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बैंकों में जमा अघोषित कैश डिपाॅजिट पर लग सकता है 60 फीसदी टैक्स
मोदी सरकार नोटबंदी के बाद बैंकों में ढाई लाख रुपए से ज्यादा डिपाॅजिट हुई अघोषित धनराशि पर सरकार करीब 60 फीसदी टैक्स लगा सकती है। ऐसा समझा जाता है कि गुरुवार शाम हुई कैबिनेट मीटिंग में इसके लिए कानून में कुछ संशोधन करने पर विचार विमर्श किया गया।
नई दिल्ली: मोदी सरकार नोटबंदी के बाद बैंकों में ढाई लाख रुपए से ज्यादा डिपाॅजिट हुई अघोषित धनराशि पर करीब 60 फीसदी टैक्स लगा सकती है। ऐसा समझा जाता है कि गुरुवार शाम हुई कैबिनेट मीटिंग में इसके लिए कानून में कुछ संशोधन करने पर विचार विमर्श किया गया। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम अचानक कैबिनेट मीटिंग बुलाई। कैबिनेट मीटिंग के बाद आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई क्योंकि संसद चलने के दौरान नीतिगत फैसलों की जानकारी बाहर नहीं दी जा सकती है।
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इनकम टैक्स लॉ मैं संसोधन
-सूत्रों के अनुसार, मीटिंग में कैशलेस ट्रांजेक्शन बढ़ाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
-इसके साथ ही ई-बैंकिंग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया।
-सूत्रों के अनुसार सरकार मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान इनकम टैक्स लॉ में संसोधन विधेयक लाने की योजना बना रही है।
-इसके तहत सरकार ब्लैकमनी रखने वालों पर 60 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला कर सकती है।
-सरकार ने 30 सितंबर को समाप्त हुई आय घोषणा स्कीम में ब्लैकमनी के खुलासे पर 45 फीसदी टैक्स और पेनाल्टी लगाई थी।
-उस दौरान ब्लैकमनी रखने वाले जिन लोगों ने अपने पैसों का खुलासा नहीं किया था वह अब यदि सरकार योजना लाई तो 60 फीसदी टैक्स देकर अपना पैसा जमा कर सकते हैं।
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जनधन खातों पर नजर
-सूत्रों के अनुसार सरकार की नजर ख़ास तौर पर जनधन खातों में बेनामी जमा राशि पर है।
-जनधन खातों में 21,000 करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि जमा होने के बाद सरकार ज्यादा टैक्स वसूलने पर विचार कर रही है।
-सूत्रों के अनुसार सरकार नोटबंदी के बाद 10 नवंबर से 30 दिसंबर के बीच बैंक खातों में डिपाॅजिट की गई पूरी बेहिसाबी रकम पर टैक्स लगाना चाहती है।