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Adani Gruop: अडानी मजबूत कर रहे अपनी साख
Adani Group: अडानी ग्रुप अपने क्रेडिटर्स को आश्वस्त करने के लिए लगातार एक के बाद एक कदम उठाता जा रहा है।
Adani Group: गौतम अडानी का अडानी ग्रुप कुछ दिनों से चौतरफा विवाद के घेरे में है। ग्रुप कंपनियों के शेयर बहुत नीचे चले गए हैं। अडानी ग्रुप के लिए यह संकटपूर्ण समय लग रहा है। लेकिन ऐसे विपरीत परिस्थितियों में अडानी हताश नहीं हैं। उन्होंने बाजार में अपनी साख बनाये रखने और उसे मजबूती देने के लिए भी लगातार कदम उठाए हैं। अडानी ग्रुप अपने क्रेडिटर्स को आश्वस्त करने के लिए लगातार एक के बाद एक कदम उठाता जा रहा है। इसके अलावा, ग्रुप कंपनियों के ऑपरेशन्स पहले की तरह न सिर्फ जारी हैं बल्कि इनमें इजाफा भी होता जा रहा है। श्रीलंका और इजरायल में इसके ताजातरीन उदाहरण सामने हैं।
समय से पहले अदायगी
अडानी ग्रुप ने अपनी लिक्विडिटी की मजबूती दिखाने के लिए कई प्रीपेमेंट किये हैं। इनमें वह अदायगी शामिल है, जो गिरवी रखे शेयरों के बदले की गई है। इन शेयरों की रकम की अदायगी में अभी समय सीमा काफी दूर थी । लेकिन अडानी ने फरवरी महीने में ही कई बड़े प्री पेमेंट करके अपनी लिक्विडिटी साबित कर दी।
अडानी ग्रुप की इकाइयों और खुद अडानी परिवार द्वारा उधारी चुकाना निवेशकों को यह समझाने के लिए है कि समूह को किसी भी तरह की लिक्विडिटी या सॉल्वेंसी के मुद्दों का सामना नहीं करना पड़ता है। अडानी और उनके परिवार ने अडानी ग्रुप की तीन फर्मों में गिरवी रखे शेयरों को पुनः प्राप्त करने के लिए 6 फरवरी को 1.11 बिलियन डॉलर मूल्य की उधारी का भुगतान किया है। दूसरी ओर अडानी पोर्ट्स यूनिट ने अप्रैल से शुरू होने वाले वर्ष में 50 अरब रुपये का कर्ज चुकाने के लिए 8 फरवरी को योजनाओं की घोषणा की है। इसके अलावा ग्रुप ने अगले महीने 500 मिलियन डॉलर के ऋण का समय पूर्व भुगतान करने की भी योजना बनाई है।
अडानी पोर्ट्स
ताजा घटनाक्रम में कंपनी ने कहा है कि अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन, मार्च में मैच्योर होने वाले कमर्शियल पेपर्स में 10 अरब रुपये (120.8 मिलियन डॉलर) का भुगतान करने की योजना बना रही है। यह पार्ट प्रीपेमेंट मौजूदा कैश बैलेंस और बिजनेस ऑपरेशंस से उत्पन्न फंड से होगा।
म्यूचुअल फंड्स को पेमेंट
उधारदाताओं के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए, अडानी ग्रुप मार्च तक मैच्योर होने वाले वाणिज्यिक पत्रों के माध्यम से म्यूचुअल फंडों के अपने सभी बकाया चुका रहा है। जिन फंड हाउसों को प्री-पेमेंट मिल रहा है, वे हैं एचडीएफसी म्यूचुअल फंड और आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड। एसबीआई एमएफ ने 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान प्राप्त किया है और अडानी वाणिज्यिक पत्रों के लिए अब उसका कोई जोखिम नहीं बचा है।
श्रीलंका प्रोजेक्ट
अडानी ग्रुप का कामकाज सामान्य रूप से जारी है । यह इस बात से पता चलती है कि अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को 442 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ दो पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए श्रीलंका के निवेश बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। कम्पनी ने कहा है कि 350 मेगावाट के दो पवन ऊर्जा संयंत्रों को दो साल में चालू करने की योजना है। अडानी समूह के अधिकारी श्रीलंका के साथ कई परियोजनाओं का मूल्यांकन करने के लिए कोलंबो में मौजूद हैं। यह समूह श्रीलंका के सबसे बड़े बंदरगाह पर 700 मिलियन डॉलर की टर्मिनल परियोजना के निर्माण में भी शामिल है। श्रीलंका के निवेश बोर्ड ने कहा कि अडानी ग्रीन एनर्जी की यह पवन ऊर्जा परियोजना 1,500 से 2,000 नए रोजगार के अवसर पैदा करेगी। द्वीप राष्ट्र का लक्ष्य अपने उत्तरी क्षेत्रों से दक्षिणी भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का निर्यात करना भी है
हाइफा पोर्ट
अडानी ग्रुप की इजरायल में बड़ी मौजूदगी है। अडानी ने इजरायल की एक कम्पनी के साथ मिलकर इजरायल के हाइफा बंदरगाह की खरीद की है। इजरायल के राजदूत नोर गिलॉन ने कहा है कि इजरायल के राज्य के स्वामित्व वाले बंदरगाहों के विनिवेश के हिस्से के रूप में हाइफा की बिक्री एक "ऐतिहासिक" सौदा है।
अडानी समूह को हाइफा बंदरगाह सौंपना भारतीय कंपनियों को अपनी रणनीतिक संपत्ति सौंपने में इजरायल के "गहरे भरोसे" को दर्शाता है। इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा है कि अडानी समूह ने "हाइफा बंदरगाह की पूरी लागत का भुगतान किया है" और पोर्ट के आगे के विकास के लिए उसके पास पर्याप्त धनराशि है। उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप देश में और परियोजनाओं पर भी फोकस किये हुए है और उम्मीद है कि फर्म इन प्रयासों में सफल होगी।
बता दें कि अडानी ग्रुप के नेतृत्व में एक कंसोर्टियम ने पिछले महीने 1.15 अरब डॉलर में भूमध्यसागर पर एक प्रमुख व्यापार और पर्यटन केंद्र हाइफा बंदरगाह की खरीद पूरी की है। सौदे के पूरा होने के अवसर पर एक समारोह में इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ खड़े होकर, अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने "पूरे बंदरगाह के परिदृश्य को बदलने" के लिए इज़राइल में और निवेश की बात कही थी।
कुछ अडानी के बारे में
गौतम अडानी का अडानी ग्रुप कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल एवं गैस खोज, बंदरगाहों, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन एवं पारेषण और गैस वितरण में फैले कारोबार को सम्भालने वाला विश्व स्तर का एकीकृत बुनियादी ढांचा है।
33 वर्षों के व्यापार अनुभव के साथ, गौतम अडानी प्रथम पीढ़ी के उद्यमी हैं । जिन्होंने अपेक्षाकृत कम समय में विशाल बिजनेस साम्राज्य स्थापित किया है।
उनकी सफलता भारत के आम आदमी की सफलता की कहानी है कि कैसे एक मामूली पृष्ठभूमि के व्यक्ति ने अपनी मेहनत और लगन से बुलंदियों को हासिल कर दिखाया। आज उन्हें बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विश्व भर के 100 सबसे प्रभावशाली व्यवसायियों में गिना जाता है।
दरअसल, अडानी उदारीकृत भारत की उपज हैं। 1980 के दशक की शुरुआत में कुछ साल मुंबई में हीरा व्यापारी के रूप में बिताने के बाद, उन्होंने 1988 में एक निर्यात-आयात कंपनी के रूप में अडानी एंटरप्राइजेज की स्थापना की, मनमोहन सिंह द्वारा लाइसेंस-परमिट राज की समाप्ति से ठीक तीन साल पहले। अडानी ने एक बार इंडिया टुडे से कहा था - सरकार से निपटने का मतलब यह नहीं है कि आपको रिश्वत देनी होगी। नौकरशाहों और राजनेताओं के साथ काम करने के मेरे अनुभव से, यदि आप एक विश्वसनीय व्यवसाय समूह हैं, तो वे निश्चित रूप से आपकी मदद करेंगे। क्योंकि अंततः वे भी विकास चाहते हैं, अपने निर्वाचन क्षेत्र, राज्य या देश का।"