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CPR Kya Hota Hai: हार्ट अटैक आने पर कैसे देते हैं CPR, ये सबको पता होना चाहिए

CPR Procedure In Hindi: बीते कुछ सालों में भारत में हार्ट अटैक के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई है। ऐसे में हर किसी को सीपीआर के बारे में पता होना चाहिए। ताकि समय रहते ही किसी की जान बताई जा सके।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 28 Sept 2024 6:32 PM IST
CPR Kya Hota Hai: हार्ट अटैक आने पर कैसे देते हैं CPR, ये सबको पता होना चाहिए
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CPR Kya Hota Hai (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

CPR Kaise Dete Hain: हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य हृदय से जुड़ी समस्याओं के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना और इसके रोकथाम को लेकर उन्हें शिक्षित करना है। दिल से जुड़ी बीमारियां (Heart Diseases) विश्व स्तर पर मौत का सबसे आम कारण हैं। हर साल हृदय रोग से लाखों लोग अपनी जान गवां देते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक, केवल हार्ट अटैक से ही हर साल 7 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।

ये चीजें दिल को बनाती हैं बीमार

बता दें युवाओं को हुए हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के केसेस ने चिंता और भी बढ़ा दी है। हालांकि ये जानलेवा बीमारी किसी को भी अपने चपेट में ले सकती है। खराब लाइफस्टाइल, गलत खानपान की आदत के अलावा स्मोकिंग, शारीरिक रूप से एक्टिव ना रहना, मोटापा, तनाव जैसी चीजें दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन कारकों की वजह से दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आप अपनी लाइफस्टाइल को सुधार कर लंबी और स्वस्थ जिंदगी जी सकते हैं।

हार्ट अटैक आने पर इस तरह बचा सकते हैं जान

क्या आप जानते हैं हार्ट अटैक आने पर अगर व्यक्ति को लक्षणों की पहचान करके समय पर सीपीआर दे दिया जाए तो उसकी जान बचने की संभावना 60-70 फीसदी तक बढ़ जाती है। ऐसे में सभी को सीपीआर के बारे में जरूर जानना चाहिए। इस टेक्निक को जानकर आप भी किसी की जिंदगी बचा सकते हैं। आइए जानते हैं कि सीपीआर कैसे देते हैं।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कैसे देते हैं सीपीआर (CPR Procedure Step By Step In Hindi)

सीपीआर का फुल फॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary Resuscitation) होता है, जो हार्ट अटैक के मामलों में इस्तेमाल की जाने वाली एक इमरजेंसी टेक्निक है। CPR में मुख्य रूप से दो काम किए जाते हैं। एक तो छाती को दबाना और दूसरा मुंह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन भी कहा जाता है। आज हम आपको हाथ से छाती दबाने वाले सीपीआर टेक्निक के बारे में बताने जा रहे हैं।

सबसे पहले व्यक्ति को उसकी पीठ के बल किसी सख्त सतह पर लिटा दें। इसके बाद अपने हाथ की निचली हथेली को उसके सीने पर बीचोबीच रखें। अब अपने दूसरे हाथ को अपने पहले हाथ की हथेली के ऊपर रखें। छाती को पंपिंग करते समय हाथ और कोहनी दोनों सीधा रखें। पंपिंग में छाती को दबाया जाता है। ऐसा करने से धड़कनें फिर से शुरू हो जाती हैं। व्यक्ति के सीने को पंप करने के लिए अपने ऊपरी शरीर के वजन का इस्तेमाल करते हुए छाती पर लगभग 2 इंच सीधा नीचे की ओर धक्का दें। ध्यान रखें कि 2.4 इंच से अधिक छाती को नीचे ना दबाएं। एक मिनट में कम से कम 100 से 120 बार हथेली से छाती को दबाएं।

अगर आप सीपीआर में प्रशिक्षित नहीं हैं तो तब तक छाती को दबाना जारी रखें जब तक कि हलचल के संकेत न दिखें या जब तक आपातकालीन चिकित्सा सहायता न मिल जाए।

नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन उपायों या सुझावों पर अमल करने से पहले संबंधित डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।



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