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Acharya Pramod Krishnam- 'मैं कुछ ऐसे कांग्रेस नेताओं को जानता हूं जो हिंदू शब्द से नफरत करते हैं'
हाल ही में प्रमोद कृष्णम ने आरोप लगाया था कि, कांग्रेस पर कुछ वामपंथी दल के लोगों ने कब्जा कर लिया। जो स्वयं को ज्यादा सेक्युलर साबित करने के लिए हिंदू आस्थाओं का अपमान कर रहे हैं।
Acharya Pramod Krishnam News : कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Congress Leader Acharya Pramod Krishnam) आजकल अपनी ही पार्टी के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार किए हुए हैं। हफ्ते भर के भीतर अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर दूसरी बार हमला बोलते हुए प्रमोद कृष्णम ने कहा, 'मैं कुछ ऐसे कांग्रेस नेताओं को जानता हूं जो 'हिंदू' शब्द से नफरत करते हैं।'
बता दें कि, हाल ही में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आरोप लगाया था कि, कांग्रेस पार्टी पर कुछ वामपंथी दल के लोगों ने कब्जा कर लिया है। जो स्वयं को ज्यादा सेक्युलर साबित करने के लिए हिंदू आस्थाओं का लगातार अपमान कर रहे हैं। इससे कांग्रेस पार्टी का नुकसान हो रहा है।'
कांग्रेस में बीजेपी के एजेंट
कांग्रेस नेता ने बीते दिनों आरोप लगाया था, कि 'उनकी पार्टी में कुछ नेता भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, वैसे नेताओं की हरकतों से कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।'
क्या पार्टी छोड़ेंगे?..दिया ये जवाब
इसी क्रम में मीडिया ने जब आचार्य प्रमोद कृष्णम से उनके बदले-बदले तेवर पर ये पूछा कि क्या वो पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं? तो उन्होंने कहा, कि 'वो कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ने जा रहे हैं। उनके बारे में यह अफवाह वही लोग फैला रहे हैं जिन्हें कांग्रेस के मूल सिद्धांतों में भरोसा नहीं है।'
'इंदिरा गांधी देवरहा बाबा की भक्त थीं'
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मीडिया से बात करते हुए कहा, कि उनकी पार्टी (कांग्रेस) महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी रही है। महात्मा गांधी स्वयं भगवान राम के सबसे बड़े उपासक थे। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी देवरहा बाबा की भक्त थीं। सोनिया गांधी भी कुंभ में स्नान कर चुकी हैं, तो राहुल गांधी स्वयं को बार-बार शिवभक्त साबित कर चुके हैं। मगर, उनकी पार्टी के कुछ लोग जो न तो कांग्रेस को समझते हैं और न ही संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना का सही अर्थ समझते हैं, वे खुद को ज्यादा सेक्युलर साबित करने के लिए हिंदू आस्थाओं का अपमान कर रहे हैं।'
बताया सेक्युलर का अर्थ
प्रमोद कृष्णम ने समझाते हुए कहा, 'देश के संविधान को सेक्युलर बनाया गया। मगर, सेक्युलर होने का अर्थ किसी धर्म का अपमान करना कतई नहीं है। यदि ऐसा होता तो संविधान के पन्नों पर भगवान राम के दरबार का चित्र अंकित नहीं होता। उसी तरह, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की कुर्सी पर संस्कृत में 'जहां धर्म होता है, वहीं विजय होती है', न लिखा होता।'