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Zika Virus Kya Hai: जीका वायरस का इतिहास, किन देशों में फैला संक्रमण, जानिए जीका वायरस के लक्षण और बचाव के उपाए

Zika Virus Kya Hai : अभी तक जीका वायरस का कोई आधिकारिक इलाज नहीं मिल पाया है। आमतौर पर जीका वायरस के लक्षण हल्के होते हैं और इनके जानलेवा बनने का खतरा काफी कम होता है।

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Newstrack NetworkPublished By Shivani
Published on: 27 July 2021 11:06 AM IST (Updated on: 27 July 2021 11:09 AM IST)
Zika Virus Kya hai
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जीका वायरस (Photo Social Media0

Zika Virus Kya Hai : अभी जहाँ भारत मे कोरोना (India Coronavirus) मामलों में थोड़ा कमी ही आना शुरू हुई थी कि एक अन्य खतरनाक वायरस जीका ने भारत (Zika Virus In India) में दस्तक दे दी। मुसीबत के वक्त बुरी खबर यह है कि पिछले 15 दिनों में जीका वायरस की रफ्तार बढ़ी है, पर मामलों में कमी की वजह कोरोना है जिसकी वजह से लोगों का घूमना फिरना बंद है। केरल में रविवार को दो लोग और जीका की चपेट में आ गया जिससे कुल मामलों की संख्या बढ़कर 48 हो गयी है।भारत मे इस वायरस का आना कोई पहली बार नही है इससे पहले भी यह 2017 में गुजरात मे मिला था जिसके बाद यह तमिलनाडु में भी पहुंचा। तो वहीं 2018 में यह मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी पहुँच चुका था। डब्लूएचओ (WHO) ने 2016 में इस वायरस के लिये अलर्ट भी जारी किया था।

विश्व और भारत में जीका वायरस का इतिहास (Zika Virus Ka Itihas)

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, जीका वायरस का सबसे पहला मामला (Zika Virus Ka Sabse Pehla Mamla) 1947 में युगांडा के बंदरों के अंदर देखा गया और युगांडा में ही 1952 में इंसानों के अंदर पहला मामला दर्ज किया गया। इसके बाद 1960 से लेकर 1980 तक यह दुनिया के दूसरे देशों में भी पहुंचा। जीका वायरस का पहला प्रकोप 2007 में Island of Yap में दर्ज किया गया।


माना जाता है कि एशिया के अंदर जीका वायरस 1970 के दशक में प्रवेश कर चुका था। जिससे कारण पाकिस्तान और इंडोनेशिया में इसके कुछ मामले दर्ज किए गए, लेकिन भारत में जीका वायरस का पहला आधिकारिक मामला 2017 में गुजरात में देखा गया, जिसके बाद यह तमिलनाडु भी पहुंचा। वहीं, 2018 में मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी इसका बड़ा प्रकोप देखा गया।

कुल 86 देशों में फैल चुका है ज़िका वायरस (Kin Deshon Me Faila Zika Virus)

2013 में फ्रेंच पोलिनेशिया और प्रशांत के अन्य देशों में ज़ीका वायरस संक्रमण का काफी प्रकोप देखने को मिला। इसके बाद साल 2014 में प्रशांत महासागर में फ्रेंच पोलिनेशिया तक और फिर साल 2015 में मेक्सिको, मध्य अफ्रीका में भी ज़ीका वायरस के मामलों की पुष्टि हुई। फिर इसी साल (2015) मार्च महीने में ब्राजील में भी दाने की बीमारी का प्रकोप देखा गया। जिसकी पहचान ज़ीका वायरस संक्रमण के रूप में हुई। इसी साल गुइलेब बैरे सिंड्रोम से इसे जुड़ा पाया गया। आंकड़ों की मानें तो आज तक कुल 86 देशों और क्षेत्रों में ज़ीका संक्रमण फैलने के प्रमाण मिल चुके हैं।

यौन संबंध के द्वारा भी फैल सकता है जीका वायरस (Zika Virus Sex Se Failta Hai)

डब्ल्यूएचओ कहता है कि जीका वायरस यौन संबंध के द्वारा भी फैल सकता है। जिसके कारण जीका वायरस इंफेक्शन का गर्भवती महिलाओं और भ्रूण तक पहुंचने का भी खतरा बन सकता है। इसलिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह है कि जीका वायरस से प्रभावित क्षेत्रों में यौन संबंध के दौरान कॉन्डम का इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं, अगर कोई महिला असुरक्षित यौन संबंध के बाद जीका वायरस के खतरे के कारण गर्भवती होने से बचना चाहती है, तो उसे जल्द से जल्द गर्भनिरोध के तरीके अपनाने चाहिए।


जीका वायरस के कारण हो सकती हैं जन्मजात विकार (Zika Virus Se Hone Wali Bihari)

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, जीका वायरस गर्भवती महिला से भ्रूण तक पहुंच सकता है। जिसके कारण जन्म के समय शिशु का सिर छोटा होना (microcephaly) व अन्य जन्मजात विकार हो सकते हैं, जिन्हें कॉन्जेनिटल जीका सिंड्रोम (Congenital Zika Syndrome) कहा जाता है. इन जन्मजात विकारों के कारण शिशु को जोड़ों की संरचना में समस्या, आंखों में दिक्कत व सुनने में परेशानी जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

जीका वायरस का इलाज क्या है? (Zika Virus Ka Treatment Kya hai)

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अभी तक जीका वायरस का कोई आधिकारिक इलाज नहीं मिल पाया है। आमतौर पर जीका वायरस के लक्षण हल्के होते हैं और इनके जानलेवा बनने का खतरा काफी कम होता है। हालांकि, द प्रिंट की खबर के मुताबिक, द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज ने फिलहाल 6 विभिन्न विकासशील वैक्सीन को सूचीबद्ध किया है। जो कि अलग-अलग तकनीक से तैयार की जा रही हैं और ट्रायल में मौजूद हैं।

जीका वायरस के लक्षण (Zika Virus Symptoms In Hindi)

आम तौर पर इस वायरस के संक्रमित मरीज की पहचान नहीं हो पाती है, क्योंकि इसके लक्षण वायरल बुखार जैसे ही हैं. जैसे हल्का बुखार, बॉडी में रैशेज, आंख में जलन, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और बेचैनी होना, आदि। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सलाह है कि ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर ऐसे लक्षण मिलने पर तत्काल जांच होनी चाहिए. ब्लड और यूरीन टेस्ट के बाद इसकी पुष्टि होती है। जीका वायरस के संपर्क में आने 3 से 14 दिन के भीतर मरीज के लक्षण दिखने लगते हैं।


जीका वायरस से बचाव (Zika Virus Se Bachav)

जीका वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बचाव ही एकमात्र तरीका है. जिसके लिए निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए। जैसे-

  • खासतौर से, दिन और शाम के समय पूरी बाजू और पैरों को ढकते हुए कपड़े पहनें। घरों में मच्छर रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
  • अपने घर और घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • किसी भी खाली बर्तन या जगह पर बारिश का पानी इकट्ठा ना होने दें।
  • अपने कूलर, पानी की टंकी, पौधों आदि को समय-समय पर साफ करें।
  • गर्भवती महिलाएं और बच्चों का विशेष रूप से ध्यान रखें।
  • जीका वायरस से प्रभावित किसी जगह पर जा रहे हैं, तो अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखें।


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Shivani

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