5 लाख से ज्यादा कारोबारियों ने जीएसटी कंपोजीशन स्कीम चुनी : अधिया

Rishi
Published on: 31 July 2017 2:15 PM GMT
5 लाख से ज्यादा कारोबारियों ने जीएसटी कंपोजीशन स्कीम चुनी : अधिया
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नई दिल्ली : केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने सोमवार को कहा कि अब तक लगभग 5.12 लाख कारोबारियों ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत टैक्स भुगतान की एकमुश्त योजना 'कंपोजीशन स्कीम' का विकल्प चुना है। राजस्व सचिव ने ट्वीट किया, "रविवार (30 जुलाई) तक 5.12 लाख कारोबारियों ने वस्तु एवं सेवा कर के तहत कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुना।"

कंपोजीशन लेवी के लिए सूचना देने की अंतिम समय सीमा 16 अगस्त है। सालाना 75 लाख से कम टर्नओवर वाला व्यापार कंपोजीशन स्कीम लेने के योग्य होगा।

अधिया ने उन खबरों को 'गलत' करार दिया, जिसके मुताबिक केवल एक लाख कारोबारियों ने ही विकल्प के तौर पर कंपोजीशन स्कीम का चयन किया है।

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आईस्क्रीम, पान मसाला, तंबाकू उत्पाद निर्माता व सेवा प्रदाता (रेस्तरां को छोड़कर) कंपोजीशन स्कीम का लाभ लेने के योग्य नहीं हैं।

योजना के तहत, व्यापारी, विनिर्माता तथा रेस्तरांओं के मालिकों को क्रमश: एक, दो तथा तीन फीसदी कर का भुगतान कर सकते हैं।

कंपोजीशन स्कीम का लाभ उठाने के लिए किसी व्यक्ति की पात्रता उसके कारोबार के टर्नओवर के 75 लाख रुपये की सीमा पार के साथ ही खत्म हो जाएगी।

कंपोजीशन स्कीम का लाभ उठाने वाले कारोबारी इनपुट टैक्स क्रेडिट के हकदार नहीं होंगे।

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लेकिन, अगर कोई व्यक्ति सामान्य करदाता के रूप में पंजीकरण करता है और उसका टर्नओवार 75 लाख रुपये से कम होता है, तो वह साल के बीच में कंपोजीशन स्कीम का विकल्प नहीं चुन सकता और यह विकल्प वह अगले वित्तवर्ष में ही चुन सकेगा।

कारोबारी को यह बताना होगा कि वह एक कंपोजीशन स्कीम का लाभ उठा रहा है या अपनी दुकान या परिसर में एक बोर्ड में लिखकर यह दर्शाना होगा।

इसके अलावा, आपूर्ति के बिल पर कारोबारी को यह दर्शाना होगा कि वह कंपोजीशन स्कीम करदाता है, और उसे आपूर्तियों पर कर देने की जरूरत नहीं है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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