46 साल बाद आज खुला महाप्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार, भक्तों के लिए बंद मंदिर के दरवाजे, जानें क्यों?

Jagannath Puri: मरम्मत के लिए रत्न भंडार (कोषागार) खोलने जाने और यहां से बुहमूल्य वस्तुओं के स्थानांतरित होने की वजह से सुरक्षा को देखते हुए भक्तों का मंदिर में प्रवेश पर प्रतिंबध लगा दिया गया है।

Viren Singh
Published on: 18 July 2024 5:32 AM GMT
Jagannath Puri
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Jagannath Puri (सोशल मीडिया) 

Jagannath Puri: ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में गुरुवार को सुबह 8 बजे से रत्न भंडार (कोषागार) के आंतरिक कक्ष से बेशकीमती सामान सोना-चांदी इत्यादि को अस्थायी 'स्ट्रांग रूम' में स्थानांरित किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह प्रक्रिया दोपहर 1 बजे तक चलेगी। रत्न भंडार को तहखाना से निकाल कर कहीं बाहर नहीं बल्कि मंदिर के अंदर बने अस्थायी स्ट्रांग रूम में ट्रांसफर किया जाना है। दरअसल, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मंदिर के आंतरिक कक्ष में संरक्षण का काम करना है, इसलिए तहखाना से रत्न भंडार को ट्रांसफर किया जा रहा है। रत्न भंडार कक्ष करीब 46 साल बाद खोला गया है। ऐसे में इस कार्य के चलते गुरुवार सुबह से मंदिर में भक्तों के दर्शन के लिए बंद कर दिया गया है।

इस वजह से खोला गया रत्न भंडार कक्ष

जगन्नाथ मंदिर पुरी 12वीं सदी का मंदिर है। मरम्मत के लिए रत्न भंडार (कोषागार) खोलने जाने और यहां से बुहमूल्य वस्तुओं के स्थानांतरित होने की वजह से सुरक्षा को देखते हुए भक्तों का मंदिर में प्रवेश पर प्रतिंबध लगा दिया गया है। आज किसी भी श्रद्धालु को मंदिर में दर्शन के लिए नहीं जानें दिया गया। हालांकि दर्शन बंद नहीं किए गए हैं। मंदिर का केवल सिंह द्वार ही खुला है, जबकि बाकि सारे दरवाजे बंद कर दिये गए हैं। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख अरबिंद पाधी ने कहा कि रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को फिर से खोलने की व्यवस्था की जा रही है, इसलिए हमने मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। केवल अधिकृत व्यक्तियों और सेवकों को ही सुबह आठ बजे के बाद मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई। मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी ASI के पास है।


दर्शन नहीं किये गए बंद, यूं कर सकेंगे दर्शन

हालांकि मंदिर में दर्शन बंद नहीं किये गए हैं। सिंह द्वार ही केवल खुला है, बाकी सभी द्वार बंद हैं। भक्त चाहें तो आज भी भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के अधिकांश द्वार बंद होने के बाद भी लोग इसलिए दर्शन कर पा रहे हैं, क्योंकि ये दो देवता और एक देवी वर्तमान समय में तीनों ही मंदिर के बाहर अपने रथों पर हैं।

SOP प्रक्रिया का किया गया पालन

जगन्नाथ मंदिर का प्रशासन राज्य सरकार के विधि विभाग के अधीन है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक भगवान को सालों से भक्त कीमती वस्तु दान करते आ रहे हैं। इन कीमती वस्तुओं को पहले रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष में संग्रहित किया जाता है। उसके बाद मंदिर परिसर के अंदर अस्थायी स्ट्रांग रूम में ट्रांसफर कर दिया जाता है। मरम्मत के लिए तहखाने का ताला खोलने की प्रक्रिया राज्य सरकार द्वारा तय मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत की गई। विशेष समिति के सदस्य रत्न भंडार के अंदर मौजूद हैं। यह लोग दोपहर 12.15 बजे तक आंतरिक कक्ष में मौजूद रहेंगे।



Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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