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भयानक दृश्य: आज पृथ्वी के करीब से गुजरेंगे कई एस्‍टेरॉयड, जानें क्या होगा असर

सबसे बड़े क्षुद्रग्रह (Asteroid) का नाम 2008 एएफ4 है। उसकी लंबाई करीब आधा किलोमीटर है। खबर यह भी आ रही है कि अगर ये क्षुद्रग्रह (Asteroid) पृथ्वी (Earth) से टकराए तो इसका असर परमाणु हमले जैसा होगा।

Chitra Singh
Published on: 6 Jan 2021 10:03 AM GMT
भयानक दृश्य: आज पृथ्वी के करीब से गुजरेंगे कई एस्‍टेरॉयड, जानें क्या होगा असर
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भयानक दृश्य: आज पृथ्वी के करीब से गुजरेंगे कई एस्‍टेरॉयड, जानें क्या होगा असर

नई दिल्ली: पृथ्वी (Earth) के बहुत ही करीब से 5 क्षुद्रग्रह (Asteroid) आज गुजरेंगे। इसकी जानकारी सेंट्रल फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (Center for Near Earth Object) के एक अध्ययन में मिली है। CNEO के मुताबिक, 6 जनवरी को 5 क्षुद्रग्रह या एस्टेररॉयड (Asteroid) पृथ्वी (Earth) के बेहद पास से गुजरेंगे। इन 5 क्षुद्रग्रहों में से 2 एफिल टावर जितने बड़े होंगे।

5 क्षुद्रग्रह में से 2 है काफी बड़ें

जानकारी के मुताबिक, इन पांचों क्षुद्रग्रहों में से तीन क्षुद्रग्रह (Asteroid) की साइज बेहद छोटे हैं। वहीं दो ऐसे क्षुद्रग्रह है, जिनका आकार बड़ा होगा। सबसे बड़े क्षुद्रग्रह (Asteroid) का नाम 2008 एएफ4 है। उसकी लंबाई करीब आधा किलोमीटर है। खबर यह भी आ रही है कि अगर ये क्षुद्रग्रह (Asteroid) पृथ्वी (Earth) से टकराए तो इसका असर परमाणु हमले जैसा होगा।

सबसे छोटा क्षुद्रग्रह 2021 AJ

वहीं यह खबर भी सामने आ रही है कि इन पांचों में से सबसे छोटा क्षुद्रग्रह (Asteroid) 2021 AJ देखने में भले ही छोटा है, लेकिन अगर इसकी धुरी गलती से बदलकर पृथ्वी (Earth) से टकरा जाए, तो इसके टकराव से एक बड़ा महानगर का विनाश हो सकता है। लेकिन नासा ने साफ कहा है कि इनमें से कोई भी क्षुद्रग्रह (Asteroid) पृथ्वी के लिए खतरा नहीं है।

Asteroid

क्षुद्रग्रह के बारे में वैज्ञानिकों की राय

वैज्ञानिकों का कहना है कि एक तरफ क्षुद्रग्रह (Asteroid) का आकार पृथ्वी (Earth) पर कितना नुकसान होगा इसकी जानकारी देता है, तो वहीं इसकी गति इस खतरे को कम करने में भी सहायता करती है। जानकारी के मुताबिक, बड़े आकार का क्षुद्रग्रह (Asteroid) पृथ्वी (Earth) के पास से 48 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरते हुए हिरोशिमा बम ब्लास्टो जितनी ऊर्जा निकालता है। वैसे तो पृथ्वी (Earth) के अधिकांश भाग पर पानी होने के कारण अधिकतर क्षुद्रग्रह (Asteroid) पानी में ही गिरते हैं।

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