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यादगार चुनाव: जब एक वोट से हुआ था हार-जीत का फैसला, इस दिग्गज का टूटा था CM बनने का सपना, पत्नी-बेटी ने नहीं किया था मतदान

Election News: राजस्थान विधानसभा के 2008 के चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी नाथद्वारा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 4 May 2024 8:25 AM GMT (Updated on: 4 May 2024 8:26 AM GMT)
Congress leader CP Joshi
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Congress leader CP Joshi (photo: social media )

Election News: देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और चुनावी बाजी जीतने के लिए सभी दलों के नेताओं ने पूरी ताकत झोंक रखी है। वैसे राजनीतिक दलों और नेताओं पर चुनावी बुखार ज्यादा दिख रहा है क्योंकि मतदाताओं में पहले जैसा उत्साह नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि पहले दो चरणों के दौरान मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है। वैसे चुनाव आयोग और विभिन्न राजनीतिक दल मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

चुनावी बाजी जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत यूं ही नहीं झोंक रखी है। दरअसल चुनाव में एक-एक वोट की बड़ी कीमत होती है। कई बार प्रत्याशियों की हार जीत का फैसला काफी कम वोटों से होता है। वैसे चुनाव में एक वोट की भी कितनी बड़ी कीमत होती है, इसे 2008 के एक विधानसभा चुनाव से समझा जा सकता है जिसमें एक वोट ने एक बड़े सियासी दिग्गज का सपना चकनाचूर कर दिया था। मजे की बात यह है कि इस सियासी दिग्गज की पत्नी और बेटी उस दिन मतदान करने के लिए नहीं पहुंची थीं। बाद में चुनावी नतीजे की घोषणा के समय उनके पास पछतावे के सिवा कुछ भी बाकी नहीं रह गया था क्योंकि उन्हें एक वोट से हार का मुंह देखना पड़ा था।

2008 के चुनाव में हुआ था यादगार मुकाबला

दरअसल राजस्थान विधानसभा के 2008 के चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी नाथद्वारा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके सीपी जोशी को राजस्थान में कांग्रेस का कद्दावर नेता माना जाता है और वे राहुल गांधी के भी काफी करीबी माने जाते हैं। राजस्थान के हाल के सियासी इतिहास को देखा जाए तो हर पांच साल पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता बदलाव होता रहा है।

इस तरह भाजपा के पांच साल के शासन के बाद 2008 में कांग्रेस के सत्ता में आने की उम्मीद जताई जा रही थी और सीपी जोशी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में अशोक गहलोत पर भी भारी माने जा रहे थे। 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को पीछे छोड़ते हुए राजस्थान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था मगर सीपी जोशी की जगह अशोक गहलोत ही मुख्यमंत्री बने थे। इसका प्रमुख कारण यह था कि सीपी जोशी मात्र एक वोट से विधानसभा का चुनाव हार गए थे।

सिर्फ एक वोट से हार गए थे दिग्गज नेता जोशी

नाथद्वारा विधानसभा सीट को सीपी जोशी का गढ़ माना जाता था मगर 2008 के चुनाव में उन्हें इस सीट पर निराशा हाथ लगी थी। 2008 से पहले वे इस सीट पर चार बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके थे। उन्होंने 1980, 1985, 1998 और 2003 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जीत हासिल की थी। भारतीय जनता पार्टी ने 2008 के चुनाव में सीपी जोशी के मुकाबले कल्याण सिंह चौहान को चुनाव मैदान में उतारा था।

दोनों प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी मगर आखिरकार चौहान एक वोट से बाजी जीतने में कामयाब रहे। चुनावी नतीजों के मुताबिक कल्याण सिंह चौहान को 62,216 वोट हासिल हुए थे जबकि सीपी जोशी 62,215 वोट पाने में कामयाब हुए थे। इस तरह जोशी को चौहान के हाथों एक वोट से हार झेलनी पड़ी थी।

जोशी की पत्नी और बेटी ने नहीं डाला था वोट

सीपी जोशी के साथ ही उनकी पत्नी को भी इस हार का बड़ा मानसिक झटका लगा था। इसका कारण यह था कि जोशी की पत्नी और बेटी उस दिन मतदान करने के लिए बूथ पर नहीं गई थीं। बाद में मीडिया से बातचीत के दौरान जोशी ने खुद खुलासा किया था कि उनकी पत्नी और बेटी पूजा के सिलसिले में मंदिर गई हुई थीं और दोनों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था।

इन दोनों के मतदान में हिस्सा न लेने की वजह से सीपी जोशी को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। सीपी जोशी की हार की वजह से मुख्यमंत्री पद का फैसला करने में कांग्रेस नेतृत्व को कोई दिक्कत नहीं हुई और अशोक गहलोत को फिर मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला।

हार के कारण जोशी की पकड़ हुई कमजोर

हालांकि कांग्रेस नेतृत्व से नजदीकी के कारण जोशी 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट पाने में कामयाब रहे। कांग्रेस ने उन्हें भीलवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था और इस चुनाव में जोशी ने जीत हासिल की थी। जीत के बाद उन्हें मनमोहन सरकार में पंचायती राज मंत्री बनाया गया था।

बाद में उन्हें सड़क परिवहन मंत्रालय के साथ ही रेल मंत्रालय का भी अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। वैसे 2008 के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद राजस्थान की सियासत में जोशी की पकड़ कमजोर पड़ गई और गहलोत ने एक बार फिर अपना पूरी तरह प्रभुत्व कायम कर लिया।

चुनाव को लेकर मुकदमेबाजी

एक वोट से चुनाव हारने के बाद कांग्रेस नेता सीपी जोशी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था। जोशी का कहना था कि बीजेपी प्रत्याशी कल्याण सिंह चौहान की पत्नी कल्पना कंवर ने दो बूथों पर मतदान किया। उनका कहना था कि कल्पना ने बूथ संख्या 39 और 40 दोनों पर मतदान किया। यह मामला लंबे समय तक हाईकोर्ट में चला। बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया और चुनाव को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कल्याण सिंह सुप्रीम कोर्ट चले गए। मुकदमेबाजी में काफी समय बीत गया और कल्याण सिंह पांच साल तक विधायक बने रहे।

पिछले विधानसभा चुनाव में हार गए थे जोशी

राजस्थान में अशोक गहलोत के पिछले कार्यकाल के दौरान सीपी जोशी विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे थे। राजस्थान में पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सीपी जोशी कांग्रेस के टिकट पर एक बार फिर नाथद्वारा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे मगर उन्हें भाजपा के उम्मीदवार विश्वराज सिंह मेवाड़ के सामने हार का सामना करना पड़ा था। जोशी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जीत हासिल की थी मगर 2023 के चुनाव में उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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