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Yoga For High Blood Pressure: हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में कारगर हैं ये योगासन, रोजाना जरूर करें
Yoga For High Blood Pressure: हाई ब्लड प्रेशर को अक्सर "साइलेंट किलर" कहा जाता है क्योंकि यह ध्यान देने योग्य लक्षण पैदा नहीं कर सकता है। कुछ लोगों को सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ या नाक से खून आने का अनुभव हो सकता है, लेकिन ये लक्षण हाई ब्लड प्रेशर के लिए विशिष्ट नहीं हैं।
Yoga For High Blood Pressure: हाई ब्लड प्रेशर एक सामान्य स्थिति है जहां धमनियों की दीवारों के खिलाफ रक्त का लंबे समय तक बल लगातार बहुत अधिक होता है। इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम कारकों में हाई ब्लड प्रेशर का पारिवारिक इतिहास, उम्र, शारीरिक गतिविधि की कमी, खराब आहार (नमक की अधिकता, पोटेशियम की कमी), अत्यधिक शराब का सेवन और मोटापा शामिल हैं।
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
हाई ब्लड प्रेशर को अक्सर "साइलेंट किलर" कहा जाता है क्योंकि यह ध्यान देने योग्य लक्षण पैदा नहीं कर सकता है। कुछ लोगों को सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ या नाक से खून आने का अनुभव हो सकता है, लेकिन ये लक्षण हाई ब्लड प्रेशर के लिए विशिष्ट नहीं हैं। हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए योग एक लाभकारी अभ्यास हो सकता है।
यहां कुछ योग मुद्राएं और तकनीकें दी गई हैं जो मदद कर सकती हैं:
शवासन (Savasana)
अपनी पीठ के बल लेटें, पैरों को फैलाएं और हाथों को बगल में रखें।
गहरी, धीमी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और अपने पूरे शरीर को आराम दें।
सुखासन (Sukhasana)
अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी और कंधों को आराम से रखकर आराम से बैठें।
अपनी आंखें बंद करें और मन को शांत करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए गहरी सांसें लें।
बालासन (Child's Pose)
पैर की उंगलियों को एक साथ रखते हुए और घुटनों को कूल्हे की चौड़ाई से अलग रखते हुए चटाई पर घुटने टेकें।
अपने धड़ को अपने घुटनों के बीच नीचे करें और अपनी बाहों को आगे की ओर फैलाएँ।
अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस स्थिति में आराम करें।
पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
अपने पैरों को सामने फैलाकर बैठें।
साँस लें, अपनी रीढ़ को लंबा करें, और फिर साँस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें, अपने पैर की उंगलियों तक पहुँचें।
भुजंगासन (Cobra Pose)
अपने पेट के बल लेटें, हाथ आपके कंधों के नीचे।
श्वास लें, अपनी छाती को ज़मीन से ऊपर उठाएँ और अपनी पीठ को झुकाएँ।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama)
आराम से बैठें और अपने दाहिने अंगूठे से अपनी दाहिनी नासिका बंद करें।
बायीं नासिका से गहरी सांस लें, फिर इसे अपनी अनामिका से बंद कर लें।
दाहिनी नासिका को छोड़ें और उससे सांस छोड़ें। प्रक्रिया को दोहराएँ.
नाड़ी शोधन प्राणायाम (Nadi Shodhana Pranayama)
आराम से बैठें और दाहिने हाथ के अंगूठे और अनामिका का उपयोग करें।
एक नासिका छिद्र बंद करें और दूसरे नासिका छिद्र से सांस लें, फिर दूसरी नासिका छिद्र से सांस लें और छोड़ें।
वृक्षासन (Tree Pose)
एक पैर पर खड़े हो जाएं और दूसरे पैर के तलवे को भीतरी जांघ या पिंडली के सामने रखें।
अपनी हथेलियों को अपनी छाती के सामने एक साथ लाएँ और संतुलन में मदद के लिए एक केंद्र बिंदु खोजें।