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फिजी में 12 वां विश्व हिंदी सम्मेलन: विश्व पटल पर मातृभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कटिबद्ध है सरकार

12th World Hindi Conference: 12th World Hindi Conference: 12वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन विदेश मंत्रालय द्वारा फिजी सरकार के सहयोग से 15 से 17 फरवरी, 2023 तक फिजी में आयोजित किया जा रहा है।

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Published on: 31 Dec 2022 5:13 AM GMT (Updated on: 31 Dec 2022 5:33 AM GMT)
12th World Hindi Conference
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12th World Hindi Conference

12th World Hindi Conference: 12वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन विदेश मंत्रालय द्वारा फिजी सरकार के सहयोग से 15 से 17 फरवरी, 2023 तक फिजी में आयोजित किया जा रहा है। 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन को फिजी में आयोजित करने का निर्णय मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में लिया गया था। बता दें कि पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 1975 में नागपुर, भारत में आयोजित किया गया था। तब से 11 सम्मेलनों का आयोजन किया जा चुका है।

अब हिंदी को विश्व स्तर पर और अधिक प्रचार-प्रसार के लिए समय -समय सरकार द्वारा कई आयोजन होते रहते हैं इसी क्रम में विश्व हिन्दी सम्मेलन हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें विश्व भर से हिन्दी विद्वान, साहित्यकार, पत्रकार, भाषा विज्ञानी, विषय विशेषज्ञ तथा हिन्दी प्रेमी जुटते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के प्रति जागरुकता पैदा करने, समय-समय पर हिन्दी की विकास यात्रा का आकलन करने, लेखक व पाठक दोनों के स्तर पर हिन्दी साहित्य के प्रति सरोकारों को और दृढ़ करने, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहन देने तथा हिन्दी के प्रति प्रवासी भारतीयों के भावुकतापूर्ण व महत्त्वपूर्ण रिश्तों को और अधिक गहराई व मान्यता प्रदान करने के उद्देश्य से 1975 में विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शृंखला आरम्भ की गयी।

इसी संबंध में अनुराधा पांडे ने विदेश मंत्रालय में सयुंक्त सचिव रविन्द्र जायसवाल जी से की विशेष बातचीत। पढ़ते हैं उसके कुछ अंश

प्र: 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन कहां और कब किया जा रहा है बताएं?

उ: इस बार '12वां विश्व हिंदी सम्मेलन' का आयोजन फिजी में किया जा रहा है। यह पहला मौका है जब पैसिफिक क्षेत्र के किसी देश में यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन 15 से 17 फरवरी,2023 तक भारतीय विदेश मंत्रालय और फिजी सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इस सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व करेंगे। यह सम्मेलन फिजी के नाडी शहर में होगा।

प्र: इस सम्मेलन का शुभंकर (लोगो) का निर्माण कैसे किया गया?

उ: विश्व हिंदी सम्मेलन के शुभंकर का चयन एक विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा के माध्यम से किया गया है। इसके लिए 1436 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं। इनमें से 78 प्रविष्टियों पर अंतिम रूप से विचार करने के बाद मुंबई के मुन्ना कुशवाहा द्वारा परिकल्पित शुभंकर का चयन किया गया। विजेता को 75 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

प्र: फिजी में हिंदी प्रयोगशाला खोलने की बात की गई थी?

उ: फिजी में हिंदी की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत की ओर से एक भाषा प्रयोगशाला भेंट की जाएगी । जिसके माध्यम से लोगों को सुगमता से हिंदी सीखने में मदद मिलेगी l

प्र :अब तक कितनी बार आयोजन किया गया है ?

उ: अब तक दुनिया के 11 अलग-अलग देशों में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया जा चुका है। फिजी के साथ ही न्यूजीलैंड, सिंगापुर, मॉरीशस समेत कई देशों में हिंदी भाषा का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है।

प्र: हिन्दी की क्या स्थिति है?

उ: राष्ट्र संघ में हिन्दी को आधिकारिक भाषा के तौर पर मान्यता दिलाने के लिए विदेश मंत्रायल लगातार प्रयासरत है। यूनेस्को द्वारा अलग-अलग समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर हिन्दी का इस्तेमाल किया जाता है। मेरा मानना है कि हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देने में अभी थोड़ा समय लग सकता है।

प्र : इस सम्मेलन के बारे मे कुछ और बताएं ?

उ: हमारे देश के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने सम्मेलन के लोगो और वेबसाइट का शुभारंभ किया। इस दौरान विरासत और कला मंत्रालय की स्थायी सचिव अंजीला जोखान ने कहा कि पैसिफिक क्षेत्र में इस सम्मेलन का आयोजन करने वाला पहला देश बनना फिजी का सौभाग्य है।

प्र: फिजी में हिंदी की क्या स्थिति है बताएं?

उ: फिजी में हिन्दी भाषा न सिर्फ प्राइमरी, सेकेंडरी स्कूलों, यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई जाती है, बल्कि फिजी के संविधान में इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा हासिल है। फिजी में हिन्दी की शुरूआत 1879 से 1916 के बीच मानी जाती है। उस समय फिजी और भारत पर अंग्रेजी शासन था। बताया जाता है कि उस समय गन्ना के खेतों में काम करने के लिए भारत से करीब 60,000 मजदूरों को फिजी लाया गया था। इनमें अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के थे। संयुक्त राष्ट्र (2020) के अनुसार, फिजी की जनसंख्या करीब 8,96,000 है। इनमें से 30 प्रतिशत से अधिक लोग भारतीय मूल के हैं।

प्र: इस सम्मेलन का विषय क्या रखा है और कितने सत्रों में इसका आयोजन किया जाएगा?

उ: इस सम्मेलन का विषय 'परंपरागत ज्ञान से कृत्रिम मेधा तक' रखा गया है। यह सम्मेलन 8 विशेष सत्रों के साथ-साथ काल दर काल हिंदी का दायरा कैसे व्यापक होता गया इस विषय पर आधारित होगा।

प्र: इस कार्यक्रम से किन्हें लाभ प्राप्त होगा?

उ: सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए उल्लेखनीय प्रयास कर रही है। मेरा मानना है कि भारत और विदेश में रहने वाले हिंदी प्रेमी, विद्वान तथा शिक्षण संस्थान इस सम्मेलन में उत्साहपूर्वक भाग लेंगे और इसका भरपूर लाभ उठाएंगे।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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