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Deputy CM in Indian States: संविधान में जिक्र न होने के बाद भी आखिर क्यों 16 राज्यों में हैं 26 उप मुख्यमंत्री
Deputy CM in Indian States: भारत में उपमुख्यमंत्री पद का जिक्र सबसे पहले बिहार राज्य में सुनने को मिला था। बिहार के अनुग्रह नारायण सिंह स्वतंत्र भारत के पहले उप मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने साल 1956 तक उप मुख्यमंत्री पद का कार्य किया।
Deputy CM in Indian States: भारत गणराज्य में वर्तमान में 28 राज्य और तीन केंद्र शासित प्रदेश है। जहां चुनी हुई सरकार का शासन होता है। संविधान के अनुच्छेद 164 में प्रदेश सरकार के गठन का प्रावधान किया गया है। इसके अनुसार राज्यपाल बहुमत वाले विधायक दल के नेता को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाते हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री की सलाह पर कैबिनेट विस्तार होता है। लेकिन संविधान में कहीं भी उप मुख्यमंत्री के पद का जिक्र नहीं है। इसके बावजूद भी देश के 16 राज्यों में उपमुख्यमंत्री है। भारत के 16 राज्यों में लगभग 26 उप मुख्यमंत्री हैं। देश के उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार समेत नौ राज्यों में दो-दो उप मुख्यमंत्री कार्य कर रहे हैं। सबसे दिलचस्प उदाहरण तो तमिलनाडु में देखने को मिलता है। जहां पिता मुख्यमंत्री तो बेटा उप मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर आसीन हैं।
भारत में पहले डिप्टी सीएम कौन
भारत में उपमुख्यमंत्री पद का जिक्र सबसे पहले बिहार राज्य में सुनने को मिला था। बिहार के अनुग्रह नारायण सिंह स्वतंत्र भारत के पहले उप मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने साल 1956 तक उप मुख्यमंत्री पद का कार्य किया। साल 1967 में कर्पूरी ठाकुर बिहार के दूसरी उपमुख्यमंत्री बने थे। 1967 में जब कांग्रेस कमजोर हुई। तो फिर कई राज्यों में उपमुख्यमंत्री बनाये गये। उत्तर प्रदेश में 1967 में चौधरी चरण सिंह की अगुवाई में संयुक्त विधायक दल की सरकारी बनी थी। तब जनसंघ के राम प्रकाश गुप्ता उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे।
मध्य प्रदेश में जनसंघ के नेता वीरेंद्र कुमार सकचेला पहले उपमुख्यमंत्री बने थे। वह गोविंद नारायण सिंह की सरकार में इस पद पर आसीन हुए थे। वहीं हरियाणा राज्य में चौधरी चंद राम पहले उप मुख्यमंत्री बनाये गये थे। साल 1990 के बाद तो देश में उपमुख्यमंत्री बनाने की परंपरा ही शुरू हो गयी। बिहार के सुशील कुमार मोदी ने सर्वाधिक समय तक उप मुख्यमंत्री पद पर रहने का रिकॉर्ड बनाया। सुशील कुमार मोदी लगभग दस साल तक उपमुख्यमंत्री रहे।
देश के किस राज्य में कितने उप मुख्यमंत्री?
देश के 16 राज्यों में उपमुख्यमंत्री बनाये गये हैं। जिनमें से कई राज्यों में तो दो-दो उप मुख्यमंत्री है। दो उप मुख्यमंत्री वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक उपमुख्यमंत्री है। तो वहीं बिहार में सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उप मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान है। छत्तीसगढ़ में अरूण साव और विजय शर्मा, मध्यप्रदेश में जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला, मेघायल में पी. ताइसोंग और एस. धर, नगालैंड में वाई पैटोन और टीआ जेलियांग, राजस्थान में प्रेम बैरवा और दीया कुमारी, ओडिशा में के. सिंह देव और पार्वती परिदा उपमुख्यमंत्री हैं। वहीं आंध्र प्रदेश में पवन कल्याण, हिमाचल प्रदेश में मुकेश अग्निहोत्री, जम्मू कश्मीर में सुरेंद्र चौधरी, कर्नाटक में डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री हैं। इसी तरह तमिलनाडु में उदयनिधि स्टालिन और तेलंगाना में एमबी विक्रममार्क उपमुख्यमंत्री पद का कार्यभार देख रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री बनाने के पीछे का मकसद
राज्यों में उप मुख्यमंत्री बनाने के पीछे किसी भी राजनीतिक दल का सबसे पहला मकसद होता है जाति समीकरण साधना। हर राज्य में कम से कम चार से पांच जातियां सामाजिक तौर पर मुखर होती है। लेकिन सरकार बनने के बाद कोई भी राजनीतिक दल एक ही जाति के व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बिठा सकती है। ऐसे में बाकी जातियों को संतुष्ट करने के लिए उप मुख्यमंत्री बनाया जाता है। उदाहरण के तौर पर मध्य प्रदेश में भाजपा ने ओबीसी समुदाय के मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया।
एमपी में ब्राह्मण भाजपा का कोर वोट है। जिस पर अपनी पकड़ बरकरार रखने के लिए राजेंद्र शुक्ला को उपमुख्यमंत्री बनाया है। वहीं दलित समाज को साधने के लिए जगदीश देवड़ा को भी उपमुख्यमंत्री पद दिया गया। इसी तरह राजस्थान में भाजपा ने ब्राह्मण समाज के भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन सवर्ण समाज को खुश रखने के लिए दीया कुमारी और दलित समाज को संतुष्ट करने के लिए प्रेम चंद्र बैरवा को उमुख्यमंत्री की कुर्सी दी गयी।
इसी तरह किसी भी राज्य में उपमुख्यमंत्री बनाने का एक उद्देश्य गठबंधन के बंधन को मजबूत बनाये रखना भी है। गठबंधन की गांठ को मजबूत रखने के लिए उपमुख्यमंत्री बनाया जाता है। आंध्र प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र इसके उदाहरण है। आंध्र प्रदेश में टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री हैं। वहीं उनके गठबंधन दल जनसेना के नेता पवन कल्याण डिप्टी सीएम पद देख रहे हैं। इसी तरह बिहार में जेडीयू के नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हैं। तो वहीं उनके सहयोगी दल भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा उपमुख्यमंत्री बनाये गये हैं।
कौन बन सकता है उप मुख्यमंत्री?
किसी भी राज्य में उप मुख्यमंत्री बनने के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है। मंत्री बनने की योग्यता रखने वाला कोई भी शख्स उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ सकता है। कुछ राज्यों में विधायक ही उपमुख्यमंत्री बनाये जाते हैं। वहीं कुछ राज्यों में तो विधान परिषद के सदस्यों को भी यह पद सौंप दिया जाता है। उप मुख्यमंत्री का वेतन, अन्य भत्ते और सुविधाएं कैबिनेट मंत्री के ही बराबर होती है। इसीलिए उपमुख्यमंत्री कैबिनेट मंत्री के तौर पर ही शपथ लेते हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल उन्हें उपमुख्यमंत्री का दर्जा दे देते हैं।