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Maharashtra: महाराष्ट्र की हार के बाद MVA में घमासान,उद्धव सेना हमलावर,कहा-कांग्रेस के ओवर कॉन्फिडेंस से डूब गई नैया

Maharashtra News: गठबंधन में शामिल दलों ने एक-दूसरे पर हमले की शुरुआत कर दी है। विधानसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ महायुति को प्रचंड बहुमत हासिल हुआ है जबकि एमवीए में शामिल दलों को अपने गढ़ में भी हार का सामना करना पड़ा है।

Anshuman Tiwari
Published on: 28 Nov 2024 6:53 PM IST
Maharashtra News ( Pic- Social- Media)
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 Maharashtra News ( Pic- Social- Media)

Maharashtra:महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) में घमासान शुरू हो गया है। गठबंधन में शामिल दलों ने एक-दूसरे पर हमले की शुरुआत कर दी है। विधानसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ महायुति को प्रचंड बहुमत हासिल हुआ है जबकि एमवीए में शामिल दलों को अपने गढ़ में भी हार का सामना करना पड़ा है।

चुनावी हार के बाद उद्धव सेना के वरिष्ठ नेता अंबादास दानवे ने चुनावी हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा है। महाराष्ट्र विधान परिषद में विरोधी दल के नेता दानवे ने कहा कि कांग्रेस का अति आत्मविश्वास चुनाव में हमें ले डूबा। यह पहला मौका है जब चुनाव नतीजे के बाद उद्धव सेना की ओर से कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला गया है।

कांग्रेस का ओवर कॉन्फिडेंस ले डूबा

महाविकास अघाड़ी गठबंधन की चुनावी हार के लिए दानवे ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया है। दानवे की ओर से किया गया यह हमला सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि दानवे को उद्धव गुट का कद्दावर नेता माना जाता है और इसके साथ ही वे विधान परिषद में भी विरोधी दल के नेता हैं। उन्होंने कहा कि चुनावी हार के लिए कांग्रेस ही पूरी तरह जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजे की घोषणा से पहले ही कांग्रेस का हर नेता सूट पहनकर तैयार था। जैसे उसकी ही सरकार बनने जा रही हो। कांग्रेस के नेता पूरी तरह ओवर कॉन्फिडेंस में थे। इसकी वजह से चुनाव रणनीति बनाने में भी ढिलाई बरती गई।

अब उद्धव सेना को मजबूत बनाने पर जोर

उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग के काम में काफी विलंब किया गया। आखिरी समय तक गठबंधन में सीटों का बंटवारा होता रहा। सर्वे के नाम पर लोकसभा चुनाव के नतीजे को आधार बताया गया और कांग्रेस के लोग कई सीटें लेने में कामयाब रहे मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अब भविष्य को ध्यान में रखते हुए हमें अपने पार्टी को मजबूत बनाना होगा और इस बाबत हमने पार्टी मुखिया तक अपनी बात पहुंचा दी है।

दानवे ने कहा कि भले ही हम भविष्य में राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर चुनाव न लड़ें मगर हमें सभी सीटों पर अपने पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव अभी दूर हैं मगर उससे पहले संगठन को पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मातोश्री में इस संबंध में बैठक बुलाई गई थी और इस बैठक के दौरान शिव सैनिकों ने अपनी बात पार्टी के मुखिया उद्धव ठाकरे तक पहुंचाई है।

चुनाव में एमवीए का खराब प्रदर्शन

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 20 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस सिर्फ 16 सीटों पर ही सिमट गई है। शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी को 10 सीटों पर जीत मिली है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल इन तीनों दलों का चुनाव में प्रदर्शन काफी खराब रहा है जबकि गठबंधन को सत्ता का दावेदार माना जा रहा था। दूसरी ओर सत्तारूढ़ महायुति में भाजपा ने अकेले 132 सीटों पर जीत हासिल की है। एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 57 सीटें मिली हैं जबकि एनसीपी के अजित पवार गुट ने 41 सीटों पर जीत हासिल की है।

शिंदे को सीएम बनाना गलत होता

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान का जिक्र करते हुए दानवे ने कहा कि चुनाव नतीजे के मुताबिक भाजपा काफी मजबूत स्थिति में है और ऐसी स्थिति में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद की आस नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा की ओर से शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया जाता तो यह कदम गलत होता। उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद लायक चेहरा नहीं है और यदि चेहरा नहीं है तो पार्टी ने इतनी सीटें कैसे जीत ली हैं?



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Shalini Rai

Shalini Rai

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