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सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकार द्वारा 10 फीसदी आरक्षण देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सामान्य वर्ग के लोगों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए भारतीय संसद में पारित 124वें संविधान संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
नई दिल्ली: सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकार द्वारा 10 फीसदी आरक्षण देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सामान्य वर्ग के लोगों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए भारतीय संसद में पारित 124वें संविधान संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
याचिका में संशोधित बिल को असंवैधानिक बताया
एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और याचिका में संशोधित बिल को असंवैधानिक बताया है। याचिका में कहा गया है कि आर्थिक रूप से आरक्षण देना गैर संवैधानिक है, इसलिए संशोधित बिल को निरस्त किया जाए।
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संशोधन पर स्टे लगाने की मांग
यूथ फॉर इक्वलिटी नाम के एक एनजीओ ने यह याचिका दायर की है। इसने अपनी याचिका में यह दावा किया है कि यह संशोधन संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करता है। यूथ फॉर इक्वलिटी ने दायर याचिका में इस मुद्दे पर तत्काल सुनवाई की मांग की है और आर्थिक आधार पर नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण दिये जाने वाले इस संशोधन पर स्टे लगाने की मांग की है।
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हो सकती है अगले हफ्ते सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई अभी नहीं हुई है। माना जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय में इस पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है। याचिका में दावा किया गया है कि यह संविधान संशोधन पूरी तरह से उस संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन करता है।
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बता दें कि सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यसभा से पास हो चुका है। मंगलवार को लोकसभा में हुई लंबी बहस के बाद 323 सांसदों ने समर्थन किया था। वहीं, तीन सांसदों ने बिल का विरोध किया था। राज्यसभा में बुधवार को बिल पेश किया गया जिसके बाद पास हुआ। राज्यसभा में बिल के समर्थन में 165 मत पड़े और विरोध में सात वोट पड़े।