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किधर है 40 करोड़, जिसे छिपा गए 23 क्षेत्रीय दल

राजनीतिक दलों को प्राप्त चंदे के विवरण में नाम, पता, पैन, भुगतान का तरीका और प्रत्येक दान से प्राप्त दानराशि शामिल है जिन्होंने 20,000 रुपये से अधिक का दान दिया है घोषित करना होता है। क्षेत्रीय दलों ने हर साल अपने दान रिपोर्ट में पैन विवरण की जानकारी कुछ जगह अघोषित, अधूरी या गलत घोषित की है।

राम केवी
Published on: 24 Jun 2020 8:01 PM IST
किधर है 40 करोड़, जिसे छिपा गए 23 क्षेत्रीय दल
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एडीआर ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 23 क्षेत्रीय दलों को प्राप्त दान के विश्लेषण में बताया कि 16 दलों ने 728 दानों का पैन विवरण घोषित नही किया, जिनसे दलों ने 40.42 करोड़ (17.54%) का दान प्राप्त किया। पीएमके, एनडीपीपी, एनपीएफ, डीएमडीके और जेएमएम जैसे दलों ने अपने दान रिपोर्ट के विवरण में एक भी दानदाता का पैन विवरण घोषित नहीं किया था।

वित्तीय वर्ष 2017-18, 2016-17, 2015-16, 2014-15 के लिए, क्षेत्रीय दलों द्वारा प्राप्त दान के विश्लेषण का अवलोकन भी इसी तरह किया गया था। वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2018-19 की अवधि के दौरान, क्षेत्रीय दलों दान रिपोर्ट विवरण चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, उन्होंने रु 20,000 से अधिक का दान) रु 699.15 करोड़ की दानराशि प्राप्त करने की घोषणा की है। इनमें से अघोषित, अपूर्ण या गलत पैन विवरण की दानराशि कुल रु 185.596 करोड़ (26.55%) है।

क्या है मामला

राजनीतिक दल चुनाव लड़ने और अपने दैनिक मामलों को चलाने के लिए दान पर निर्भर रहते हैं। उन्हें कॉपोरेट्स या व्यापारिक घरानों, ट्रस्टों और व्यक्तिगत दानों से बड़ी रकम प्राप्त होती है। जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 29 सी में यह आदेश है कि राजनीतिक दल सालाना किसी भी व्यक्ति या कम्पनी से प्राप्त रु 20,000 से अधिक के दान का विवरण निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करते हैं तो उनको 100% की कर छूट मिलती है।

फॉर्म 24ए के अनुसार राजनीतिक दलों को प्राप्त चंदे के विवरण में नाम, पता, पैन, भुगतान का तरीका और प्रत्येक दान से प्राप्त दानराशि शामिल है जिन्होंने 20,000 रुपये से अधिक का दान दिया है| विश्लेषण में बताया गया है कि क्षेत्रीय दलों ने हर साल अपने दान रिपोर्ट में पैन विवरण की जानकारी कुछ जगह अघोषित, अधूरी या गलत घोषित की है।

एडीआर के सुझाव

  1. a) सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितम्बर 2013 को यह घोषित किया कि उम्मीदवारों के शपथपत्र का कोई भी हिस्सा खाली नही रहना चाहिए इसी प्रकार फॉर्म 24ए (जो कि राजनीतिक दलों द्वारा रु 20,000 ज्यादा दान देने वाले लोगों के लिए प्रस्तुत किया जाता है) का भी कोई हिस्सा खाली नही होना चाहिए।
  2. b) जिन दान दाताओं ने एक या उससे अधिक दान के रूप में न्यूनतम रु 20,000 का दान किया हो उन्हें अपना पैन विवरण प्रदान करना चाहिए।
  3. c) सार्वजनिक जांच हेतु राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को अपने दल को मिले दान का उचित तथा पूर्ण विवरण समय पर चुनाव आयोग को जमा कर देना चाहिए, फलस्वरूप ये वित्तीय पार्दर्शिता को प्रोत्साहित करेगा।
  4. d) चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट पर राजनीतिक दलों के खिलाफ की गई कार्रवाई (यदि कोई हो) का विवरण करे जो अपेक्षित विवरण (जैसे नाम, पता, पैन और भुगतान का तरीका) व्यक्तियों, कंपनियों या संस्थाओं से प्राप्त नकद राशि का विवरण प्रदान करने में विफल रहता है।
  5. e) दलों द्वारा प्रस्तुत दान रिपोर्ट की अधूरी जानकारी (जैसे अधूरा पता, पैन और भुगतान का विवरण आदि) देने पर चुनाव आयोग को इस तरह के विवरण वापस कर देना चाहिए।
  6. f) राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को सूचना के असिकार के तहत अपने वित्त संबंधित जानकारी देनी चाहिए। यह राजनीतिक दलों, चुनावों और लोकतंत्र को मजबूत करने में सहायक होगा।
  7. g) राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और गैर-मान्यता प्राप्त दलों के दान रिपोर्टों की वार्षिक जांच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्डस(सीबीडीटी) के एक समर्पित विभाग द्वारा शुरू की जानी चाहिए, ताकि कागजी कंपनियों (जो केवल पेपर्स पर ही होते हैं असल में नहीं) या अवैध संस्थाओं से दान को हतोत्साहित किया जा सके।



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राम केवी

राम केवी

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