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Obesity: जागरूकता ही है समाधान, आजमाएं इन उपायों को दूर भगाएं मोटापा
World Obesity Day: विश्व मोटापा दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में मोटापे से हो रही गंभीर बिमारियों की रोकथाम करने के साथ-साथ मोटापे के कारण लोगों के साथ हो रहे सामाजिक भेदभाव को मिटाने का प्रयास करना है।
World Obesity Day: पुरे विश्व में प्रति वर्ष 4 मार्च को विश्व मोटापा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 'विश्व मोटापा दिवस' वार्षिक अभियान की स्थापना विश्व मोटापा फेडरेशन (World Obesity Federation) ने वर्ष 2015 में की थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में मोटापा कटौती, रोकथाम और उपचार करने के वैश्विक प्रयासों की अगुआई और संचालन है।लोगों को स्वस्थ वज़न प्राप्त करने और उसे बनाए रखने के साथ-साथ वैश्विक मोटापा संकट (Global Obesity Crisis) को भी बदलने के मिशन के साथ मोटापा दिवस को 4 मार्च को मनाया जाता है।
विश्व मोटापा दिवस के माध्यम से विश्व मोटापा फेडरेशन वज़न के सामाजिक भेदभाव (Stigma) की व्यापकता, गंभीरता और विविधता के बारे में जागरूकता बढ़ाने एवं "वज़न के सामाजिक भेदभाव की समाप्ति" पर विशेष बल दिया है।
क्या है विश्व मोटापा दिवस मनाने का उद्देश्य?
विश्व मोटापा दिवस मानाने का उद्देश्य लोगों में मोटापे से हो रही गंभीर बिमारियों की रोकथाम करने के साथ-साथ मोटापे के कारण लोगों के साथ हो रहे सामाजिक भेदभाव को मिटाने का प्रयास करना है। वज़न का सामाजिक भेदभाव लोगों के नकारात्मक व्यवहार और दृष्टिकोण को बताता है,जिसका एक व्यक्ति को अपने अधिक वज़न के कारण सामना करना पड़ता है।
मोटापा एक वैश्विक मुद्दा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व मोटापा फेडरेशन के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में विश्व में लगभग 2 अरब (40 प्रतिशत से अधिक) वयस्क और 34 करोड़ (18 प्रतिशत से ज्यादा ) 5 से 19 वर्ष तक किशोरों व युवाओं का वज़न जरूरत से ज्यादा है। गंभीर चिंता का विषय यह है कि यह आंकड़ा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
अधिक वज़न वाले लोग न सिर्फ अपने शारीरिक समस्या से लड़ते हैं बल्कि उन्हें सामाजिक भेदभाव का भी सामना करना पड़ता है। जबकि इस वैश्विक बीमारी से लड़ने के लिए हम सब को एकजुट होना पड़ेगा,तभी हम एक स्वस्थ दुनिया बना पाएंगे।
तो आइये जानते हैं वज़न के सामाजिक भेदभाव को कैसे करें कम
वज़न के सामाजिक भेदभाव को ख़त्म करने के लिए लोगों में सहभागिता और प्रोत्साहन की भावना का होना बहुत जरुरी है। यदि हम मोटापे के सामाजिक भेदभाव को समाप्त करना चाहते हैं, तो अपनी भाषा और दृष्टिकोण में सामंजस्य, जागरूकता बढ़ाना और इसके व्यापक प्रभाव के बारे में अपने ज्ञान को बेहतर बनाना जरुरी है।जिसमें लोगों में सामाजिक भेदभाव के परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाली बाधाओं को दूर कर उनकी मदद करना है और उन्हें आवश्यक चिकित्सीय उपचार प्राप्त कराने में सहयोग करना शामिल है।
मोटापा होने के कुछ प्रमुख कारण
मोटापा होने का सबसे बड़ा कारण ख़राब जीवन शैली है। व्यायाम या सक्रियता में कमी, फास्टफूड का सेवन, मोबाइल-टीवी पर ज्यादा वक्त देना और लम्बे समय तक एक ही जगह पर बैठ कर काम करना भी मोटे होने का एक बड़ा कारण है।
मोटापे से होने वाली बीमारियां
मोटापे से बहुत तरह की बीमारी होने की सम्भावना होती है। मोटापे के कारण हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल, डायबिटीज, हड्डियों और जोड़ों में परेशानी का खतरा बना रहता है। मोटापे के कारण हृदय रोग और कैंसर का भी जोखिम रहता है।
मोटापा कम करने या उससे बचने के टिप्स
अपनी जीवन शैली में बदलाव कर क आप मोटापे को दूर भगा सकते हैं। फ़ास्ट फ़ूड को पूरी तरह से नकार दें। बर्गर, पिज़्ज़ा आदि केवल मोटापे को बढ़ावा देते हैं कर कई तरह की बीमारी का कारण बनते हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि आप खाली पेट कतई न रहें। कोशिश करें की हर तीन-चार घंटे पर कुछ न कुछ हल्का खा लें। अनाज अधिक मात्रा में खाना चाहिए। हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी और सरसों खूब खाना चाहिए और प्रोटीन युक्त खाना खाएं।
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