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National Voters Day 2025: राष्ट्रीय मतदाता दिवस क्यों मनाया जाता है, इसका क्या महत्व है, आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण

Rashtriya Matdata Diwas 2025: राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की शुरुआत 25 जनवरी 2011 को हुई थी। इस दिन भारत निर्वाचन आयोग ने अपनी स्थापना के 61वें वर्ष में पहली बार इस दिन को मनाने की पहल की।

Akshita Pidiha
Written By Akshita Pidiha
Published on: 25 Jan 2025 7:27 PM IST
National Voters Day 2025: राष्ट्रीय मतदाता दिवस क्यों मनाया जाता है, इसका क्या महत्व है, आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण
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National Voters Day 2025 (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

National Voters Day 2025: भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जहाँ प्रत्येक नागरिक को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अधिकार प्राप्त है। लोकतंत्र की इस सफलता में मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। मतदाता, लोकतंत्र के आधारस्तंभ होते हैं और उनकी भागीदारी से ही देश का भविष्य तय होता है। इसी महत्वपूर्ण भूमिका को पहचान देने और मतदाता जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters Day Date) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारत में चुनाव आयोग (Election Commission) की स्थापना के दिन को चिह्नित करता है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास (Rashtriya Matdata Diwas)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की शुरुआत 25 जनवरी 2011 को हुई थी। इस दिन भारत निर्वाचन आयोग ने अपनी स्थापना के 61वें वर्ष में पहली बार इस दिन को मनाने की पहल की। भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी, और तब से यह संस्था देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार रही है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य (Rashtriya Matdata Diwas Kyun Manate Hai) युवाओं को मतदाता सूची में नाम दर्ज करने के लिए प्रेरित करना और उन्हें अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना है। प्रारंभिक वर्षों में यह देखा गया कि 18 से 19 वर्ष के युवा मतदाता अपनी पात्रता के बावजूद मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने में रुचि नहीं लेते थे। इस समस्या को दूर करने और युवाओं को चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाने के लिए इस दिवस की शुरुआत की गई।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का महत्त्व (Rashtriya Matdata Diwas Ka Mahatva)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हर नागरिक को वोट देने का मूल अधिकार है। उसे अपने नेता को चुनने का अधिकार है, जिसे वह देश का नेतृत्व करने, आम लोगों की समस्याओं को हल करने, बदलाव लाने आदि में सक्षम समझता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस भारत का एक महत्वपूर्ण आधार है क्योंकि देश का भविष्य हमारे द्वारा चुने गए नेता पर निर्भर करता है।

लोकतंत्र को सशक्त बनाना

राष्ट्रीय मतदाता दिवस लोकतंत्र को मजबूत करने का प्रतीक है। यह दिन नागरिकों को उनके अधिकार और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है और उन्हें चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करता है। युवाओं को प्रेरित करना यह दिवस विशेष रूप से युवाओं को मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने और मतदान प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। नई पीढ़ी के मतदाताओं को जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनने में यह दिवस अहम भूमिका निभाता है।

जागरूकता अभियान मतदाता दिवस के माध्यम से लोगों को चुनाव प्रक्रिया, मतदान का अधिकार और निष्पक्ष चुनाव की आवश्यकता के बारे में शिक्षित किया जाता है। यह दिवस जनता को यह समझाने का प्रयास करता है कि उनका एक-एक वोट कितना महत्त्वपूर्ण है। लोकतांत्रिक मूल्यों का संरक्षण यह दिवस लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थाओं के प्रति सम्मान और विश्वास को प्रोत्साहित करता है। यह जनता को यह एहसास कराता है कि उनके अधिकार और जिम्मेदारियाँ देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण हैं।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

राष्ट्रीय मतदाता दिवस को पूरे देश में बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जो जनता और विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित करते हैं। शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर हर साल एक विशेष शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाता है। इसमें मतदाताओं को यह शपथ दिलाई जाती है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग निष्पक्ष और निर्भीक होकर करेंगे। यह शपथ नागरिकों को उनके लोकतांत्रिक कर्तव्यों की याद दिलाती है।

मतदाता पहचान पत्र वितरण इस दिन नए पंजीकृत मतदाताओं को मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) प्रदान किए जाते हैं। यह आयोजन विशेष रूप से पहली बार मतदान करने वाले युवाओं के लिए किया जाता है, ताकि वे अपनी भूमिका को समझें और गर्व महसूस करें।

जागरूकता अभियान इस अवसर पर विभिन्न जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, जिनमें रैलियाँ, कार्यशालाएँ, सेमिनार और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को मतदान के महत्त्व और प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाती है।

मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग वर्तमान समय में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इन माध्यमों से युवाओं तक पहुँच बनाई जाती है और उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।

विद्यालय और कॉलेज स्तर पर कार्यक्रम विद्यालयों और कॉलेजों में भी इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भाषण प्रतियोगिताएँ, निबंध लेखन, पोस्टर निर्माण और वाद-विवाद जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को मतदान के महत्त्व के बारे में शिक्षित किया जाता है।

चुनौतियाँ और समाधान

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का मुख्य उद्देश्य मतदाता जागरूकता बढ़ाना है, लेकिन इसके सामने कुछ चुनौतियाँ भी हैं।

कम मतदान प्रतिशत- भारत में कई बार यह देखा गया है कि बड़े पैमाने पर लोग मतदान के दिन अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करते हैं। इसका मुख्य कारण जागरूकता की कमी और उदासीनता है।

समाधान: जागरूकता अभियान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए जनसंचार माध्यमों का अधिकाधिक उपयोग किया जा सकता है। लोगों को यह समझाने की आवश्यकता है कि उनका वोट देश के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।

युवाओं की उदासीनता- युवा वर्ग, जो देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा है, मतदान के प्रति अपेक्षाकृत उदासीन रहता है।

समाधान: कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विशेष अभियान चलाकर युवाओं को मतदाता पंजीकरण और मतदान के लिए प्रेरित किया जा सकता है।

भ्रष्टाचार और वोट खरीदने की समस्या- कुछ स्थानों पर चुनाव प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और वोट खरीदने जैसी समस्याएँ देखी जाती हैं।

समाधान: चुनाव आयोग को इस दिशा में कठोर कदम उठाने चाहिए। जनता को भी जागरूक होना चाहिए और किसी भी प्रकार के प्रलोभन के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत ने एक और रिकॉर्ड बनाया है। भारत में मतदाताओं की संख्या अब 99.1 करोड़ हो गई है, जो पिछले साल लोकसभा चुनाव के समय 96.88 करोड़ थी। राष्ट्रीय मतदाता दिवस से पहले जारी एक बयान में निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदाता सूची युवा और लैंगिक रूप से संतुलित दिखती है, जिसमें 18-29 आयु वर्ग के 21.7 करोड़ युवा मतदाता हैं और मतदाता लैंगिक अनुपात 2024 में 948 से छह अंक बढ़कर 2025 में 954 हो गया है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2025 थीम (National Voters Day 2025 Theme)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2025 का थीम है "मतदान से बढ़कर कुछ नहीं, मैं निश्चित रूप से मतदान करूंगा"।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र के प्रति हमारे कर्तव्य और अधिकारों की याद दिलाने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिवस हमें यह संदेश देता है कि हर एक वोट का महत्त्व है और यह देश के विकास में योगदान देता है। इस दिन को मनाने का असली उद्देश्य तभी पूरा होगा जब सभी नागरिक अपने मताधिकार का उपयोग पूरी जिम्मेदारी और समझदारी से करेंगे। युवाओं को इसमें सबसे आगे आकर नेतृत्व करना चाहिए, क्योंकि वे देश का भविष्य हैं। राष्ट्रीय मतदाता दिवस केवल एक दिवस नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है, जो हमें यह सिखाता है कि लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने के लिए हर नागरिक का सक्रिय योगदान आवश्यक है।



Shreya

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