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13 साल पुराने मामले की सुनवाई अब, देरी के लिए SC ने मांगी माफी
बहुत कम ही सुनने को मिलता है कि हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट ने किसी से माफ़ी मांगी हो या अपनी कोई गलती स्वीकार करते हुए खेद जताया हो
नई दिल्ली: बहुत कम ही सुनने को मिलता है कि हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट ने किसी से माफ़ी मांगी हो या अपनी कोई गलती स्वीकार करते हुए खेद जताया हो। सुप्रीम कोर्ट ने एक आपराधिक मुकदमे की सुनवाई देर से शुरू होने पर माफी मांगी है।
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मुकदमा दर्ज करने वाली महिला का हो चूका है निधन
- अपने भाइयों के खिलाफ 2004 में शिकायत दर्ज कराने वाली महिला का अब निधन हो चुका है और उसका कानूनी प्रतिनिधि इस मामले का प्रतिनिधित्व कर रहा है।
- बता दें कि साल 2004 में उत्तराखंड की रुड़की निवासी श्याम लता ने अप[ने दो भाइयों पर अपनी दुकान हडपने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी।
- उसका आरोप था उसके दो भाइयों ने जाली दस्तावेज और हस्ताक्षर बनाए और दुकान अपने नाम कर ली।
सुनवाई में 13 साल की देर
- श्याम लता के केस पूरे 13 साल की देरी के बाद शुरू हुई है।
- हाई कोर्ट द्वारा 2 अलग-अलग लेकिन एक-दूसरे से जुड़े मामलों में एक ही दिन में दो विरोधाभासी आदेश देने की वजह से इस मुकदमे की सुनवाई में देरी हुई।
- सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक़ हाई कोर्ट के इस आदेश से कानूनी समस्या पैदा हो गई।
न्यायमूर्ति आर.के अग्रवाल और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने कहा, 'हमें खेद है कि इस भ्रम से आपराधिक मुकदमा शुरू होने में एक दशक से ज्यादा की देरी हुई। पीठ ने महिला की अपीलों पर सुनवाई की अनुमति दी है।