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3 भारतीय 7 दिनों के लिए जाएंगे अंतरिक्ष, गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ मंजूर
केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी गगनयान प्रॉजेक्ट के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इस मिशन के तहत तीन सदस्यीय क्रू कम से कम 7 दिन के लिए अंतरिक्ष की यात्रा पर जाएगा।
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी गगनयान प्रॉजेक्ट के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इस मिशन के तहत तीन सदस्यीय क्रू कम से कम 7 दिन के लिए अंतरिक्ष की यात्रा पर जाएगा। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि शुक्रवार को कैबिनेट ने इस अभियान के लिए राशि के आवंटन को मंजूरी दे दी। मीडिया को संबोधित करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस परियोजना में 10,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। अंतरिक्ष पर मानव मिशन भेजने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपनी स्पीच में गगनयान प्रॉजेक्ट का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने कहा कि था यह मिशन 2022 तक पूरा होगा। इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट में मदद के लिए भारत ने पहले ही रूस और फ्रांस के साथ करार कर लिया है।
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अंतरिक्ष मिशनों के लिए बढ़ाया गया बजट
पीएमओ राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसरो ने अगले तीन साल में 50 से अधिक मिशनों के लक्ष्य की अपनी रूपरेखा प्रकट की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए बजट में वृद्धि की है। सिंह ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम में पिछले कुछ वर्षों के दौरान अत्यधिक सफल और वाणिज्यिक मिशनों के कारण अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
कैप्सुल का हो चुका है परीक्षण
मालूम हो कि पिछले दिनों इसरो ने एक क्र एस्केप मॉड्युल यानी कैप्सुल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसे अंतरिक्ष यात्री अपने साथ ले जा सकेंगे। दरअसल, अंतरिक्ष यात्री दुर्घटना की स्थिति में कैप्सुल में सवार होकर पृथ्वी की कक्षा में सुरक्षित पहुंच सकते हैं। इसरो ने इस मॉड्यूल का विकास खुद अपने दम पर किया है।
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने कुछ दिन पहले ही रिपोर्ट छापी थी कि गगनयान के यात्रियों के चुनाव के लिए इसरो ने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए इसरो लोगों के मेडिकल चेकअप के साथ-साथ उनके साथ कुछ माइक्रो-बायोलॉजिकल प्रयोग कर रहा है। बता दें कि अंतरिक्ष में जाने से पहले हर व्यक्ति को कई चरणों में टेस्ट पास करने होते हैं।
गगनयान के लिए भी इसरो एक व्यक्ति का कम से कम 10 टेस्ट करेगा। इसरो के एक अधिकारी ने कहा, 'वैसे तो हमने 10 पैमाने तय किए हैं लेकिन अगर जरूरत पड़ती है तो हम और टेस्ट करेंगे।' इसरो चीफ के सिवन भी कह चुके हैं कि 2022 तक गगनयान भेजा जा सकेगा। इससे पहले इसरो 2020 और 2021 में दो मानवरहित मिशन भेजेगा।
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