TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Work Load Ke Nuksan: हो जाएं सतर्क! वर्क लोड से जा सकती है जान, यहां जानें कैसे रहें सुरक्षित

Work Load Side Effects: पुणे में 26 साल की चार्टर्ड अकाउंटेंट की मौत के बाद ऑफिस में बढ़ते वर्क लोड ने लोगों का ध्यान खींचा है। आइए जानें इसके नुकसान और वर्क लोड से बचने के तरीके।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 21 Sept 2024 6:34 PM IST
Work Load Ke Nuksan: हो जाएं सतर्क! वर्क लोड से जा सकती है जान, यहां जानें कैसे रहें सुरक्षित
X

Work Load (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Work Load Causes Death: क्या कभी आपने ये सोचा है कि वर्क लोड (Work Load) किसी की मौत के लिए जिम्मेदार हो सकता है? पुणे में सामने आए मामले से पहले शायद ही किसी ने टॉक्सिक वर्क कल्चर (Toxic Work Culture) को इतना सीरियस लिया होगा। दरअसल, महाराष्ट्र के पुणे में 26 साल की चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) एना सेबेस्टियन की कथित तौर पर 'वर्क लोड' की वजह से मौत हो गई। लड़की की मां ने अपने एक पत्र में खुलासा किया कि उनकी बेटी की मौत काम के बोझ के चलते हुई। बताया जा रहा है कि एना को हार्ट अटैक (Heart Attack) आया था। कार्डिएक अरेस्ट से हुई मौत ने कॉर्पोरेट वर्क कल्चर पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

एना सेबेस्टियन जुलाई में ईवाई पुणे के साथ जुड़ी थी और चार महीने बाद 20 जुलाई को उसकी मौत (CA Death) हो गई। मां का कहना है कि काम के बोझ, नए माहौल और लंबे समय तक काम करने से उसकी फिजिकल, इमोशनल और मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ा। कंपनी से जुड़ने के तुरंत बाद ही वह चिंता, अनिद्रा और तनाव का अनुभव करने लगी थी। सीए की मौत से सभी को सबक लेना चाहिए और अपनी हेल्थ को लेकर चौकन्ना हो जाना चाहिए। क्योंकि ज्यादा वर्क लोड आपको अस्वस्थ करने के साथ ही आपके लिए घातक भी हो सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह आप वर्क लोड से सुरक्षित रह सकते हैं।

वर्क लोड से होने वाले नुकसान (Work Load Side Effects In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा नहीं है कि वर्क लोड से किसी की जान चली जाए। लेकिन तनाव (Stress) दूसरे कारण बनकर जान जरूर ले सकती है। लंबे समय तक बैठकर काम करने या वर्क लोड की वजह से शारीरिक और मानसिक हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। काम के दबाव के चलते कर्मचारी को एंग्जाइटी, स्ट्रेस जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो लंबे समय तक रहने से डिप्रेशन में बदल सकती हैं। एक स्टडी के मुताबिक, आज के दौर में कॉर्पोरेट सेक्टर में कर्मचारियों की मेंटल हेल्थ (Mental Health) एक बड़ा कंसर्न है। एम्प्लॉइज कॉम्पिटिशन और वर्कलोड के कारण कई तरह की मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

वर्क लोड बढ़ने से दिमाग में तनाव बढ़ता है, जिससे शरीर में कार्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होने लगते हैं। यह हार्मोन धीरे-धीरे दिल को बीमार बना देता है। लंबे समय से वर्क लोड झेल रहे व्यक्ति को कार्डियोवेस्कुलर से जुड़ी दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा दिन में अधिक घंटे और ज्यादा देर तक एक ही जगह पर बैठकर काम करने से बीपी, हाई कॉलेस्ट्रॉल, कैंसर, वजन बढ़ना, मोटापा, कमर दर्द, गठिया रोग भी हो सकता है। बीपी और कॉलेस्ट्रॉल जैसी दिक्कतें बढ़ने से दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा रहता है।

वर्क लोड से कैसे रहें सुरक्षित (How To Manage Work Load In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

1- अगर आप वर्क लोड को मैनेज नहीं कर पाते हैं तो जरूरी है कि हर दिन अपना टू-डू लिस्ट तैयार कर लें। इसमें आपको कौन-कौन से काम आज की तारीख में निपटाने हैं, उनके बारे में लिखें और एक-एक करके उन्हें पूरा करने की कोशिश करें।

2- वर्क लोड को मैनेज करने के लिए जरूरी है कि आप अपने लिए रियलिस्टिक गोल सेट करें। असंभव गोल सेट करने से तनाव बढ़ता है। इसलिए छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं।

3- सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। अपने ऑफिस टाइम से पहुंचें और समय से घर आएं।

4- स्ट्रेस की एक वजह कम नींद भी होती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में नींद लें। टाइम से सोने की आदत बनाएं।

5- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योग, एक्सरसाइज और ध्यान करें।

6- इसके अलावा अच्छी डाइट भी आपको फिट और स्वस्थ रखने में मदद करेगी। जिससे आप अपने काम पर फोकस कर पाएंगे और इससे समय पर आपका गोल पूरा हो जाएगा।

7- काम के बीच-बीच में छोटा सा ब्रेक लें और अपनी बॉडी को स्ट्रेच करें। ताकि लंबे समय तक बैठे रहने वाले नुकसानों से बचा जा सके।

8- छुट्टी के दिन अपने फैमिली और फ्रेंड्स के साथ वक्त बिताएं। हो सके तो कहीं घूमने निकलें, इससे माइंड फ्रेश होगा।

9- किसी को कॉम्पिटिशन देने के मकसद से जल्दी काम पूरा करने में ना लग जाएं। अपना काम शांत मन से पूरा करें। इससे आप अच्छी तरह फोकस कर पाते हैं।

10- अगर काम के चलते बहुत ज्यादा तनाव में रहने लगे हैं तो काउंसलर की मदद भी ले सकते हैं।

नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन उपायों और सुझावों पर अमल करने से पहले संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।



\
Shreya

Shreya

Next Story