TRENDING TAGS :
Yarrow Herbal Oil Ke Fayde: एंटी एजिंग से लेकर घावों को भरने में जादुई असर दिखाता है ये हर्बल ऑयल, मार्केट में हो रही जमकर डिमांड
Yarrow Herbal Oil Ke Fayde: इस पौधे के तेल का पहला रिकॉर्ड किया गया उपयोग 1700 के दशक में हुआ था, हालांकि 1828 के दौरान इस तेल का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों और इत्र में और दर्द निवारक और घाव भरने वाले के रूप में किया जाता था।
Yarrow Herbal Oil Ke Fayde: आज कल स्किन केयर की विस्तृत रेंज में ना जाने कितने प्रोडक्ट मार्केट में अपनी खूबियों के बखान के साथ लोगों की टॉयलटरीज की हिस्सा बने हुए हैं। इसी रेंज में शामिल एक हर्बल ऑयल अपने औषधीय गुणों के चलते मार्केट में खूब पसंद किया जा रहा है। यारो नाम के इस ऑयल से जुड़े इतिहास की बात करें तो आपको बता दें कि यारो ऑयल एक तरह के पौधे से निकाला जाता है, जो पूरे उत्तरी गोलार्ध में महाद्वीपों में मूल रूप से पाया जाता है। पौधे की पहली दर्ज उपस्थिति एक जीवाश्म से मिलती है जिसे 50,000 साल से भी पुराना माना जाता है। इतिहास में भी, यारो का इस्तेमाल घावों को ठीक करने के लिए किया जाता था, यही वजह है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे सैनिक के घाव का नाम मिला।
इतिहास में ऐसा भी पढ़ने को मिलता है, जिसमें ग्रीक की, प्राचीन यूनानी पौराणिक कथाओं में सबसे महान योद्धा के रूप में जाना जाने वाला अकिलिस भी अपने घाव को ठीक करने के लिए यारो का इस्तेमाल किया था, इसलिए इसका वानस्पतिक नाम अकिलिया मिल्फ़ोलियम है। तब से, यारो को दुनिया भर में प्रसिद्धि मिलने के साथ उपचार की एक बेहतर जड़ीबूटी के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा।
इस पौधे के तेल का पहला रिकॉर्ड किया गया उपयोग 1700 के दशक में हुआ था, हालांकि 1828 के दौरान इस तेल का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों और इत्र में और दर्द निवारक और घाव भरने वाले के रूप में किया जाता था। यारो में एंटीस्पास्मोडिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और जीवाणुरोधी गुणों का सबसे पहले चिकित्सा विज्ञान में परीक्षण किया गया था और इसका उपयोग श्वास, प्रजनन और पाचन विकारों के इलाज के लिए किया गया था। सैकड़ों साल पहले हुई इस तेल की खोज के बाद से हर्बल उपचार की दुनिया में, यारो (अचिलिया मिलफोलियम) का उल्लेखनीय जड़ी बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
यारो एक बारहमासी जड़ी बूटी है,जिसमें एक साधारण तना होता है, जो एक मीटर (3 फीट) की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। इसमें फर्न जैसी पंखदार पत्तियां होती हैं और इसमें कई गुलाबी-सफेद, घने फूल होते हैं। यारो को मिलफॉइल के नाम से भी जाना जाता है।
कई रोगों में लाभकारी साबित होती है ये जड़ीबूटी
यारो का इस्तेमाल सदियों से पारंपरिक चिकित्सा में इसके उल्लेखनीय उपचार गुणों के लिए किया जाता रहा है। अपने सूजनरोधी , रोगाणुरोधी और कसैले गुणों के लिए जाना जाने वाला यारो घावों के उपचार, सूजन को कम करने और त्वचा की जलन को शांत करने के लिए स्थानीय रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है।
उपचार प्रक्रिया को तेज करने और निशान को कम करने की इसकी क्षमता ने इसे इतिहास में विभिन्न त्वचा रोगों के लिए एक विश्वसनीय उपाय बना दिया है। आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक महत्व से जुड़े ऑयल से जुड़े डिटेल्स के बारे में -
एंटी-एजिंग पर प्रभावी
कास्मेटिक की रेंज में अपनी खूबियों के चलते तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा यारो स्किन में जाकर ब्लडफ्लो को उत्तेजित करने और कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देने की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका लिए जाना जाता है, जो त्वचा को स्मूद और लचीली बनाए रखने और उम्र के साथ चेहरे पर आने वाली महीन रेखाओं और झुर्रियों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
त्वचा पर घावों को बहुत जल्द भरता है ये तेल
यारो तेल का सीधा उपयोग त्वचा पर आए छोटे मोटे और गहरे घावों को भरने के लिए किया जाता है। इसके लिए तेल की कुछ बूंदें सीधे उस प्रभावित स्थान पर लगाई जाती हैं। इस तेल की खूबी है कि इससे संक्रमण का खतरा नहीं रहता।
इस तेल की सबसे बड़ी खूबी है कि त्वचा पर आए किसी तरह के घाव पर इसको लगाने से घाव भरने के बाद निशान भी नहीं आते।
सर्दियों के लिए बेहतर स्किन टॉनिक है यारो तेल
सर्दी के मौसम में त्वचा बहुत तेजी से सूखने लगती है,ऐसे में यारो तेल त्वचा को मॉइश्चर करने के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता हैं। इसको लगाने से त्वचा लम्बे समय तक हाइड्रेट और सुंदर बनी रहती है।
स्किन इंफेक्शन में प्रभावी
यारो तेल स्किन को स्वस्थ और यंग बनाने के साथ त्वचा पर होने वाले कई प्रकार के इन्फेक्शन से भी बचाव करता है। त्वचा पर किसी तरह का यदि फंगल इन्फेक्शन है तो उस संक्रमण वाले स्थान पर यारो तेल लगाना चाहिए।
इस तेल में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिनसे संक्रमण जल्दी खत्म होने में मदद मिलती है।
सूजन कम करने में सहायक
यारो तेल का इस्तेमाल त्वचा पर किसी तरह की सूजन को भी कम करने में सहायक होता है। साथ ही चोट या मोच से आई शरीर पर लालिमा को भी जल्द ही ठीक करता है, साथ ही दर्द में भी राहत मिलती है।