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आज ही के दिन हुआ था सबसे बड़ा रेल हादसा, खचाखच भरे 7 डिब्बे डूब गए थे उफनती बागमती में

aman
By aman
Published on: 6 Jun 2017 12:45 AM GMT
आज ही के दिन हुआ था सबसे बड़ा रेल हादसा, खचाखच भरे 7 डिब्बे डूब गए थे उफनती बागमती में
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आज ही के दिन हुआ था सबसे बड़ा रेल हादसा, खचाखच भरे 7 डिब्बे डूब गए थे उफनती बागमती में

लखनऊ: इतिहास के पन्ने में आज (06 जून) का दिन बिहार के उस रेल हादसे के लिए याद किया जाता जिसमें यात्रियों से खचाखच भरी ट्रेन सहरसा स्टेशन जाने के दौरान उफनती बागमती नदी में समा गई थी। इस ट्रेन हादसे में हजार लोग मारे गए थे।

यह ट्रेन बिहार के मानसी स्टेशन से सहरसा जा रही थी। आंकड़ों की मानें तो इस ट्रैन में 800 लोग सवार थे, जबकि गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यात्रियों की संख्या इससे कई गुना ज्यादा थी। ट्रेन को रास्ते में बागमती नदी पर बने पुल से गुजरना था। लेकिन इसी दौरान वह फिसल कर नदी में गिर गई। ट्रेन के कुल 9 में से 7 डिब्बे डूब गए। ख़बरों के मुताबिक, उस वक्त बागमती का जलस्तर काफी ऊंचा था।

अब भी हादसे की असली वजह पता नहीं

हादसे की सही वजह का पता अब तक नहीं लग पाया है। छपी रिपोर्ट के मुताबिक, एक गाय को बचाने के लिए ड्राइवर ने जोरदार ब्रेक लगाया और उसने नियंत्रण खो दिया। एक प्रतिष्ठित वेबसाइट का कहना है, कि जब ट्रेन बागमती नदी पर बने पुल के पास पहुंची। तभी एक गाय पटरियों को पार कर रही थी। गाय को बचाने के लिए ड्राइवर ने पूरी ताकत से ब्रेक लगाया। ट्रेन की पटरियों से फिसलकर 7 डिब्बे सीधे नदी में जा गिरे। जलस्तर काफी ऊंचा होने के कारण सभी डिब्बे पानी में डूब गए।

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3,000 के करीब थी मृतकों की संख्या

घटना के अगले दिन 'न्यूयॉर्क टाइम्स' भारत की दो प्रमुख समाचार एजेंसियों के हवाले से रिपोर्ट छापी। इसमें कहा गया, 'शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार ट्रेन में 500 लोग सवार थे। लेकिन दो रेल अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या 1,000 से बहुत ज्यादा करीब 3,000 तक पहुंच सकती है।' हादसे के बाद गोताखोरों ने कई दिनों तक पानी में तलाशी की लेकिन बताया जाता है कि कई लोगों के शव पानी के साथ बह गए।

हादसों के बाद भी नहीं सुधरा तंत्र!

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस हादसे के बाद भी भारतीय रेल में कुछ खास सुधार देखने को नहीं मिला, जबकि यह दुनिया का सबसे बड़ा रेल तंत्र है, जो 160 साल से ज्यादा पुराना है। भारत में आम तौर पर ट्रेनें अपनी क्षमता से ज्यादा यात्रियों को ढोती हैं लेकिन उसके अनुसार सुविधाओं का अभाव है। इसी वजह से देश में आए दिन रेल हादसे होते रहते हैं।

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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