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Electric Buses In India: ई-वाहनों पर पूरा जोर, खरीदी जाएंगी 50 हजार इलेक्ट्रिक बसें

Electric Buses In India: भारत में जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों की संख्या तेजी से बढ़ने वाली है। सरकारी कंपनी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड 50,000 इलेक्ट्रिक बसों के लिए 10 अरब डॉलर के टेंडर की योजना बना रही है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 20 July 2022 3:20 PM GMT
Electric Buses In India
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Electric Buses In India। (Social Media)

Electric Buses In India: भारत में जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों (Electric Buses In India) की संख्या तेजी से बढ़ने वाली है। सरकारी कंपनी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (Government company Convergence Energy Services Limited) 50,000 इलेक्ट्रिक बसों के लिए 10 अरब डॉलर के टेंडर की योजना बना रही है। इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट को कार्बन मुक्त करने और जीरो उत्सर्जन के अपने लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करने की भारत की योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।

2020 में किया गया था सीईएसएल का गठन

ब्लूमबर्ग के अनुसार, मांग के साथ इलेक्ट्रिक बसों का स्थानीय उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। सीईएसएल का गठन 2020 में किया गया था। इसे एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के सोलर और इलेक्ट्रिक वाहन लीजिंग के कारोबार का प्रबंधन करने के लिए किया गया था।ये कंपनियां 2070 तक जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने के लक्ष्य के लिए काम कर रही हैं। भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने, ग्रिड क्षमता में सुधार और डिपो को नया स्वरूप देने की जरूरत है। भारत वर्तमान में सड़कों पर सभी दोपहिया वाहनों का विद्युतीकरण कर सकता है और सार्वजनिक बसों का विद्युतीकरण पांच से सात वर्षों में पूरा कर सकता है। इस साल की शुरुआत में सीईएसएल ने पांच राज्य सरकारों की ओर से 5,450 इलेक्ट्रिक बसों का ठेका दिया था।

13 लाख से ज्यादा ई-वाहन

इस बीच आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल 13,34,385 इलेक्ट्रिक वाहन और 27,81,69,631 गैर-इलेक्ट्रिक वाहन उपयोग में हैं। उत्तर प्रदेश में अब इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Buses In UP) की कुल संख्या 3,37,180, दिल्ली में 1,56,393, कर्नाटक में 1,20,532, महाराष्ट्र में 1,16,646 है। ओडिशा में उपयोग में आने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 23, 371 है।

भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से अंगीकरण और विनिर्माण करने की योजना (फेम इंडिया) 2015 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन के मुद्दों से निपटना था। इस योजना के तहत विभिन्न सुविधाएं और सहूलियतें दी जा रही हैं ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा से ज्यादा लोकप्रिय बनाया जा सके।

वर्तमान में फेम इंडिया योजना का दूसरा चरण 1 अप्रैल, 2019 से 5 वर्षों की अवधि के लिए कुल 10 हजार करोड़ रुपये की बजटीय सहायता के साथ लागू है। इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है; इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर/चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।

राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स माफ करने की दी गई सलाह

इसके अलावा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने घोषणा की है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को ग्रीन लाइसेंस प्लेट दी जाएगी और उन्हें परमिट आवश्यकताओं से छूट दी जाएगी। राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स माफ करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा भारी उद्योग मंत्रालय ने फेम इंडिया के तहत 25 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी है। फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण के तहत 9 एक्सप्रेसवे और 16 राजमार्गों पर 1576 चार्जिंग स्टेशन भी स्वीकृत किए गए हैं।

Deepak Kumar

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