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Mohan Bhagwat: IB के अलर्ट के बाद RSS प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ी, Z प्लस से अब ASL हुई
Mohan Bhagwat: मोहन भागवत की सुरक्षा IB के थ्रेट अलर्ट के बाद बढ़ाई गई है। अब नई सिक्योरिटी के बाद CISF की टीम उस स्थान पर पहले से ही मौजूद रहेगी जहां भागवत को जाना होगा। मौजूदा समय में उनकी सुरक्षा में 58 कमांडो क्लॉक वाइज तैनात रहते हैं।
Mohan Bhagwat:आई के थ्रेट अलर्ट के बाद आरएसएस चीफ मोहन भागवत की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। मोहन भागवत को पहले से ही जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। जानकारी के अनुसार, RSS प्रमुख की सुरक्षा को अब Z प्लस से बढ़ाकर एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) कर दिया गया है। बता दें कि मोहन भागवत की सुरक्षा CISF के द्वारा की जाती है।
आईबी ने किया था अलर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, मोहन भागवत की सुरक्षा आईबी के थ्रेट अलर्ट के बाद बढ़ाई गई है। अब नई सिक्योरिटी के बाद सीआईएसएफ की टीम उस स्थान पर पहले से ही मौजूद रहेगी जहां मोहन भागवत को जाना होगा। मौजूदा समय में उनकी सुरक्षा में 58 कमांडो क्लॉक वाइज तैनात रहते हैं। बता दें कि जिस शख्स को एएसएल स्तर की सुरक्षा मिलती है उसकी सुरक्षा से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभागों जैसी स्थानीय एजेंसियों की भागीदारी को अनिवार्य करता है। जानकारी के अनुसार, इसमें बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा होता है। साथ ही चॉपर यात्रा की अनुमति केवल विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में ही दी जाती हैं। जिसके लिए अलग तरह का प्रोटोकॉल होता है।
कैसे तय होती है सुरक्षा व्यवस्था
सुरक्षा कैटेगरी और सुरक्षाकर्मी खुफिया ब्यूरो की ओर से सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए देश के VVIP और अन्य क्षेत्रों के लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है।
भारत में 4 तरह की सुरक्षा कैटेगरी है जिसमें X, Y, Z और Z प्लस सुरक्षा कैटेगरी होती है और इसमें Z प्लस कैटेगरी सबसे बड़ी सुरक्षा कैटेगरी होती है। इन लोगों की सुरक्षा पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं। भारत में VVIP, VIP, राजनेताओं, हाई-प्रोफाइल हस्तियों और दिग्गज खिलाड़ियों को यह सुरक्षा पुलिस और स्थानीय सरकार के अलावा नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (एनएसजी), इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) की ओर से दी जाती है। NSG का इस्तेमाल VVIP और VIP लोगों की सुरक्षा में सबसे ज्यादा किया जाता है।
1. X स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था
एक्स स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में केवज 2 सुरक्षाकर्मी (कमांडो शामिल नहीं) शामिल होते हैं। यह सुरक्षा दिए जाने की बेसिक प्रोटेक्शन है। इसमें एक पीएसओ (पर्सनल सिक्यूरिटी ऑफिसर) भी होता है।
2. वाई कैटेगरी सुरक्षा व्यवस्था
वाई कैटेगरी सुरक्षा व्यवस्था में देश के वो वीआईपी लोग आते हैं जिनको इसके तहत 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं। इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते हैं।
3.जेड कैटेगरी सुरक्षा
जेड कैटेगरी स्तर की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं जिसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के 4 या 5 कमांडर भी होते हैं। अतिरिक्त सुरक्षा दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ की ओर से मुहैया कराई जाती है। सुरक्षा में एक एस्कॉर्ट कार भी शामिल होती है। कमांडोज सब मशीनगन और आधुनिक संचार के साधनों से लैस रहते हैं। इसके अलावा इन्हें मार्शल ऑर्ट से प्रशिक्षित किया जाता है। इनके पास बगैर हथियार के लड़ने का भी अनुभव होता है।
4. जेड प्लस कैटेगरी सुरक्षा व्यवस्था
जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में एक-दो नहीं बल्कि 36 सुरक्षाकर्मी लगे होते हैं जिसमें एनएसजी के भी 10 कमांडोज होते हैं। इस सुरक्षा व्यवस्था को दूसरी एसपीजी कैटेगरी भी कहा जाता है। ये कमांडोज अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। उनके पास लेटेस्ट गैजेट्स और यंत्र होते हैं। सुरक्षा के पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है, इसके बाद दूसरे स्तर पर एसपीजी के अधिकारी होते हैं। साथ ही
साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान उनकी सुरक्षा में लगाए जाते हैं। प्रधानमंत्री के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप 4 स्तरीय सुरक्षा के अलावा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) एक विशिष्ट सुरक्षा व्यवस्था है जिसके तहत देश के वर्तमान और पूर्व प्रधानमंत्रियों के अलावा उनके करीबी परिजनों की यह सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश के शीर्ष पद पर बैठे नेता और उनके परिजनों की सुरक्षा देने के लिहाज से एसपीजी की स्थापना की गई थी।