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होम्योपैथी दिवस पर जानिए इस पद्धति और इससे होने वाली बीमारियों के इलाज
जयपुर:होम्योपैथी सरल, सुलभ और कम खर्चीली पद्धति है। इन दवाओं से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। विश्व होम्योपैथी दिवस हर वर्ष 10 अप्रैल को मनाया जाता है। यह होम्योपैथी के संस्थापक डॉ सैमुअल हनीमैन की जयंती के रूप में मनाया जाता है। डॉ सैमुअल हनीमैन जर्मनी के प्रसिद्ध डॉक्टर थे। उनका जन्म 1755 में और मृत्यु 1843 में हुई थी। होम्योपैथी एक चिकित्सा पद्धति है जो औषधियों और उनके अनुप्रयोग पर आधारित है।
होम्योपैथिक पुरानी पद्धति है और यह बीमारी को जड़ से दूर करने में कारगर है। होम्योपैथी बैक्टीरिया एवं वायरस से होने वाली कई बीमारियों जैसे चिकन पॉक्स, खसरा, मम्प्स, चिकुनगुनिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू, जापानी इंसेफलाइटिस आदि के रोकथाम में काफी प्रभावी है। होम्यापैथी बच्चों में वंशानुगत बीमारियों की संभावना दूर करती है। इससे साइनस, टांसलाइटिस, ट्यूमर, सिस्ट, फाइब्राइट, प्रोलेप्स ऑफ यूटेरस, गुदा द्वार का बाहर निकलना, पाइल्स, फिस्चुला आदि का इलाज संभव है। चर्म रोग में भी दवा काफी असरदार साबित होती है।
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होम्योपैथी में ज्यादा परहेज की जरूरत नहीं है केवल उन्हीं चीजों को मना किया जाता है जो मरीज की तकलीफ बढ़ा देती हैं। महिलाओं में होने वाली मासिक चक्र की गड़बड़ी, श्वेत प्रदर, हार्मोनल समस्या, बांझपन, मेनोपाज की परेशानी का इलाज होम्योपैथिक में है। मानसिक बीमारियों के साथ ही नरवस सिस्टम से जुड़ी समस्याओं में भी इन दवाओं से बेहतर इलाज संभव है। साथ ही बीड़ी, सिगरेट, पान, तंबाकू, शराब की लत भी छुड़ाई जा सकती है। देश हर राज्य में आज के दिन होम्योपैथी दिवस मनाया जा रहा है।