समस्याओं को दूर कर त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।

मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट तत्वों से भरपूर बादाम के दूध का नियमित सेवन फ्री रेडिकल्स से बचाव कर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। ’ मिनरल्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड और फ्लेवोनॉयड तत्वों से भरपूर बादाम के दूध का सेवन खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। इससे ब्लड प्रेशर का स्तर नियंत्रित रहता है और हृदय रोग का जोखिम कम रहता है। यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। ’ कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर बादाम का दूध हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूती प्रदान करता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को भी कम करता है। इसमें मौजूद विटामिन डी हमारे शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बेहतर कर हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह सर्दियों में जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाता है।

तुलसी वाला दूध एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीवायरल गुणों से भरपूर है तुलसी। तुलसी की तीन-चार पत्तियों को अगर एक गिलास दूध में उबाल कर पिया जाए, तो इससे शरीर को अंदर से मजबूती मिलती है और सर्दी के मौसम में कई बीमारियों के लिए यह दूध रामबाण साबित होता है। तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण गले में खराश, जुकाम और सूखी खांसी में आराम पहुंचाते हैं। तुलसी मिला दूध पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और बीमारियों में जल्द आराम मिलता है। फ्लू या वायरल बुखार होने पर एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर तुलसी फ्लू के इलाज में मददगार होती है। अस्थमा के मरीजों को दूध व तुलसी के नियमित सेवन से काफी राहत मिलती है। इसमें मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या में भी राहत पहुंचाते हैं। दूध के नियमित सेवन से नर्वस सिस्टम को काफी लाभ होता है, जिससे अवसाद जैसी स्थिति से बचाव होता है।

खजूर या छुहारे का दूध एक गिलास दूध में दो से चार छुहारे काट कर डालें और उबालें। यह दूध सर्दियों में पीना काफी फायदेमंद होता है। ग्लूकोज और फ्रुक्टोज से भरपूर छुहारे का दूध एनर्जी बूस्टर है और बीमार व्यक्ति को ऊर्जा प्रदान करता है। यह ब्लड वेसल्स और लिवर की सक्रियता को बढ़ाने में बहुत मददगार होता है। ’ सर्दियों में गरिष्ठ भोजन ज्यादा खाने और पानी कम पीने से कई बार पाचन तंत्र बिगड़ जाता है, जिससे अपच, डायरिया, कब्ज, पेट दर्द की शिकायत रहती है। छुहारे वाले दूध में मौजूद पेक्टिन फाइबर और पोटैशियम हमारे पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।

पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी यह कारगर है। ’ इसमें नेचुरल शुगर होती है, जो आसानी से रक्त में अवशोषित हो जाती है। ’ छुहारे वाला दूध पीने से हमारे शरीर में एंटी ऑक्सिडेंट्स, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम जैसे मिनरल्स मिलते हैं, जो मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। दूध की गर्म तासीर सर्दियों में आथ्र्राइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों को जोड़ों के दर्द बचाती है। ’ गर्म तासीर वाला छुहारे का दूध ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है, जिससे आर्टरीज के अंदर जमे कोलेस्ट्रॉल को हटाने और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिलती है। ’ छुहारे में एंटी वायरल एजेंट्स होते हैं, जो बैक्टीरिया, वायरस, फंगल इन्फेक्शन से होने वाली संक्रामक बीमारियों से बचाव करते हैं। इसमें मौजूद विटामिन ए और बी आंखों को मॉइस्चराइज रखता है।



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