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World Arthritis Day: दस में से सात व्यक्ति आर्थराइटिस से परेशान, हेल्थ सिटी व 'आर्थराइटिस फाउंडेशन' के कार्यक्रम ने बढ़ाई जागरूकता

वर्ल्ड आर्थराइटिस दिवस पर एक बार फिर इस बीमारी पर बहस हुई तेज

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Newstrack NetworkPublished By Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 12 Oct 2021 11:07 PM IST
World Arthritis Day
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वर्ल्ड आर्थराइटिस दिवस की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

World Arthritis Day: आर्थराइटिस एक महामारी की तरह बढ़ रही है। कोई भी व्यक्ति इससे अकेले नहीं लड़ सकता। आर्थराइटिस प्रमुख रूप से शरीर के जोड़ों पर असर करता है। परन्तु इसका प्रभाव कई प्रकार से व्यक्ति के पूरे जीवन पर पड़ जाता है। लखनऊ में लगभग 5 लाख से अधिक व्यक्ति आर्थराइटिस से प्रभावित हैं। भारत में यह संख्या 10 करोड़ है। आंकड़ों के अनुसार दस में से सात व्यक्ति आर्थराइटिस से परेशान होते हैं।

विश्व गठिया रोग दिवस (World Arthritis Day के अवसर पर आर्थराइटिस (Arthritis) के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 'आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ' द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन के दौरान ये बातें कही गयी। हर साल 12 अक्टूबर को विश्व स्तर पर विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है। यह दिन लोगों में गठिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, जो सूजन की ऐसी अवस्था है, जिसमें जोड़ों में दर्द और कठोरता का कारण बनती है। यह एक जॉइंट अथवा कई जोड़ों को प्रभावित कर सकती है।

साल 2010 में हुई थी 'आर्थराइटिस फाउंडेशन' की स्थापना

डॉ. संदीप कपूर (Dr. Sandeep Kapoor) ने बताया कि "आर्थराइटिस एक महामारी की तरह बढ़ रही है । कोई भी व्यक्ति इससे अकेले नहीं लड़ सकता। इसी बात को संज्ञान में रखते हुए वर्ष 2010 में आर्थराइटिस फाउंडेशन (Arthritis Foundation) की स्थापना की गई थी। फाउंडेशन के तत्वाधान में लोगों तक आर्थराइटिस के बारे में सही जानकारी पहुंचाने के लिए अब तक अनगिनत जागरूकता कार्यक्रम और अन्य कार्यक्रम चलाए गए हैं।

डॉ कपूर का कहना है कि समाज में हर व्यक्ति को जितना उसने समाज से लिया है, उससे ज्यादा वापस देना चाहिए। फाउंडेशन के माध्यम से कई मरीजों का मुफ्त इलाज भी किया जाता है, जिसमें जोड़ बदलने जैसी सर्जरी भी शामिल हैं।


'व्यायाम से हर प्रकार की बीमारी से बच सकते हैं'

कार्यक्रम आयोजक डॉ. संदीप कपूर व डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि आर्थराइटिस प्रमुख रूप से शरीर के जोड़ों पर असर करता है। परन्तु इसका प्रभाव कई प्रकार से व्यक्ति के पूरे जीवन पर पड़ जाता है। उन्होंने बताया कि व्यायाम से हर प्रकार की बीमारी से बचा जा सकता है।

'दस में से सात व्यक्ति आर्थराइटिस से परेशान'

आर्थराइटिस आज जीवन शैली सम्बन्धित बीमारियों में प्रथम स्थान रखता है। डॉ. कपूर ने बताया कि लखनऊ में लगभग 5 लाख से अधिक व्यक्ति आर्थराइटिस से प्रभावित हैं। भारत में यह संख्या 10 करोड़ है। डॉ. संदीप गर्ग ने कहा कि "आंकड़ों के अनुसार दस में से सात व्यक्ति आर्थराइटिस से परेशान होते हैं। यह जोड़ों से सम्बन्धित एक जैसे स्वास्थ्य से परेशान होते हैं। बीमारी से ग्रसित व्यक्ति तरह-तरह की परेशानी से गुजरता है। दर्द, चलने-फिरने में कठिनाई, जोड़ों में अकड़न महसूस होना समेत दूसरी परेशानियां होती हैं। मरीज यह महसूस करता है कि वह पहले की तरह चीजों को पकड़ भी नहीं पा रहा है। जो मरीज वैकल्पिक उपचार की ओर जाते हैं, वे बीमारी को एक प्रकार से बढ़ावा देते हैं। समय पर सही इलाज जरूरी है।

प्रत्यारोपण सर्जरी से सामान्य जीवन सम्भव

डॉ. संदीप गर्ग ने कहा कि "बीमारी के जल्द पता लगने से इसे न सिर्फ बढ़ने से रोका जा सकता है, बल्कि इसके दुष्प्रभाव को भी कम किया जा सकता है। प्रत्यारोपण के बाद मरीज सामान्य जीवन भी जी सकता है।" उन्होंने बताया कि "आर्थराइटिस होने का मतलब यह नहीं है कि आप सामान्य जीवन व्यतीत नहीं कर सकते। प्रत्यारोपण सर्जरी से सामान्य जीवन सम्भव है, क्योंकि उपचार माध्यमों में समय के साथ तरक्की भी हुई है, जिसका सीधा फायदा इसके मरीजों को मिलता है।"


हेल्थ सिटी व 'आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ' के कार्यक्रम से लोगों में बढ़ी जागरूकता:-

मंगलवार को प्रातः 6 बजे से ही गोमती नगर स्थित हेल्थसिटी हॉस्पिटल प्रांगण में साइकिलिस्ट और योग करने वाले लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। कार्यक्रम आयोजक एवं आर्थराइटिस फाउंडेशन ऑफ लखनऊ के सचिव डॉ संदीप कपूर एवं अध्यक्ष डॉ संदीप गर्ग ने बताया कि "विश्व आर्थराइटिस दिवस के मौके पर 'साइकिलथान विंटेज कार रैली, जुम्बा एवं योगा का आयोजन' किया गया गया। सभी कार्यक्रम में सोशल डिस्टन्सिंग एवं कोविड प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा गया।"

सुबह 6 बजे से शुरू हुई साइकिल रैली

डॉ कपूर ने बताया कि विंटेज कार रैली प्रातः 6 बजे हेल्थसिटी हॉस्पिटल से शुरू होकर जनेश्वर मिश्रा पार्क पर जाकर समाप्त हुई। साइकिल रैली भी उसी समय हेल्थसिटी अस्पताल से शुरू होकर जनेश्वर मिश्रा पार्क तक गयी। सभी कार्यक्रम लोगों को आर्थराइटिस के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से थीं।

विशेषज्ञों की देख-रेख में हुआ योग एवं जुम्बा का आयोजन

डॉ गर्ग ने बताया की योग एवं जुम्बा का आयोजन विशेषज्ञ ट्रेनर की देख-रेख में किया गया, जिन्होंने अपने निर्देशन में प्रतिभागियों को ट्रेनिंग दी और उनके लाभ के बारे में बताया। साथ ही, प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी दिए।

बता दें कि, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी थे। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. संदीप कुमार गर्ग, डॉ. संदीप कपूर, डॉ. ए एम सिद्दीकी, डॉ. आनंद सागर पांडेय, डॉ. पुकलित सिंह, डॉ. के बी जैन, डॉ. राजेश अरोड़ा, डॉ. के के सिंह, डॉ. प्रमेश अग्रवाल, डॉ. हिमांशु कृष्णा, डॉ. दर्शना कपूर, रीतू गर्ग, डॉ. के पी चंद्रा, डॉ. नवनीत त्रिपाठी, डॉ. विनोद तिवारी, डॉ. अरुण पांडेय, नवनीत गौड़, इन्द्रसेन सिंह, जयदीप सोनकर, मो. अनस, अमित पांडेय, गोल्डी आनंद, दीपक सिंह व समस्त एएफओएल के सदस्य विभिन्न सिक्लिंग ग्रुप जैसे सिक्लोपेडिया एवं शहर की विख्यात विंटेज कार धारकों के द्वारा इस कार्यक्रम में भाग लिया गया।



Raghvendra Prasad Mishra

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