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Sense Of Smell: आपके ब्रेन की स्थिति से जुड़ी है सूंघने की क्षमता, शोध की रिपोर्ट है चौंकाने वाली

Sense Of Smell: शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि समय के साथ किसी व्यक्ति की सूंघने की शक्ति में गिरावट अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया की भविष्यवाणी भी कर सकती है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 30 July 2022 9:27 PM IST
Your ability to smell is linked to the state of your brain, research reports are shocking
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आपके ब्रेन की स्थिति से जुड़ी है सूंघने की क्षमता: Photo- Social Media

Lucknow: लोग अक्सर देखने और सुनने की अपनी क्षमता की तुलना में सूंघने की क्षमता को कम आंकते हैं, लेकिन ये जान लीजिए कि सूंघने की शक्ति (sense of smell) हमारे मस्तिष्क को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है, और इस शक्ति से ब्रेन की स्थिति का भी पता चल सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो (University of Chicago) में मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि समय के साथ किसी व्यक्ति की सूंघने की शक्ति में गिरावट अल्जाइमर रोग (Alzheimer's disease) और डिमेंशिया (dementia) की भविष्यवाणी भी कर सकती है।

अल्जाइमर्स एंड डिमेंशिया: द जर्नल ऑफ द अल्जाइमर एसोसिएशन में 28 जुलाई को प्रकाशित अध्ययन के अनुसार रोगियों में संज्ञानात्मक हानि का पता लगाने के लिए गंध-परीक्षण स्क्रीनिंग का सहारा लिया जा सकता है।

अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं

शिकागो विश्वविद्यालय में सर्जरी और ईएनटी विशेषज्ञ (Surgery and ENT specialist) तथा इस स्टडी के सीनियर लेखक प्रोफेसर जयंत एम पिंटो ने (Professor Jayant M Pinto) बताया कि इस अध्ययन से एक और सुराग मिलता है कि गंध की भावना में तेजी से गिरावट मस्तिष्क के विशिष्ट क्षेत्रों में संरचनात्मक रूप से क्या हो रहा है, इसका एक अच्छा संकेतक है।

Photo- Social Media

अनुमान है कि 60 लाख से अधिक अमेरिकियों को अल्जाइमर रोग है। इस रोग में याददाश्त खत्म होने लगती है, मूड में बदलाव हो जाता है और रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करने में परेशानी आने लगती है। अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं अस्थायी रूप से इसके लक्षणों को धीमा कर सकती हैं।

गंध को पहचानने की हमारी क्षमता में स्मृति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और शोधकर्ताओं ने लंबे समय से गंध और मनोभ्रंश (डिमेंशिया).के बीच एक कड़ी के बारे में जाना है। अल्जाइमर रोग से प्रभावित ऊतक को चिह्नित करने वाले 'प्लाक' और 'टेंगल्स' मस्तिष्क के अन्य भागों में विकसित होने से पहले अक्सर गंध और स्मृति से जुड़े क्षेत्रों में दिखाई देते हैं। यह अभी भी अज्ञात है कि क्या यह क्षति वास्तव में किसी व्यक्ति की गंध की भावना में गिरावट का कारण बनती है।

पिंटो और उनकी टीम यह देखना चाहती थी कि क्या मस्तिष्क में उन परिवर्तनों की पहचान करना संभव है जो समय के साथ किसी व्यक्ति की गंध और संज्ञानात्मक कार्य के नुकसान से संबंधित हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार अगर हम 40, 50 और 60 की उम्र वाले ऐसे लोगों की पहचान कर सकते हैं, जो ज्यादा जोखिम में हैं, तो उनको परीक्षणों से जोड़ कर और बेहतर दवाएं विकसित करने के लिए पर्याप्त जानकारी मिल सकती है।

गंध की भावना की कमी के बाद पांच साल के भीतर मौत होने की आशंका

प्रोफेसर पिंटो ने कहा, "हमें अपने अध्ययन को उन सभी जोखिम कारकों के संदर्भ में लेना होगा जिन्हें हम अल्जाइमर के बारे में जानते हैं, जिसमें आहार और व्यायाम के प्रभाव भी शामिल हैं। गंध की भावना में परिवर्तन एक महत्वपूर्ण घटक होना चाहिए जो संभवतः स्वास्थ्य और उम्र बढ़ने में मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। पिंटो के पिछले अध्ययनों ने वृद्ध वयस्कों में स्वास्थ्य में गिरावट के लिए एक महत्वपूर्ण मार्कर के रूप में गंध की भावना की जांच की है। उनके 2014 के अध्ययन से पता चला था कि ऐसे वृद्ध जिनकी गंध की भावना खत्म हो गई है, उनके पांच साल के भीतर मरने की संभावना तीन गुना अधिक थी। ये मार्कर फेफड़ों की बीमारी, हार्ट फेल्योर या कैंसर के निदान की तुलना में मृत्यु का बेहतर संकेतक है।



Shashi kant gautam

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