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Acid Attack : नहीं लग पा रही रोक
Acid Attack: आंकड़े बताते हैं कि 2016 से 2021 तक के पांच सालों में एक हजार से ज़्यादा एसिड हमले दर्ज किए गए हैं।
Acid Attack: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि 2016 से 2021 तक के पांच सालों में एक हजार से ज़्यादा एसिड हमले दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट किए गए एसिड हिंसा के मामलों की संख्या सालाना 200 से 250 के आसपास रहती है।
एसिड अटैक रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं और एसिड बिक्री तथा उपलब्धता को नियंत्रित करने के लिए विशेष कानून बनाये हैं। हालाँकि, डेटा दिखाता है कि नियमों के प्रमुख पहलुओं को प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है, और एसिड हासिल करना अभी भी आसान है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
2013 में सुप्रीम कोर्ट ने एसिड अटैक की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर पूरे भारत में एसिड की ओवर-द-काउंटर बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को खुदरा विक्रेताओं को एसिड-बिक्री लाइसेंस जारी करने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा, दुकानदारों को एसिड खरीदने वालों का आईडी प्रूफ देखने के बाद उनका रिकॉर्ड रखने का भी निर्देश दिया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में एसिड अटैक को ‘हत्या से भी बदतर’ बताया था और कहा था कि इस तरह के विनाशकारी हमले के बाद पीड़ितों के पास अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की बहुत कम संभावना होती है। अदालत ने कहा था कि पीड़ितों को मुफ्त चिकित्सा उपचार और न्यूनतम तीन लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए। न्यायालय के फैसले के अनुसार, सिर्फ लाइसेंसधारी लोगों को ही यह केमिकल खरीदने की अनुमति होगी। न्यायालय ने 2017 में राज्यों और केंद्र सरकार से एसिड हमलों को रोकने के लिए देश भर में एसिड के उपयोग की निगरानी करने को कहा था।
असलियत कुछ और
लेकिन असलियत ये है कि आज 11 साल बाद भी कोई भी व्यक्ति बिना किसी सत्यापन के, ऑनलाइन या किराना स्टोर से एसिड की बोतल खरीद सकता है।2022 में दिल्ली में एक लड़की पर एसिड फेंका गया। जिस लड़के को इस मामले में पकड़ा गया उसने बताया कि टॉयलेट साफ करने वाला एसिड ऑनलाइन खरीदा था।टॉयलेट क्लीनर में मुख्य घटक हाइड्रोक्लोरिक एसिड होता है और ये किराना या हार्डवेयर दुकानों में मिल जाता है और शायद ही कोई दुकानदार ग्राहक से आईडी प्रूफ लेता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड जब त्वचा या अन्य टिश्यू के संपर्क में आता है तो रासायनिक जलन पैदा कर सकता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कम सांद्रता त्वचा की जलन और सूजन का कारण बन सकती है।
एसिड अटैक क्या है?
एसिड अटैक एक ऐसा अपराध है जिसमें किसी व्यक्ति पर एसिड फेंककर, किसी को एसिड पिलाकर या एसिड के साथ कुछ भी करके उसे चोट पहुंचाई जाती है। भारत का विधि आयोग एसिड अटैक को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के एक रूप के रूप में परिभाषित करता है, जिसमें अपराधी किसी व्यक्ति या वस्तु पर एसिड छिड़कता है ताकि उसे नुकसान पहुंचा सके या उसे मार सके। ऐसे हमले अक्सर घर, सड़क और यहां तक कि कार्यस्थलों पर भी होते हैं। वर्ष 2016 में 283 एसिड हमले हुए, जबकि 2021 में 176 मामले दर्ज किए गए थे।