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World Disability Day 2021: आखिर किसने और कब की दिव्यांग शब्द की शुरूआत, आइए जानें

हर साल 3 दिसंबर को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की सिफारिश पर अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस की शुरुआत साल 1992 में की गई थी, लेकिन विकलांग की जगह दिव्यांग शब्द की शुरूआत कब हुई। आइए इसके बारे में जानते हैं।

Deepak Kumar
Written By Deepak KumarNewstrack Network
Published on: 3 Dec 2021 6:47 PM IST (Updated on: 3 Dec 2021 6:58 PM IST)
World Disability Day 2021: आखिर किसने और कब की दिव्यांग शब्द की शुरूआत, आइए जानें
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World Disability Day 2021: आज यानी 3 दिसंबर को भारत के साथ पूरा विश्न आज विश्व विकलांग या विश्व दिव्यांग दिवस (World Disability Day) मना रहा है। इस दिवस की शुरुआत आज के दिन 3 दिसंबर 1992 को हुई थी। इस दिवस मनाने का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के प्रति संवेदना, आत्म-सम्मान और उनके जीवन को बेहतर बनाने के समर्थन करने का है।

विश्व दिव्यांग का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा "विकलांगजनों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष" के रूप में वर्ष 1981 को घोषित किया गया था। लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा की सिफारिश पर अंतरराष्ट्रीय विकलांगता दिवस (World Disability Day) की शुरुआत साल 1992 में की गई। 1992 से हर साल इसे पूरी दुनिया में ढेर सारी सफलता के साथ लगातार मनाया जा रहा है। वहीं, साल 2007 में इसे 'International Day of Disabled Persons' कहा गया। वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक के लिए एजेंडा तैयार किया है, जिसके तहत उनकी कोशिश है कि रफ्तार भरी जिंदगी में दिव्यांग भी पीछे न छूटें। वहीं, इस दिन को मनाने के लिए हर साल एक थीम भी रखी जाती है। विकलांग इंसानों के लिए यह सबसे खास दिनों में से एक होता है।

मन की बात कार्यक्रम में PM नरेंद्र मोदी ने शुरू किया दिव्यांग नाम

वहीं, विकलांगों को अब विकलांग की जगह दिव्यांग कहा जाता है। लेकिन आपको पता है कि ये दिव्यांग शब्द कब से शुरू किया गया है। दरअसल, दिसंबर 2015 के मन की बात कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने विकलांग की जगह दिव्यांग नाम की शुरूआत की थी। उनके सुझाव के बाद से इस शब्द चलन हुआ और इसी शब्द का प्रयोग किया जाता है। आपको बता दें कि वहीं, इससे पहले अमेरिका की डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी ने शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए हैंडिकैप की जगह डिफरेंटली एबल्ड शब्द का प्रयोग जाता था।

भारत में दिव्यांगों का आंकड़ा

भारत में ऐसे व्यक्ति को विकलांगता की श्रेणी में लिया जाता है, जो चिकित्सा के आधार पर 40 फीसदी से कम विकलांगता का शिकार न हो। वहीं, 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 2.68 करोड़ दिव्यांगजन हैं, जोकि कुल जनसंख्या का 2.21 प्रतिशत है। इसमें 1.50 करोड़ पुरुष हैं और 1.18 करोड़ स्त्रियां शामिल हैं।

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