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Maharashtra Politics: शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे को दिया बड़ा झटका, ठाणे नगर निगम के 67 में से 66 पार्षदों ने पाला बदला
Maharashtra Politics: ठाणे नगर निगम से शिवसेना के 67 में से 66 पार्षद एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल हो गए हैं। उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
Maharashtra Politics:महाराष्ट्र में सियासी उठापटक अभी खत्म नहीं हुआ है। उद्धव ठाकरे के हाथ से सत्ता फिसलने के बाद भी उनकी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। ताजा घटनाक्रम में शिवसेना प्रमुख एक बार फिर जोर का झटका लगा है। दरअसल, ठाणे नगर निगम (Thane Municipal Corporation) भी अब शिवसेना (Shiv Sena) के हाथ से फिसल चुका है। ठाणे नगर निगम से शिवसेना के 67 में से 66 पार्षद एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) खेमे में शामिल हो गए हैं।
उद्धव ठाकरे और उनकी शिवसेना के लिए इसे शिंदे गुट की तरफ से दिया गया बड़ा झटका माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि सभी 66 शिवसेना पार्षदों (Shiv Sena Councilors) ने नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके आवास पर मुलाकात की। बता दें कि, मुंबई नगर निगम (Mumbai Municipal Corporation) के बाद ठाणे नगर निगम (Thane Municipal Corporation) महाराष्ट्र की दूसरी सबसे बड़ी निगम है। वर्षों से जिस ठाणे निगम पर शिवसेना का कब्ज़ा रहा है, वहां से आज उद्धव के पैर उखड़ चुके हैं।
ठाणे के 'किंग' हैं एकनाथ शिंदे
यहां आपको ये जानना जरूरी है कि सीएम एकनाथ शिंदे की ठाणे क्षेत्र में मजबूत पकड़ मानी जाती रही। दरअसल, एकनाथ शिंदे ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत यहीं से की थी। एकनाथ शिंदे वर्ष 1997 में ठाणे नगर निगम चुनाव को जीतकर ही पहली बार पार्षद बने थे। शिंदे साल 2001 में नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता भी रहे। समय शिंदे के साथ था। साल साल 2002 में वो एक बार फिर ठाणे से निगम पार्षद चुने गए। तब के पार्षद और अब के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे साल 2004 में ठाणे विधानसभा सीट (Thane Assembly seat) से पहली बार चुनाव जीते थे। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। शिंदे साल 2009, 2014 और 2019 में ठाणे क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे।
महाराष्ट्र की सियासत के सूत्रधार शिंदे
गौरतलब है कि, हाल में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला। एकनाथ शिंदे गुट ने महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के बाद विद्रोह का बिगुल फूंक दिया। शिंदे की बगावत इस कदर बढ़ी कि शिवसेना के अधिकतर बागी विधायक उनके साथ हो लिए। पहले सभी सूरत पहुंचे, फिर गुवाहाटी में डेरा दाल दिया। नतीजतन शिवसेना टूट गई और महाराष्ट्र की सरकार गिर गई। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई। शिंदे जहां मुख्यमंत्री बने वहीं, देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री बने।