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World Diabetes Awareness Day: बहुत खतरनाक है बीमारी, बचाव है आपके हाथ में
World Diabetes Awareness Day: 27 जून को हर साल विश्वभर में मधुमेह जागृति दिवस मनाया जाता है। इस दिवस की घोषणा 27 जून, 1991 को IDF और WHO ने की थी।
World Diabetes Awareness Day: 27 जून, 1991 को अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ (IDF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले विश्व मधुमेह दिवस की घोषणा की। आज, विश्व मधुमेह दिवस दुनिया भर में स्थिति, लक्षणों, जटिलताओं, उपचार और बीमारी का इलाज खोजने के संकल्प की स्वीकृति के रूप में मनाया जाता है। उत्सव में भाग लेने वालों में 160 से अधिक देशों और क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह संघ के 230 सदस्य संघ शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राज्यों के साथ-साथ अन्य संघों और संगठनों, कंपनियों, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और मधुमेह से पीड़ित लोग और उनके परिवार भी विश्व मधुमेह दिवस मनाते हैं। इस साल 14 नवंबर शुक्रवार को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाएगा। लेकिन मधुमेह जागृति दिवस (World Diabetes Awareness Day) 27 जून को मनाया जाता है।
34 सालों में मरीजों में कई गुना इजाफा
अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो मधुमेह से पीड़ित लोगों की संख्या जो 1980 में 108 मिलियन थी वह 2014 में बढ़कर 422 मिलियन हो गई। देखने में आया है कि उच्च आय वाले देशों की तुलना में निम्न और मध्यम आय वाले देशों में डायबिटीज का प्रसार अधिक तेजी से बढ़ रहा है। मधुमेह के कारण अंधापन, गुर्दे की बीमारी, दिल के दौरे, स्ट्रोक आदि के लिए एक प्रमुख कारण के रूप में उभरे हैं।
मधुमेह से समय से पहले मृत्यु दर में भी वृद्धि
अध्ययन में सामने आया है कि 2000 और 2016 के बीच, मधुमेह से समय से पहले मृत्यु दर में 5% की वृद्धि हुई है। 2019 में, अनुमानित 1.5 मिलियन मौतें सीधे तौर पर मधुमेह के कारण हुईं। 2012 में उच्च रक्त शर्करा के कारण अन्य 2.2 मिलियन मौतें हुईं।
विशेषज्ञों का कहना है कि एक स्वस्थ आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि, शरीर के सामान्य वजन को बनाए रखना और तंबाकू के सेवन से बचना टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) की शुरुआत को रोकने या उसकी गति की रफ्तार को कम करने के तरीके हैं। मधुमेह का इलाज किया जा सकता है और इसके परिणामों को आहार, शारीरिक गतिविधि, दवा और नियमित जांच और जटिलताओं के उपचार के साथ टाला या विलंबित किया जा सकता है।
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) के अनुसार, 2020 में, दुनिया में 463 मिलियन लोगों को और दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में 88 मिलियन लोगों को मधुमेह था। इन 8.8 करोड़ लोगों में से 7.7 मिलियन लोग भारत के हैं। आईडीएफ के अनुसार, जनसंख्या में मधुमेह की व्यापकता 8.9 फीसद की है।
आईडीएफ के अनुमानों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत में टाइप 1 मधुमेह वाले बच्चों की संख्या दूसरे स्थान पर है। यह दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में बच्चों में टाइप 1 मधुमेह की घटना के मामलों के सबसे बड़े अनुपात में भी योगदान देता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में होने वाली कुल मौतों में से 2% मधुमेह के कारण होती हैं।
जीवनशैली आधारित बीमारी है मधुमेह
विशेषज्ञों का मानना है कि मधुमेह एक जीवनशैली आधारित बीमारी है। अगर सही जीवनशैली और सही खानपान को अपनाया जाए इससे बचाव संभव है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक प्राचीन भारतीय शैली का खानपान भारतीयों को शुगर से दूर रखता था।
क्या खाएं-क्या नहीं
अगर बात भारतीय जीवन शैली की करें तो इसमें मोटे अनाज को वरीयता थी। जो कि यहां की मूल पैदावार था। गेहूं तो बाहर से आया और कुछ लोगों को तो ध्यान भी होगा कि गेहूं की रोटी मेहमानों के लिए बना करती थी। घरों में तो जौं, चना की रोटी बनती थी जो फायदेमंद होती थी। जौं की रोटी शुगर रोगियों के लिए भी खाना फायदेमंद है। मधुमेह के रोगियों को गेहूं की रोटी खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा कम और ग्लूटेन अधिक होती है। यह दोनों ही डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्छे नहीं हैं।
विकसित देशों में गेहूं की रोटी खाना बंद करने का चलन शुरू हो चुका है। भारत में भी अमीरों में कई अनाज मिलाकर तैयार आटे की रोटी का फैशन आ चुका है। उधर जौ की रोटी खाने से इसमें न केवल भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है बल्कि इसमें स्टार्च भी कम होता है। यह आसानी से पचता भी है। जिससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। इसके अलावा बाजरा, मक्का और ज्वार की रोटी भी खाई जा सकती है। इसमें आधा गेहूं मिलाकर भी खा सकते हैं।
मधुमेह के रोगी सिट्रस फ्रूट जैसे मौसम्मी, कीनू, संतरा आदि के साथ अनार, अमरूद खा सकते हैं। लेकिन केले खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में कार्ब्स होता है। अगर कोई गुड़ खाना चाहता है तो पुराना ज्यादा भूरा देसी गुड़ खा सकते हैं। लेकिन कम मात्रा में खाएं।
शुगर के रोगियों को साबूत दालें जैसे मसूर, मूंग, चना और अरहर खानी चाहिए। छिलके वाली दालों में भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है जो सेहत के लिए ठीक रहता है। इसके अलाव मधुमेह के रोगियों को उड़द की दाल खाने से बचना चाहिए। सभी प्रकार की हरे पत्तेदार और मौसमी सब्जियां खा सकते हैं। बथुआ, पालक, मेंथी के साग खा सकते हैं। सहजन की फली की सब्जी या सूप ले सकते हैं। हो सके तो दो आंवले का रस रोज सीजन भर पीएं। अच्छा रहेगा।
एक बात और मधुमेह के रोगियों का कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है। इसके मरीज रोस्टेड चने, मूंगफली, चावल के मुरमुरे या पॉपकार्न खा सकते हैं। इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है। हार्ट से जुड़ी बीमारियों से भी बचाव होता है। मधुमेह में त्रिफला काफी उपयोगी है। त्रिफला और मेंथी चूर्ण को सुबह लेना उपयोगी है। रात में सोते समय गुनगुने पानी के साथ तीन चौथाई हिस्सा (दो ग्राम) त्रिफला चूर्ण और एक चौथाई हिस्सा (आधा ग्राम) हल्दी पाउडर लेना भी फायदेमंद होता है।
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