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Anxiety Ke Upay: खानपान भी बढ़ा रही एंग्जाइटी, इस तरह दूर करें घबराहट

Worst Foods for Anxiety: एंग्जायटी की एक वजहों में आपका खानपान (Diet) भी शामिल है। अगर आपको चिंता व अवसाद से दूर रहना है तो इन फूड्स को खाने से परहेज करें।

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Newstrack Network
Published on: 24 Jun 2024 6:06 PM IST
Anxiety: खानपान भी बढ़ा रही एंग्जाइटी, इस तरह दूर करें घबराहट
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Anxiety (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Anxiety Ke Upay: आज के समय में बदलती लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, फैमिली इश्यू, हेल्थ इश्यू, आर्थिक परेशानी और कई अन्य वजहों से धीरे-धीरे एंग्जायटी के मामले (Anxiety Cases) बढ़ रहे हैं। बड़ी ही नहीं बल्कि छोटी उम्र के लोग भी एंग्जायटी (Anxiety) के शिकार हो रहे हैं। कभी-कभी एंग्जायटी का एहसास होना सामान्य है, लेकिन हर छोटी-छोटी बातों पर पैनिक होना सही नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि इसे समय रहते ही कंट्रोल कर लिया जाए। एंग्जायटी की एक वजहों में आपका खानपान (Diet) भी शामिल है। जी हां, कुछ खाद्य पदार्थों को खाने से भी आप इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं चिंता के दौरान किन खाद्य पदार्थों और पेय के सेवन से बचना चाहिए।

एंग्जाइटी के लक्षण (Anxiety Symptoms)

इससे पहले जान लें कि एंग्जाइटी क्या होती है और इसके लक्षण (Anxiety Ke Lakshan) क्या हैं। एंग्जाइटी एक तरह की मानसिक बीमारी है, जो अधिकतर तब होती है, जब आपके मन में किसी बात को लेकर बहुत अधिक डर बैठ जाता है या तो किसी तरह का दबाव होने पर बहुत ज्यादा बेचैनी का एहसास करते हैं। एंग्जाइटी डिसऑर्डर में व्यक्ति को हर समय किसी चीज का डर बना रहता है। वह छोटी-छोटी बातों को लेकर एकदम से घबरा जाता है या फिर सामान्य सी बात पर भी बेचैन हो उठता है। इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं-

1- घबराहट

2- बेचैनी

3- जी मिचलाना

4- पाचन की समस्या

5- हाथ-पैर ठंडा होना

6- नेगेटिव विचार आना

7- थकान महसूस होना

8- कम नींद आने की समस्या

9- मुंह सूखना

10- सांस लेने में कठिनाई

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

इन चीजों से बना लें दूरी (Worst Foods for Anxiety)

आपके आसपास भी कई लोग एंग्जायटी के शिकार हो सकते हैं। कुछ लोगों में यह समस्या बहुत कम होती है, जबकि कुछ लोगों को यह अधिक परेशानी करती है। युवाओं में भी एंग्जायटी के मामले बढ़े हैं। अनहेल्दी खानपान (Unhealthy Eating Habits) के चलते भी लोगों में चिंता बढ़ी है। ऐसे में खानपान में सुधार भी बेहद जरूरी है। आइए जानें किन चीजों से आपको दूरी बनाने की जरुरत है।

1- प्रोसेस्ड फूड

अगर आप किसी चीज को लेकर चिंता महसूस करते हैं तो प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें। शोध के मुताबिक, प्रोसेस्ड फूड एंग्जाइटी और डिप्रेशन का एक मुख्य कारण है। प्रोसेस्ड फूड खाने से मेमोरी वीक होने के साथ दिमाग भी कमजोर होने लगता है।

2- कैफीनयुक्त ड्रिंक्स

चिंता की स्थिति में आपको कॉफी या अन्य कैफीनयुक्त ड्रिंक्स से भी परहेज करना चाहिए। एक शोध में सामने आया था कि कैफीन युक्त पेय पदार्थों को प्राथमिकता देने वाले लोगों में चिंता बहुत ज्यादा देखी गई है। कैफीन का सेवन करने से सेरोटोनिन लेवल कम हो जाता है, जिससे व्यक्ति में उदासी और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है।

3- शराब

कई लोग अपनी चिंता को दूर करने के लिए शराब का सेवन करते हैं। लेकिन ये आपकी चिंता को कम नहीं करती बल्कि बढ़ाती है। ऐसे में शराब से भी आपको दूरी बनाकर रहनी चाहिए।

4- स्वीट ड्रिंक्स से बनाएं दूरी

मीठे ड्रिंक्स का सेवन करने से ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव होता है, जिससे चिंता बढ़ सकती है। दरअसल, कई फलों के रस में फाइबर के बिना भी अधिक मात्रा में चीनी होती है, जो नुकसानदायक होती है।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

एंग्जाइटी दूर करने के 5 उपाय (5 Ways to Cope With Anxiety)

1- अगर आप एंग्जायटी और तनाव को कम करना या उससे बचना चाहते हैं तो खुद को फिजिकली एक्टिव बनाएं और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। रोजाना एक्सरसाइज करने से तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा आप मेडिटेशन का भी सहारा ले सकते हैं।

2- फिजिकली और मेंटली हेल्दी रहने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन जरूरी है। अपनी डाइट में सब्जियां, फल, बीन्स, मछली, नट, सनफ्लॉवर सीड्स जैसे हेल्दी फूड्स शामिल करके आप एंग्जायटी और तनाव से छुटकारा पा सकते हैं।

3- सेल्फ केयर और मी टाइम पर भी फोकस करें। ऐसे कामों को करने में वक्त बिताएं, जिससे आपको खुशी मिलती है। यह आपके एंग्जायटी और स्ट्रेस के लेवल को कम कर सकता है। इसके अलावा आप ट्रैवलिंग से भी चिंता को कम कर सकते हैं।

4- ज्यादा स्क्रीन टाइम बढ़ने से भी लोगों में चिंता और अवसाद के मामले बढ़े हैं। स्मार्टफोन, कंप्यूटर और टैबलेट डेली लाइफ का अहम हिस्सा बन गए हैं, लेकिन इनका बहुत अधिक इस्तेमाल करने से बचें।

5- पर्याप्त नींद लेना भी बहुत जरूरी है। नींद में कमी होने के चलते आपको कई सारे हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकते हैं। साथ ही तनाव का स्तर भी बढ़ सकता है।

नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन बिंदुओं को अमल में लाने से पहले संबंधित डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।



Shreya

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