फास्टैग के बाद अब स्पीड पर लगाम, शुरू हो गया अभियान, जानिए क्या होगा लाभ

फास्टैग लागू होने के बाद अब देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) से स्पीड ब्रेकर को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने सभी प्रकार के स्पीड ब्रेकरों व रंबल स्ट्रिप्स को हटाने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अभियान शुरू कर दिया है। 

suman
Published on: 8 Jan 2020 5:43 AM GMT
फास्टैग के बाद अब स्पीड पर लगाम,  शुरू हो गया अभियान, जानिए क्या होगा लाभ
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नई दिल्ली: फास्टैग लागू होने के बाद अब देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) से स्पीड ब्रेकर को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने सभी प्रकार के स्पीड ब्रेकरों व रंबल स्ट्रिप्स को हटाने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अभियान शुरू कर दिया है।

नकद में टोल टैक्स वसूलने की व्यवस्था को फास्ट टैग में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। विभिन्न श्रेणियों की सड़कों को अलग-अलग परिस्थितियों में वाहनों की गति नियंत्रित करने के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इससे वाहनों का परिचालन सुगम और सुरक्षित तरीके से हो सकेगा।

कुछ स्थानों पर यातायात को नियंत्रित करने और सुरक्षित बनाए रखने के लिए उनकी गति पर नियंत्रण रखना आवश्यक हो जाता है। वाहनों की गति तेज या धीमी करते समय स्पीड ब्रेकर काफी परेशानी पैदा करते हैं। इनकी वजह से ईंधन खपत भी ज्यादा होती है।

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सड़क यातायात को सुगम और ब्रेकर फ्री बनाने के लिए खासतौर से टोल प्लाजा पर बने स्पीड ब्रेकर या रंबल स्ट्रीप (गतिरोधक पट्टियां) हटाएं जाएंगे। मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों के सभी टोल प्लाजा पर नकदी लेन को भी फास्टैग लेन में तब्दील किया जा चुका है।

ऐसे में वहां स्पीड ब्रेकर या रंबल स्ट्रीप का होना बाधा रहित यातायात के लिए घातक है। इससे वाहनों में पीछे से टक्कर लगने की आशंका बढ़ जाती है, जिसमें यात्रियों की जान चली जाती है। इसके अलावा, यात्रियों की रीढ़ की हड्डी चोटिल होने का खतरा बना रहता है। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने एनएचएआई के क्षेत्राधिकार वाले सड़कों से स्पीड ब्रेकर हटाने का फैसला किया है। इससे वाहनों की सामान्य गति सुनिश्चित हो पाएगी।

स्पीड ब्रेकर राष्ट्रीय राजमार्ग रफ्तार के लिए बनाए जाते हैं। हालांकि, इंडियन रोड कांग्रेस के नियमों के तहत रेलवे क्रॉसिंग, स्कूल, अस्पताल और पुलिया से पहले तय मानकों के अनुरूप स्पीड ब्रेकर बनाने का प्रावधान है, लेकिन स्थानीय लोगों के दबाव में देशभर में बड़ी संख्या में अवैध स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं। कई स्थानों पर ब्रेकर इतने ऊंचे हैं कि उससे वाहनों के एक्सल तक टूट जाते हैं। इसके अलावा, अचानक ब्रेक लगने से पीछे से तेजी से आ रहे वाहनों की टक्कर की आशंका बनी रहती है।

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परिवहन मंत्रालय का कहना है कि सड़कों की श्रेणी के हिसाब से उसकी डिजाइनिंग होती है। सड़क डिजाइनिंग के अनुसार ही स्पीड ब्रेकर का प्रावधान है। मंत्रालय का मानना है कि स्पीड ब्रेकर या रंबल स्ट्रीप हटाए जाने के कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा फायदा ईंधन की बचत है।

एक अध्ययन में देश में हर साल जितने भी सड़क हादसे होते हैं, उनमें 40 फीसदी दुर्घटनाएं स्पीड ब्रेकर के कारण होती हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में स्पीड ब्रेकर से प्रतिदिन करीब 10 लोगों की मौत होती है। 2015 में देशभर में स्पीड ब्रेकर की वजह से करीब 11,084 हादसे हुए, जिनमें से 3,409 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 2014 में इसके कारण कुल 11,008 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 3,633 लोगों को मौत हो गई थी।

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